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दुनिया के सबसे बड़े रोहिंग्या कैंप में पहुंचा Coronavirus, हजारों की मौत का खतरा

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नई दिल्ली- दुनिया के सबसे घनी आबादी वाले रोहिंग्या रिफ्यूजी कैंप में कोरोना वायरस का आक्रमण हो गया है। जो अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ उस कैंप के बारे में ज्यादा जानते हैं उनका दावा है कि अगर इंफेक्शन के चेन को नहीं ब्रेक किया गया तो हजारों रोहिंग्या मुसलमान बेमौत मारे जा सकते हैं। रोहिंग्याओं का यह सबसे बड़ा रिफ्यूजी कैंप भारत के पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में है, जिसमें 10 लाख से भी ज्यादा रोहिंग्या पिछले तीन साल से कीड़े-मकोड़ों की तरह रहने को मजबूर हैं। हाल के दिनों में बांग्लादेश में कोरोना वायरस तेजी से फैलना शुरू हुआ और उसी के बाद वह कैंप भी इसकी चपेट में आ गया है, जब अब तक किसी तरह सुरक्षित था। एक्सपर्ट का कहना है कि अगर उस कैंप में कोरोना फैलने लगा तो बांग्लादेश दशकों पीछे जा सकता है।

दुनिया के सबसे बड़े रोहिंग्या कैंप में कोरोना अटैक

दुनिया के सबसे बड़े रोहिंग्या कैंप में कोरोना अटैक

नोवल कोरोना वायरस बांग्लादेश के उस सबसे बड़े रोहिंग्या रिफ्यूजी कैंप तक पहुंच गया है, जहां 10 लाख से ज्यादा शरणार्थी मुसलमान रहते हैं। मानवतावादियों ने आशंका जताई है कि अगर इंफेक्शन के चेन को फौरन नहीं रोका गया तो दक्षिण बांग्लादेश का यह पूरा शरणार्थी कैंप तबाह हो जाएगा। अभी तक इस कैंप में दो लोगों को कोविड-19 पॉजिटिव पाया गया है। बांग्लादेश के एक वरिष्ठ अधिकारी और संयुक्त राष्ट्र की एक प्रवक्ता के मुताबिक दो में से एक तो रोहिंग्या मुसलमान है और एक दूसरा बांग्लादेशी नागरिक है, जिसे कोरोना हो चुका है। यह कैंप अब तक कोरोना के प्रकोप से बचा हुआ था, लेकिन अब सबके होश उड़ चुके हैं, क्योंकि इस कैंप का जनसंख्या घनत्व दुनिया के कई भीड़भाड़ वाले नामी शहरों से भी कई गुना ज्यादा है। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि पॉजिटिव पाए जाने के बाद दोनों को आइसोलेशन सेंटर में ले जाया गया है।

बांग्लादेश में तेजी से फैल रहा है वायरस

बांग्लादेश में तेजी से फैल रहा है वायरस

बता दें कि हाल के दिनों में बांग्लादेश में कोरोना वायरस के संक्रमण ने खूब रफ्तार पकड़ ली है और वहां से अबतक 18,863 मामले सामने आ चुके हैं और 283 लोगों की मौत हो चुकी है। संयुक्त राष्ट्र से जुड़े लोग आगाह कर रहे हैं कि अगर फौरन इसके संक्रमण के चेन को नहीं रोका गया तो यहां बहुत बड़ी मानव त्रासदी के हालात पैदा हो सकते हैं। हालात की गंभीरता बताते हुए बांग्लादेश में सेव द चाइल्ड की हेल्थ डायरेक्टर डॉक्टर शमीम जहां ने एक बयान में कहा है कि, 'एक अनुमान के मुताबिक पूरे बांग्लादेश में सिर्फ 2,000 वेंटिलेटर हैं, और 16 करोड़ की आबादी उसी के भरोसे है। जहां तक लगभग 10 लाख की आबादी वाले रोहिंग्या रिफ्यूजी कैंप की बात है, इस समय एक भी आईसीयू बेड तक नहीं है। '

बांग्लादेश को दशकों पीछे ढकेल सकता है कोरोना

बांग्लादेश को दशकों पीछे ढकेल सकता है कोरोना

उन्होंने कहा है कि ,'अब जबकि दुनिया के सबसे बड़े शरणार्थी कैंप कॉक्स बाजार में वायरस घुस चुका है, हम कोविड-19 से हजारों लोगों की मौत की बहुत सच्ची संभावनाएं देख रहे हैं। महामारी बांग्लादेश को दशकों पीछे पहुंचा सकती है। ' अंतरराष्ट्रीय धार्मिक आजादी स्थित अमेरिका के राजदूत सैम ब्राउनबैक ने कहा है कि वो उस कैंप को देख चुके हैं, जो इतनी ज्यादा भीड़भाड़ वाली जगह है, जहां दुर्भाग्य से वायरस बहुत ही तेजी से फैल सकता है। लेकिन, बांग्लादेश में इंटनेशनल रेस्क्यू कमिटी के डायरेक्टर मनीष अग्रवाल का कहना है कि वहां स्वास्थ्य सेवाएं और जगह की कमी को तो छोड़िए उनके पास तो हाथ धोने के लिए पर्याप्त साबुन और पानी तक नहीं हैं। उन्होंने बताया कि उस कैंप में प्रति वर्ग किलोमीटर 40,000 से 70,000 तक लोग रहते हैं। यह जनसंख्या घनत्व उस डायमंड प्रिसेंस क्रूज शिप से 1.6 गुना ज्यादा है, जहां वुहान के ठीक बाद उससे चार गुना ज्यादा रफ्तार से कोरोना फैल गया था।

बहुत ही दयनीय स्थिति में हैं रोहिंग्या मुसलमान

बहुत ही दयनीय स्थिति में हैं रोहिंग्या मुसलमान

जानकारों का कहना है कि इस कैंप को तभी कोरोना से सुरक्षित बचाया जा सकता है, जब बड़े पैमाने पर सैनिटाइजेशन हो, लोगों को एक-दूसरे से दूर किया जा सके। लेकिन, हकीकत ये है कि उनकी हालत पहले से ही इतनी दयनीय है कि अधिकांश कई बीमारियों की भी चपेट में हैं। बता दें कि 2017 के आखिर में म्यामांर में रोहिंग्या मुसलमानों को सैन्य कार्रवाई में मारकर भगा दिया गया था और उस वक्त 7,30,000 से ज्यादा शरणार्थी बनकर बांग्लादेश में घुस आए थे।

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English summary
Coronavirus reaches Rohingya Muslim's largest refugee camp
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