रूई गांव पर ही नहीं नेपाल की 11 जगहों पर है चीन का कब्जा, कृषि मंत्रालय ने जारी किया रिकॉर्ड
काठमांडू। नेपाल जिस चीन के नाम पर इतना ज्यादा उत्साहित था, अब उसके एक ऐसे जाल में उलझ गया है कि उसे बाहर निकलने का रास्ता भी नजर नहीं आ रहा है। चीन ने तिब्बत की सीमा से लगे नेपाल के रूई गांव पर तीन साल से कब्जा करके रखा है। अब नेपाली सरकार के डॉक्यूमेंट्स की मानें तो नेपाल की 11 जगहों पर चीन का कब्जा है। जिन क्षेत्रों पर चीन ने अतिक्रमण कर रखा है, अब वह वहां पर बॉर्डर आउटपोस्ट्स बना सकता है। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली को अब समझ में नहीं आ रहा है कि इस स्थिति से वह कैसे निकल पाएंगे।
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कृषि मंत्रालय ने दी चेतावनी
नेपाल की सरकार के कृषि विभाग की तरफ से एक डॉक्यूमेंट जारी कर सरकार को चेतावनी दी गई है। इस डॉक्यूमेंट में कहा गया है कि नेपाल तिब्बत ऑटोनोमॉस रीजन (टीएआर) में बड़े स्तर पर सड़क निर्माण प्रोजेक्ट्स को अंजाम देने में लगा हुआ है। इसकी वजह से उसने कई नदियों की धारा भी बदली है और अब वह अपनी सीमाओं को नेपाल के उत्तरी क्षेत्र तक बढ़ा रहा है। इंग्लिश अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स की मानें तो नेपाल की सीमा में आने वाले कई जिलों पर चीन पहले से कब्जा कर चुका है। साथ ही अब वह नेपाल की नदियों का मोड़ बदलकर और ज्यादा जगह पर कब्जे की मंशा पाले हुए है।
पहाड़ तय करते नेपाल-चीन की सीमा
नेपाली के कृषि मंत्रालय के मुताबिक चीन ने नेपाल की नदियों की दिशा को मोड़ दिया है और इसकी वजह से सैंकड़ों हेक्टेयर जमीन पर कब्जा कर लिया है। मंत्रालय के सर्वे विभाग के मुताबिक इस बात की आशंका बहुत ज्यादा है कि कुछ समय के बाद चीन उन जगहों पर अपनी बॉर्डर आउटपोस्ट्स तैयार कर लेगा जहां अभी नेपाल की सशस्त्र पुलिस के जवान तैनात रहते हैं। नेपाल और चीन की सीमाएं उत्तर दिशा में आपस में लगी हैं। 43 पहाड़ों और चोटियां नेपाल के पूर्व से लेकर पश्चिम तक में हैं। यही पहाड़ और चोटियों दोनों देशों के बीच बाउंड्री का काम करती हैं। नेपाल और चीन के बीच छह चेक पोस्ट्स हैं जो व्यापार के लिए काफी जरूरी हैं।
72 घरों वाला रूई गांव चीन के कब्जे में
सर्वे डिपार्टमेंट के मुताबिक चीन 11 नदियों की दिशा बदल चुका है और इसकी वजह से नेपाल की 36 हेक्टेयर जमीन चीन के हिस्से में चली गई है। चार नदियों इसके चार जिलों हुमलाख् रसुवा, सिंधुपालचौक और संखुवासाभा से निकलती हैं। चीन ने नेपाल के गोरखा जिले में आने वाले रूई गांव पर कब्जा कर लिया है। चीन ने कब्जे के बाद यहां से बॉर्डर पिलर्स को हटा दिया। इस गांव में 72 घर हैं और नेपाली अथॉरिटीज के ध्यान न देने की वजह से यह बहुत ही खराब स्थिति में है। इस गांव के लोग नियमित तौर पर नेपाल की सरकार को टैक्स देते हैं।
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36 हेक्टेयर जमीन पर चीन का कब्जा
चीन की तरफ से 36 हेक्टेयर जमीन पर चीनी अतिक्रमण की पहली जानकारी केपी ओली सरकार की तरफ से पिछले वर्ष दी गई थी। इसके सामने आते ही बड़े पैमाने पर देश में ओली के विरोध में प्रदर्शन हुए थे। पीएम ओली पर अब उनकी ही पार्टी के नेताओं ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के करीब होने का आरोप लगा दिया है। पीएम ओली ने इस बात को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया है कि चीन ने उनकी जमीन पर अतिक्रमण कर लिया है। इसकी जगह उन्होंने भारत के खिलाफ अपने देश की जनता को उकसाया और नया नक्शा जारी कर दिया।