अमेरिका में बसे भारतीयों के जीवनसाथियों की मुसीबतें बढ़ाएगा ट्रंप का एच-4 वीजा बैन
एच-1बी वीजा धारकों के जीवनसाथियों को मिलने वाले एच-4 वीजा को 60 दिनों के लिए फ्रीज करने को तैयार हैं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप। फरवरी 2015 में भारतीयों का मिला था इस वीजा का फायदा।
वॉशिंगटन। अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एच-1बी वीजा धारकों की मुश्किलों को बढ़ाने की कमर कस चुके हैं। ट्रंप प्रशासन की ओर से जो नया प्रस्ताव दिया गया है उसके तहत एच-4 वीजा को 60 दिनों के लिए फ्रीज किया जा सकता है। अगर ऐसा हुआ तो फिर भारतीयों की मुसीबतें बढ़ सकती हैं।
क्या है एच-4 वीजा
अमेरिका के न्याय विभाग की ओर से एच-4 वीजा को फ्रीज करने से जुउ़ा प्रस्ताव दिया गया है। इंग्लिश डेली टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक इस नए प्रस्ताव के बाद एच-4 वीजा के लिए अप्लाई करने वालों के सामने अनिश्चितता का माहौल बन गया है। एच-4 वीजा, एच-1बी वीजा धारकों के उन पर निर्भर रहने वाले जीवन साथियों को जारी किया जाता है। गौरतलब है कि एच-1बी वीजा का भविष्य फिलहाल खुद खतरे में है। अमेरिकी प्रशासन इस वीजा सिस्टम में भी बदलाव लाना चाहता है। फरवरी 2015 में हजारों भारतीयों के जीवन साथी कड़े संघर्ष के बाद इस वीजा के अधिकारी बने थे। उस समय अमेरिका की होमलैंड सिक्योरिटी ने एच-1बी वाले भारतीय वीजा धारकों के जीवनसाथियों को एच-4 वीजा स्कीम के तहत उस समय काम करने की मंजूरी दी थी जब एच-1बी वीजा धारक अपने ग्रीन कार्ड का इंतजार कर रहे हों।
कोर्ट में दायर याचिका
एच-4 वीजा को लेरक वर्ष 2015 में जो आदेश आया उसे अमेरिकी ग्रुप सेव जॉब्स की ओर से कोर्ट में चुनौती दी गई। लेकिन कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया। जैसे ही ट्रंप ने राष्ट्रपति पद संभाला, इस ग्रुप की ओर से कोर्ट में एक और अपील दायर की गई। ऐसा लगता है कि अमेरिकी न्याय विभाग इस मुद्दे पर इस ग्रुप को समर्थन कर रहा है। विभाग की ओर से एक डॉक्यूमेंट दायर किया गया है जिसका टाइटल है, 'कॉनसेंट मोशन टू होल्ड प्रोसिडिंग्स इन एबेयांस फॉर 60 डेज।' जनवरी में खबरें आई थीं कि ट्रंप वीजा से जुड़ा एक नया एग्जिक्यूटिव ऑर्डर साइन कर सकते हैं। यह नया एग्जिक्यूटिव ऑर्डर वीजा कार्यक्रमों को निशाना बनाने वाला होगा और इसका सीधा असर अमेरिका में मौजूद भारतीय टेक्नोलॉजी कंपनियों पर पड़ेगा। ड्राफ्ट के तहत एक नया नियम लाया जा सकता है जिसके तहत सिर्फ सर्वश्रेष्ठ और सबसे तेज उम्मीदवार को ही इन वीजा के लिए सेलेक्ट किया जाएगा। करीब 90 प्रतिशत इंडियन आईटी कंपनियां एच1बी वीजा के तहत काम कर रही हैं।