किसी भी महाद्वीप के आधे तट को तबाह कर सकती है रूस की यह हाइपरसोनिक मिसाइल
मास्को, 20 मईः रूस की नई सतन-2 हाइपरसोनिक परमाणु मिसाइल किसी बड़े महाद्वीप के आधे तट को तबाह कर सकती है। संघीय शैक्षिक मैराथन में स्कूली बच्चों से बात करते हुए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के करीबी सहयोगी दिमित्री रोगोजिन ने बताया कि यह मिसाइल अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल है जो 15,800 मील प्रति घंटे की रफ्तार से अपने लक्ष्य पर प्रहार कर सकती है। उन्होंने दावा किया कि यह मिसाइल इस सर्दी में उपयोग के लिए तैयार हो चुका रहेगा।
महाद्वीप के आधे तट को कर सकता है नष्ट
अक्सर अंतरिक्ष एजेंसी की वर्दी पहनने वाले दिमित्री रोगोजिन ने बताया कि यह अजेय सतन-2 ठंड के मौसम तक पूरी तरह तैयार हो जाएगा। रोगोजिन ने न्यू होराइजन्स नामक एक संघीय शैक्षिक मैराथन में कई रूसी रणनीतिक रॉकेटों के वीडियो दिखाए। उन्होंने गर्वपूर्वक छात्रों से कहा कि आप यहां रेड स्कावर परेड में छोटे मिसाइल परीक्षण प्रक्षेपण को देखते होंगे क्योंकि हमारे बड़े मिसाइल यहां रेड स्क्वायर पर फिट ही नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि हमारी बड़ी मिसाइल सतन-2 किसी बड़े महाद्वीप के आधे तट को नेस्तनाबूद कर सकती है। इसकी इतनी खतरनाक विध्वंसक क्षमता के कारण हो सकता है कि ये आपको पसंद न आए।
सरमत का मतलब होता है शैतान
आपको बता दें कि सतन-2 का एक अन्य प्रचलित नाम सरमत है। रूस के डिफेंस सिस्टम के लिए यह नयी मिसाइल कई मायनों में खास है। जैसे कि यह 200 टन से अधिक वजन के हथियार और न्यूक्लियर वॉरहेड्स को ले जाने में सक्षम है। यह 10 से अधिक वॉरहेड्स को ले जा सकती है और धरती के किसी भी ध्रुव तक अटैक करने में समर्थ हैं। इसलिए यह रडार और ट्रैकिंग सिस्टम के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। रूसी बोलचाल की आम भाषा में सरमत का अर्थ शैतान होता है।
हाल में ही रूस ने किया है परीक्षण
यूक्रेन पर परमाणु हमलों की आशंकाओं के बीच रूस ने इस इंटर कांटीनेंटल मिसाइल का परीक्षण किया है। इसकी सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह आधुनिक से आधुनिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम से अपना बचाव करने में सक्षम है। यानी सतन-2 के दागने के बाद लक्ष्य को भेदने से कोई नहीं रोक सकता है। इसके दागे जाने के बाद मिसाइल डिफेंस सिस्टम को इसे ट्रैक करने का बेहद कम समय मिलता है और तब तक ये अपने लक्ष्य को तहस-नहस कर चुकी होती है। 200 टन भार की सरमत से दुनिया के किसी भी देश को निशाने पर लिया जा सकता है।
बीच रास्ते में बदल सकती है उड़ान की दिशा
इसके
साथ
इसकी
एक
और
खास
बात
यह
है
कि
यह
बीच
रास्ते
में
उड़ान
की
दिशा
बदल
सकती
है।
रूस
ने
इस
मिसाइल
का
ट्रायल
हाल
में
उत्तरी
रूस
के
प्लासेत्स्क
कोस्मोड्रोम
में
किया
है।
रूसी
रक्षा
मंत्रालय
की
रिेपोर्ट
के
मुताबिक,
इसकी
कई
खूबियां
हैं।
यह
लम्बी
दूरी
की
सबसे
पावरफुल
मिसाइल
होने
के
साथ
एंटी
मिसाइल
डिफेंस
को
चकमा
देने
में
माहिर
है।
इसलिए
यह
देश
की
न्यूक्लियर
कैपेसिटी
को
बढ़ाने
का
काम
करेगी।
क्या होती है हाइपरसोनिक मिसाइल
हाइपरसोनिक मिसाइल ध्वनि की रफ्तार से पांच से दस गुना ज्यादा तेज गति से उड़ान भरती है। हाइपरसोनिक मिसाइल, पारंपरिक बैलेस्टिक मिसाइलों के मुकाबले कम ऊंचाई में उड़ती हैं। यह एक निम्न वायुमंडलीय-मुक्त प्रक्षेप पथ में उड़ान भरती हैं। इसका मतलब ये है कि जब तक रडार आधारित मिसालइल रक्षा प्रणाली उन्हें चिन्हित कर पाती है, तब तक यह अपने लक्ष्य के इतना करीब पहुंच चुकी होती हैं कि इसे भेद पाना नामुमकिन हो जाता है।