चुनावों से पहले भूटान पहुंचे चीनी उप-विदेश मंत्री, भारत को मिली दौरे की पल-पल की जानकारी
पिछले वर्ष हुए डोकलाम विवाद के बाद चीन के उप-विदेश मंत्री कोंग जुआनयू पहली बार भूटान की यात्रा पर पहुंचे हैं। रविवार को उनका दौरा शुरू हुआ था जो कि तीन दिवसीय दौरा था। कोंग ने इस दौरान भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे से मुलाकात की।
बीजिंग। पिछले वर्ष हुए डोकलाम विवाद के बाद चीन के उप-विदेश मंत्री कोंग जुआनयू पहली बार भूटान की यात्रा पर पहुंचे हैं। रविवार को उनका दौरा शुरू हुआ था जो कि तीन दिवसीय दौरा था। कोंग ने इस दौरान भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे से मुलाकात की। भूटान के अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी है। एक ऑफिसर की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक भूटान के विदेश मंत्री दामचो दोरजी और कोंग ने 'आपसी हितों से जुड़ें मसलों' पर चर्चा भी की। चीन के उप-विदेश मंत्री कोंग पिछले छह माह में दो बार भारत का भी दौरा कर चुके हैं। इंग्लिश डेली इंडियन एक्सप्रेस की ओर से इस बात की जानकारी दी गई है।
चीन के साथ नहीं हैं कोई आधिकारिक रिश्ते
सूत्रों की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक भुटान ने कोंग के इस दौरे पर भारत को भी संज्ञान में लिया था। कोंग का पद चीन में भारत के विदेश सचिव के बराबर है। कोंग का दौरा ऐसे समय में हुआ है जब भूटान, अक्टूबर में होने वाले चुनावों की तैयारियों में लगा हुआ है। भूटान के दुनिया के 53 देशों के साथ औपचारिक कूटनीतिक रिश्ते हैं लेकिन चीन के साथ उसके आधिकारिक द्विपक्षीय संबंध नहीं हैं। भारत में चीनी राजदूत भारत की मदद से दिल्ली में भूटान के राजदूत के साथ आधिकारिक तौर पर संपर्क करता है। सूत्रों की मानें तो पीएम तोबगे ने चीन के साथ उप-विदेश मंत्री के दौरे के बाद दोनों देशों के बीच वर्तमान रिश्तों के बारे में भारत को जानकारी दी है। चीन और भूटान के बीच सीमाई विवाद की वजह से काफी विवाद है और दोनों देशों के बीच विवाद को सुलझाने के लिए कई दौर वार्ता हो चुकी है।
भूटान और चीन के बीच सीमा विवाद
भूटान और चीन के बीच अब तक 24 दौर की वार्ता हो चुकी है और आखिरी बार अगस्त 2016 में विवाद को सुलझाने के मकसद से वार्ता हुई थी। साल 2017 में दोनों के बीच 25वें दौर की वार्ता होनी थी लेकिन 72 दिनों तक चले डोकलाम विवाद की वजह से वार्ता नहीं हो सकी। भारत में चीनी राजदूत ल्यू झाओहूई ने जनवरी 2017 में भूटान का दौरा किया था। भारत ने हमेशा भूटान के दूसरे देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने की पहल का समर्थन किया है लेकिन जब बात चीन की आती है तो भारत हमेशा अलर्ट पर रहता है। जून 2012 में जब तत्कालीन भूटानी पीएम जिग्मे थिनले ने उस समय के चीनी पीएम बेन जियाबाओ से मुलाकात की थी तो भारत थोड़ी टेंशन में आ गया था।