Coronavirus पर चीन की पोल खोलने वाला पत्रकार रहस्यमय हालात में गायब
बीजिंग। चीन में एक डॉक्टर की मौत के बाद अब उस जर्नलिस्ट का कुछ पता नहीं चल रहा है जो कोरोना वायरस पर लगातार रिपोर्टिंग कर रहे थे। इन जर्नलिस्ट का नाम चेन क्यूइशी है और वह एक मानवाधिकार कार्यकर्ता भी हैं। गुरुवार रात से उनका कुछ पता नहीं चल पा रहा है। क्यूइशी हुबेई प्रांत में कोरोना वायरस के बाद हालातों को लेकर कई वीडियो पोस्ट किए थे। इन वीडियोज में चीनी सरकार की तरफ से महामारी से निबटने के लिए बरती जा रही कोताही को दिखाया गया था।
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हुबेई में मास्क से लेकर प्रोटेक्शन सूट की
क्यूइशी ने अपने वीडियो में दिखाया था कि किस तरह से हुबेई प्रांत में वायरस को रोकने के लिए जरूरी मूलभूत चीजों जैसे मास्क, जरूरी मेडिकल सप्लाई और हजमैट सूट्स की कमी है। उन्होंने अपने वीडियोज के जरिए इस बात की जानकारी भी दी थी कि डॉक्टरों और बाकी मेडिकल पर्सनल के लिए भी पर्याप्त सामान नहीं है और न ही वायरस के लिए टेस्ट किट मिल रही है। उनके एक वीडियो में उन्हें कहते हुए सुना जा सकता है, 'न्याय विभाग की तरफ से मुझे दोबारा कॉल किया गया था, किंगदाओ पुलिस स्टेशन की तरफ से भी मेरे पास फोन आया था। उन्होंने मुझसे पूछा था कि मैं कहां हूं। उन्होंने मुझसे जांच में सहयोग के लिए भी कहा था।'
एजेंसियों पर फोन जब्त करने का आरोप
क्यूइशी ने यह भी बताया है कि एक व्यक्ति ने उनसे फोन करके पूछा था कि वह कहां रहते हैं और यहां तक उनके मात-पिता से भी बात की थी। क्यूइशी ने अपने वीडियो में आगे कहा, 'मुझे डर लगा रहा है। मेरे सामने वायरस है और मेरे पीछे चीन की कानूनी एजेंसियां हैं।' उनके दोस्तों ने बताया है कि गुरुवार देर रात से ही उनका कुछ पता नहीं चल रहा है। चीनी सोशल मीडिया पर #FindQiushi के साथ उनका नाम तेजी से ट्रेंड कर रहा है। उनके एक दोस्त जू जियाओ डोंग ने वीडियो पोस्ट कर आरोप लगाया है कि क्यूइशी को जबरन सुरक्षा एजेंसियों ने अलग-थलग करके रखा है। उनके फोन को कब्जे में लेकर उसकी जांच की जा रही है।
900 लोगों की हो चुकी है मौत
डोंग ने बताया कि क्यूइशी के माता-पिता को अधिकारियों ने बताया है कि वायरस के संपर्क में आने की वजह से उन्हें अलग करके रखा गया है। लेकिन माता-पिता उनके मोबाइल पर भी उनसे बात नहीं कर पा रहे हैं। जबकि जो लोग अलग करके रखे गए हैं वे अपना फोन प्रयोग करने के लिए स्वतंत्र हैं। कोरोना वायरस अभी तक कई डॉक्टरों और वैज्ञानिकों के लिए रहस्य बना हुआ है। 900 लोगों की मौत इस वायरस की वजह से हो चुकी है जबकि 40,000 से ज्यादा लोग इससे प्रभावित हैं। भारत के केरल राज्य में इस वायरस से तीन लोगों को संक्रमित पाया गया था।
वायरस के बारे में बताने वाले डॉक्टर की मौत
पिछले दिनों वायरस की वजह से डॉक्टर ली वेनलियांग की मौत हो गई है। डॉक्टर ली की मौत के बाद से चीन के लोगों में सरकार के खिलाफ गुस्सा और विद्रोह की स्थिति है। दरअसल डॉक्टर ली ही वह पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्हें इस जानलेवा वायरस के बारे में पता चला था। पुलिस ने उन्हें धमकी दी थी कि अगर उन्होंने किसी को भी इस बारे में बताया तो फिर यह उनके लिए अच्छा नहीं होगा। ली को पुलिस ने गिरफ्तार तक कर लिया था।