कोरोना वायरस: स्वाद और गंध महसूस न होना भी है लक्षण?
विशेषज्ञों का कहना है कि बुख़ार और खांसी ऐसे महत्वपूर्ण लक्षण हैं जिन्हें नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए.
कुछ खाने पर स्वाद महसूस न होना और किसी चीज़ की गंध का महसूस न होना भी कोरोना वायरस का लक्षण हो सकता है. ब्रिटेन के शोधकर्ताओं ने कोरोना महामारी के दुनियाभर में फैलने के कुछ महीनों बाद ही ये पता लगा लिया था.
हालांकि मरीज़ों के अनुभवों पर अध्ययन करने वाले यूपोयीन रिसर्चरों का कहना है कि कोरोना वायरस के मामले में गंध का जाना एकदम अलग होता है. सर्दी या फ्लू के मामले में भी कई बार गंध आना बंद हो जाता है, लेकिन ये उससे अलग अनुभव होता है.
देखा गया है कि कोविड-19 के मरीज़ों में गंध महसूस होना अचानक से और बहुत गंभीर तरीक़े से बंद हो जाता है.
उनमें आम तौर पर नाक बंद होने, भर जाने या बहती नाक की समस्या नहीं होता है, बल्कि कोरोना वायरस से संक्रमित ज़्यादातर लोग सामान्य तौर पर सांस ले पाते हैं.
एक और चीज़ जो उन्हें अलग बनाती है, वो है स्वाद आना बिल्कुल बंद हो जाना.
जर्नल राइनोलॉजी में रिसर्चरों ने कहा, ऐसा नहीं है कि उनकी स्वाद की क्षमता इसलिए चली जाती है क्योंकि वो कुछ सूंध नहीं पा रहे होते. जिन कोरोना वायरस मरीज़ों को स्वाद आना बंद हो जाता है, वो कड़वे और मीठे के बीच का अंतर नहीं बता पाते.
विशेषज्ञों को संदेह है कि ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ये वायरस उन तंत्रिका कोशिकाओं को प्रभावित करता है जो सीधे तौर पर गंध और स्वाद महसूस करने में मदद करने से जुड़ी होती हैं.
ब्रितानी शोधकर्ताओं की स्टडी से क्या पता चला?
लंदन के किंग्स कॉलेज की एक टीम ने कोरोना वायरस के संदिग्ध लक्षण एक ऐप में रिपोर्ट करने वाले करीब चार लाख लोगों के डेटा का अध्ययन किया था.
जिसमें पता चला था कि आम सर्दी के साथ ही सांस लेने में तकलीफ़ जैसे कई लक्षणों के अलावा स्वाद और गंध का महसूस न होना भी कोरोना वायरस का लक्षण हो सकता है.
विशेषज्ञों ने कहा कि बुखार और खांसी अब भी वायरस के वो संभावित महत्वपूर्ण लक्षण हैं जिन्हें नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए.
अगर आपके साथ या आसपास रहने वाले किसी भी शख़्स को तेज़ बुखार और खांसी की समस्या है तो उन्हें घर में ही रहना चाहिए ताकि दूसरों को वायरस का संक्रमण न हो.
किंग्स कॉलेज के शोधकर्ता कोरोना वायरस के संभावित लक्षणों के बारे में जानकारी जुटाना चाहते थे ताकि वो विशेषज्ञों की इसे समझने और इससे लड़ने में मदद कर सकें.
कोविड सिम्पटम ट्रैकर ऐप पर इसके लक्षणों के बारे में रिपोर्ट करने वालों में से:
• 53% ने थकान की शिक़ायत की
• 29% ने लगातार खांसी आने की बात की
• 28% ने सांस लेने में तकलीफ़ बताई
• 18% ने कोई गंध सूंघने या किसी तरह का स्वाद चखने में असमर्थता जताई
• 10.5% ने बुखार की शिक़ायत की.
इन चार लाख लोगों में 1,702 का कोविड-19 का टेस्ट हुआ जिनमें से 579 लोग पॉज़िटिव पाए गए और 1,123 निगेटिव.
जिनका कोरोना वायरस का टेस्ट रिज़ल्ट पॉज़िटिव आया था उनमें से 59% लोगों ने सूंघने और स्वाद चखने में असमर्थता की शिकायत की.
गंध से जुड़ी रिसर्च
यूरोपीय रिसर्चरों में पूर्वी एंग्लिया विश्वविद्यालय से जुड़े लीड इंवेस्टिगेटर प्रोफेसर कार्ल फिल्पोट ने 30 वॉलंटियर पर गंध और स्वाद से जुड़े परीक्षण किए. इनमें से 10 को कोविड-19 था, 10 को गंभीर सर्दी थी और 10 स्वस्थ्य लोग थे जिन्हें सर्दी या फ्लू से जुड़ा कोई लक्षण नहीं था.
कोविड-19 के मरीज़ों में गंध ना आने की समस्या ज़्यादा थी. वो ठीक से गंध की पहचान नहीं कर पा रहे थे, और वो कड़वे और मीठे स्वाद में बिल्कुल भी अंतर नहीं कर पा रहे थे.
फिफ्थ सेंस चैरिटी, गंध और स्वाद की समस्याओं से जूझ रहे लोगों की मदद करने का काम करती है. इस चैरिटी से जुड़े प्रोफेसर फिल्पोट कहते हैं, "गंध और स्वाद महसूस करने की क्षमता खोना का लक्षण कोरोना वायरस को अन्य श्वसन संबंधि वायरसों से अलग करता है."
"ये बहुत ही रोमांचक है क्योंकि इसका मतलब है कि कोविड -19 के मरीज़ों और नियमित सर्दी या फ्लू वाले लोगों के बीच अंतर करने के लिए गंध और स्वाद के टेस्टों का इस्तेमाल किया जा सकता है."
उन्होंने कहा कि लोग कॉफी, लहसुन, संतरे या नींबू और चीनी जैसी चीज़ों का इस्तेमाल कर घर पर ही ख़ुद का गंध और स्वाद का टेस्ट कर सकते हैं.
वो इस बात पर ज़ोर देते हैं कि भले ही किसी को लगे कि वो कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए हैं, फिर भी उन्हें गले और नाक के स्वैब परीक्षण की ज़रूरत होगी.
वो बताते हैं कि कोरोना वायरस से ठीक होने के बाद ज़्यादातर लोगों में कुछ हफ़्ते बाद गंध और स्वाद महसूस करने की क्षमता वापस आ जाती है.