प्रशांत देशों में चीन अपना प्रभाव जमाने में लगा, मीडिया कवरेज पर लगी रोक
पोर्ट मोरेस्बी। प्रशांत द्वीपीय देशों में चीन के प्रभाव को बढ़ाने के लिए राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शुक्रवार को पापुआ न्यू गिनी में आठ छोटे द्वीपीय देशों से मुलाकात की। शी जिनपिंग एपेक (APEC) सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए पापुआ न्यू गिनी पहुंचे हैं, इस दौरान चीनी राष्ट्रपति ने फिजी, माइक्रोनेशिया, फिजी, माइक्रोनेशिया, न्यूये, सामोआ, टोंगा, वानूअतू के साथ-साथ पापुआ न्यू गिनी के देशों से मुलाकात की। हालांकि, इस दौरान चीन ने मीडिया पर प्रतिबंध लगाते हुए प्रशांत मामले में कवर को लेकर भी रोक लगा दी थी।
प्रशांत के द्वीपीय देशों से विश्वास हासिल करने में जुटा चीन का मुख्य उद्देश्य इस क्षेत्र में अपने प्रभाव को जमाना है। पापुआ न्यू गिनी में शुक्रवार को हुए इस फोरम में न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका को आमंत्रित नहीं किया गया था।
इस सम्मेलन में सबसे ज्यादा हैरान करने वाली और चिंता की बात यह थी कि इस क्षेत्र में चीन की भूमिका को कवर करने आये सभी पत्रकारों पर रोक लगा दी। चीन ने सुरक्षा का हवाला देते हुए सिर्फ छोटे मीडिया हाउस को ही रिपोर्टिंग के लिए अनुमति दी। चीन के रवैये से हैरान सीडनी थिंक टैंक लॉवे इंस्टिट्यूट के जोनाथन प्राइके ने कहा, 'बहुत ही खतरनाक संकेत हैं।' उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है जैसे चीन अपना प्रभाव जमाने के बजाय प्रभाव खरीद रहा है।
सम्मेलन में प्रेस के प्रतिबंध को लेकर चीन की दखलंदाजी के बाद कई मान्यताप्राप्त पत्रकारों को निराश लौटना पड़ा। क्रॉनिकल न्यूजपेपर की फोटो जर्नलिस्ट लिना कियापू ने कहा कि चीन का बर्ताव 'पत्रकारों को मुंह पर तमाचा जैसा था' इस पूरे मामले पर चीन ने तर्क देते हुए कहा कि जिन पत्रकारों को रोक गया, उन्हें इनवाइट नहीं किया गया था।
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