हवा के जरिए अधिक संक्रमित करता है कोरोना का अल्फा वेरिएंट, टाइट फिटिंग मास्क पहनें लोग- US स्टडी
नई दिल्ली, सितंबर 21। पिछले डेढ़ साल के अंदर कोरोना वायरस को लेकर तरह-तरह की स्टडी हुई हैं और इन स्टडी के नतीजे भी अलग-अलग देखने को मिले हैं। इस वायरस की उत्पति से लेकर इसके प्रभाव और इसके लक्षणों पर दुनियाभर में कई अध्ययन किए जा चुके हैं और कई अभी किए भी जा रहे हैं। ऐसे में एक अमेरिकी स्टडी में सामने आया है कि कोरोना का संक्रमण हवा के जरिए काफी दूर तक पहुंच सकता है। हालांकि इसको लेकर शुरुआत से ही वाद-विवाद रहा है कि कोरोना वायरस हवा के जरिए संक्रमित करता है या नहीं? ऐसे में इस अमेरिकी स्टडी ने चौंकाने वाला खुलासा किया है।
हवा में अधिक फैलता है कोरोना का अल्फा वेरिएंट- स्टडी
ये स्टडी अमेरिका के मेरीलैंड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में की गई है। स्टडी में कहा गया है कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति सांस लेने और छोड़ने के दौरान संक्रमण को फैला सकता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, कोरोना का अल्फा वेरिएंट अन्य वेरिएंट के मुकाबले हवा में 43 से 100 गुना अधिक फैलता है।
टाइट फिटिंग मास्क पहनें लोग- शोधकर्ता
शोधकर्ताओं ने लोगों को टाइट फिटिंग मास्क पहनने की सलाह दी है और बेहतर वेंटिलेशन को सुनिश्चित करने को भी कहा है। साथ ही वैक्सीनेशन जरूर करवाने की सलाह शोधकर्ताओं ने दी है। एक शोध पत्रिका journal Clinical Infectious Diseases में छपी इस स्टडी की रिपोर्ट में कहा गया है कि ढीले-ढाले कपड़े और सर्जिकल मास्क से संक्रमित लोगों के आसपास हवा में आने वाले वायरस की मात्रा लगभग आधी हो जाती है।
शोधकर्ताओं का बयान
यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के प्रोफेसर डॉन मिल्टन ने कहा, "हमारा नवीनतम अध्ययन एयर इन्फेक्शन के महत्व का और सबूत प्रदान करता है।" "हम जानते हैं कि डेल्टा वेरिएंट अब प्रसारित हो रहा है, लेकिन अल्फा वेरिएंट अधिक फैलने वाला वेरिएंट है। हमारे शोध से संकेत मिलता है कि अल्फा वेरिएंट बस हवा के माध्यम से अधिक फैलता है, इसलिए हमें बेहतर वेंटिलेशन रखना चाहिए और वैक्सीनेशन के अलावा टाइट-फिटिंग मास्क पहनना चाहिए ताकि वायरस को फैलने से रोका जा सके।