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तिब्‍बत से सटे नेपाल के गांव कोडारी में दाखिल हुई चीनी सेना, गांव वालों के साथ की हिंसा

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काठमांडू। चीन तिब्‍बत से लगे एक और गांव कोडारी में पहुंच गया है। जो ताजा खबरें नेपाल से आ रही हैं, उसके तहत चीन ने तिब्‍बत से सटे इस नेपाली गांव पर अपना दावा जता दिया है। चीन ने कोडारी गांव को झांगमू प्रांत का हिस्‍सा बताया है। नेपाल के एक और गांव रूई पर पहले से ही चीन का कब्‍जा हो चुका है। नेपाल की सरकार के कृषि मंत्रालय की तरफ से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने 11 नेपाली गांवों पर कब्‍जा कर लिया है।

<strong><span class=यह भी पढ़ें-चीन ने अब नेपाल के रूई गांव से हटा दिया बॉर्डर पिलर " title="यह भी पढ़ें-चीन ने अब नेपाल के रूई गांव से हटा दिया बॉर्डर पिलर " />यह भी पढ़ें-चीन ने अब नेपाल के रूई गांव से हटा दिया बॉर्डर पिलर

गांववालों से कहा चले जाने को

गांववालों से कहा चले जाने को

बुधवार को जो खबरें आई हैं, उसके मुताबिक चीनी सेना, नेपाल के कोडारी गांव में दाखिल हो गई है। सेना ने गांववालों के साथ हिंसा की है और उन्‍हें डराया-धमकाया है। गांव के लोगों को चीनी सेना ने चले जाने को कहा और उनसे कहा कि उनका कोडारी गांव चीन के झांगमू प्रांत का हिस्‍सा है जो तिब्‍बत में आता है। नेपाल का कोडारी गांव तिब्‍बत-चीन सीमा पर है। गांव अरनिको हाइवे पर है जो कोडारी को काठमांडू से जोड़ता है। यह गांव तिब्‍बत तक जाने का रास्‍ता है। नेपाल के विपक्ष ने प्रधानमंत्री केपी ओली से कहा है कि वो चीन को गांवों पर कब्‍जा करने से रोकें।

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साल 2008 में चीन ने लॉन्‍च किया रेल प्रोजेक्‍ट

साल 2008 में चीन ने लॉन्‍च किया रेल प्रोजेक्‍ट

साल 2008 में चीन ने नेपाल-चीन बॉर्डर पर रेलवे ट्रैक काम शुरू किया था। इस रेलवे नेटवर्क के जरिए तिब्‍बत के ल्‍हासा को झांगमू से जोड़ा गया था। साल 2012 में चीन ने नेपाल के साथ एक समझौता साइन किया था। इसके तहत इस नेपाल-चीन सीमा पर रेल ट्रैक को छह बिंदुओं वाले एंट्री-प्‍वाइंट में से एक माना गया था। सरल 2015 में भूकंप की वजह से रास्‍ता बंद हो गया था। दिसंबर 2016 में चीनी और नेपाली अधिकारी मिले और फिर से इस एंट्री-प्‍वाइंट को खोल दिया गया था। सड़क निर्माण की वजह से इसे बंद किया गया और फिर 29 मई 2019 को इसे फिर से खोला गया था।

रूई पर पहले से ही चीन का कब्‍जा

रूई पर पहले से ही चीन का कब्‍जा

गोरखा जिले के आने वाले रूई गांव पर चीन पिछले छह दशकों यानी 60 सालों से अपना नियंत्रण किए हुए है। रूई गांव पर अब चीन का प्रशासनिक अधिकार है और अब चीन इसे तिब्‍बत ऑटोनोमॉस रीजन (टीएआर) का हिस्‍सा बताने लगा है। नेपाल की स्‍थानीय मीडिया रिपोर्ट ने कहा है कि पिछले कई सालों से सरकारों की लापरवाही पर किसी का ध्‍यान ही नहीं गया। यह खबर ऐसे समय में सामने आई है जब नेपाल में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के खिलाफ जनता की नाराजगी बढ़ती जा रही है। नेपाली सरकार के डॉक्‍यूमेंट्स की मानें तो नेपाल की 11 जगहों पर चीन का कब्‍जा है।

नदियों की धारा बदलकर कब्‍जे की नीति

नदियों की धारा बदलकर कब्‍जे की नीति

सर्वे डिपार्टमेंट के मुताबिक चीन 11 नदियों की दिशा बदल चुका है और इसकी वजह से नेपाल की 36 हेक्‍टेयर जमीन चीन के हिस्‍से में चली गई है। चार नदियों इसके चार जिलों हुमलाख्‍ रसुवा, सिंधुपालचौक और संखुवासाभा से निकलती हैं। जिन क्षेत्रों पर चीन ने अतिक्रमण कर रखा है, अब वह वहां पर बॉर्डर आउटपोस्‍ट्स बना सकता है। कृषि विभाग की तरफ से एक डॉक्‍यूमेंट जारी कर सरकार को चेतावनी दी गई है। इस डॉक्‍यूमेंट में कहा गया है कि नेपाल तिब्‍बत ऑटोनोमॉस रीजन (टीएआर) में बड़े स्‍तर पर सड़क निर्माण प्रोजेक्‍ट्स को अंजाम देने में लगा हुआ है।

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English summary
Chinese troops clash with Nepal villagers in Kodari village near bordering Tibet.
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