सीमा विवाद पर भारत को मिला अमेरिकी समर्थन, चीन ने US राजनयिक की टिप्पणी को बताया बकवास
बीजिंग। हाल ही में भारत-चीन के बीच हुए सीमा विवाद पर वरिष्ठ अमेरिकी राजयनिक के भारत का समर्थन किए जाने पर चीन ने कड़ी आपत्ति जताई है। चीन ने गुरुवार को वरिष्ठ अमेरिकी राजनयिक की टिप्पणी को 'बकवास' करार दिया। अमेरिका की वरिष्ठ कूटनीतिज्ञ ने चीन के व्यवहार को उकसाने और परेशान करने वाला बताया था। चीन ने कहा कि सीमा विवाद पर दोनों देशों के बीच राजनयिक चैनलों के माध्यम से परामर्श चल रहा है, इसमें अमेरिका के दखल की कोई जरूरत नहीं है।
भारत और चीन के बीच सीमा तनाव की भयावहता पर एक सवाल के जबाव में दक्षिण एवं मध्य एशिया मामलों से जुड़ी अमेरिका की वरिष्ठ राजनयिक एलिस जी वेल्स ने कहा कि, 'चीनी गतिविधियों की एक पद्धति है और यह निरंतर ही आक्रामक रही है, नियमों को धता बताने की निरंतर कोशिश, यथास्थिति को बदलने की कोशिश की जाती रही है। इसका प्रतिरोध करना होगा। वेल्स ने बुधवार को कहा, 'मुझे लगता है कि सीमा पर जो तनाव है वह इस बात को याद दिलाता है कि चीन आक्रामक रुख जारी रखे हुए है। चाहे वह दक्षिण चीन सागर हो, या भारत से लगी सीमा, हम चीन द्वारा उकसाने वाला और परेशान करने वाले व्यवहार को लगातार देख रहे हैं।
अमेरिकी राजनायिक के इस बयान पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा कि चीन-भारत सीमा मुद्दे पर चीन की स्थिति लगातार स्पष्ट रही है। वेल्स की टिप्पणियों के बारे में उन्होंने कहा कि अमेरिका के राजनयिकों की टिप्पणी सिर्फ बकवास है। झाओ ने कहा कि चीन की बॉर्डर फोर्स देश की क्षेत्रीय संप्रभुता और सुरक्षा को मजबूती से रखती है और भारतीय पक्ष के सीमा के उल्लंघन की गतिविधियों से मजबूती से निपटती है। हमारी सेना सीमाई क्षेत्र में शांति और स्थिरता को मजबूती से बनाए रखती है।
उन्होंने कहा कि, हम भारतीय पक्ष से आग्रह करते हैं कि वह हमारे साथ मिलकर काम करे, हमारे नेतृत्व की महत्वपूर्ण सहमति का पालन करे, हस्ताक्षर किए गए समझौतों का पालन करे। भारत को एकतरफा कार्रवाई से बचना चाहिए और स्थिति को जटिल बनाने से भी बचना चाहिए। हमें उम्मीद है कि वे सीमा क्षेत्र में शांति और शांति के लिए ठोस प्रयास करेंगे। दोनों पक्षों के बीच परामर्श और राजनयिक चैनल हैं जिनका यूएसए से कोई लेना-देना नहीं है।
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