
सफेद कागज कैसे बना चीन में प्रदर्शन का प्रतीक? पेपर देखते ही भड़क रहा जिनपिंग प्रशासन, दुर्लभ तस्वीरें
China Blank sheets protest: चीन में कोविड प्रतिबंधों के खिलाफ भड़के लोगों ने देश के कई हिस्सों में भारी प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है और सबसे दुर्लभ बात ये देखी जा रही है, कि लोग शी जिनपिंग से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। शी जिनपिंह लगातार ज़ीरो कोविड पॉलिसी पर चल रहे हैं, जिसमें किस भी शहर में कोविड का एक मामला मिलने के बाद सख्ततम लॉकडाउन लगा दिया जाता है और उस शहर के हर एक शख्स का कोविड टेस्ट किया जाता है। अगर कोई शख्स कोविड पॉजिटिव मिलता है, तो लॉकडाउन 21 दिनों के लिए और बढ़ जाता है। इस दौरान लोगों को अपने घरों के दरवाजे तक पर आने की इजाजत नहीं होती है। लिहाजा, ज़ीरो कोविड पॉलिसी ने अब लोगों के धैर्य को तोड़ दिया है और अब जनता शी जिनपिंग के खिलाफ सड़कों पर कूद पड़ी है।

सफेद कागज के साथ प्रदर्शन
शंघाई और वुहान जैसे शहरों में हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी सड़कों पर हैं और अब चीनी लोगों ने प्रदर्शन करने के लिए और COVID-19 प्रतिबंधों के खिलाफ अपना गुस्सा दिखाने के लिए कागज लहरा रहे हैं और चीन में कोरा कागज व्यापक विरोध प्रदर्शन का प्रतीक बनता जा रहा है। सफेद कागज लहराकर लोग अपनी असंतोष और विरोध का प्रदर्शन कर रहे हैं। चीन के दर्जनों विश्वविद्यालयों में भी छात्रों ने कागज लहराकर प्रशासन का विरोध करना शुरू कर दिया है। वहीं, सोशल मीडिया पर सैकड़ों ऐसी तस्वीरें सामने आ रही हैं, जिनमें लोगों के हाथ में सफेद कागज देखा जा रहा है। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वायरल हो रहे वीडियो में नानजिंग और बीजिंग कई शहरों में विश्वविद्यालयों में छात्रों को मूक विरोध में कागज की खाली शीट पकड़े हुए देखा गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, सेंसरशिप और गिरफ्तारी से बचने के लिए ये तरीका आजमाया जा रहा है, जो अभी तक कारगर रहा है।

बढ़ता जा रहा है लोगों का गुस्सा
चीन अपनी सख्त ज़ीरो कोविड पॉलिसी का पालन कर रहा है, जबकि दुनिया में अब कहीं पर भी लॉकडाउन नहीं लग रहे हैं और ना ही कोविड को लेकर अब ज्यादा सख्ती ही बरती जा रही है। वहीं, शिनजियांग प्रांत के उरूमकी में गुरुवार को बिल्डिंग में आग लगने की वजह से 10 लोग जलकर मर गये, वहीं 19 लोग गंभीर झुलसे हुए हैं। बताया जा रहा है, कि बिल्डिंग में लोगों को पिछले 100 दिनों से बंद करके रखा गया था और आग लगने के बाद भी लोगों को बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा था। ऐसे में चीन के अलग अलग हिस्सों से लोगों का पलायन भी शुरू हो गया है। वहीं,चश्मदीदों के मुताबिक, उरूमकी में मारे गये लोगों को श्रद्धांजलि देने शंघाई में सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा हुई थी और इस दौरान लोगों के हाथ में सफेद कागज देखे गये हैं। वहीं, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक महिला को एक यूनिवर्सिटी गेट के सामने सीढ़ियों पर सफेद कागज के साथ बैठा देखा जा रहा है, लेकिन फिर एक शख्स को उसके हाथों से कागज को छीनते हुए देखा जा रहा है।
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वायरल हो रहे सैकड़ों वीडियो
चीन की कम्युनिस्ट पार्टी लाख कोशिशों के बाद भी विरोध प्रदर्शन की तस्वीरों को देश से बाहर आने से रोक नहीं पा रही है और अलग अलग वीडियो में प्रदर्शन की अलग अलग तस्वीरें कैद हो रही हैं। एक वीडियो में लोगों को यूनिवर्सिटी के सामने खड़े होकर सादा कागज लहराते हुए देखा जा रहा है। वहीं, वीडियो में दिख रहा है, कि लोग अपने मोबाइल का फ्लशलाइट ऑन करके भी प्रदर्शन कर रहे हैं। हालांकि, उस वीडियो में एक शख्स को लोगों को समझाते हुए और ऐसा नहीं करने के लिए कहते सुना और देखा जा सकता है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें उस शख्स को कहते देखा जा सकता है, कि "तुम लोग जो कर रहे हैं, एक दिन तुम्हें उसका अंजाम भुगतना होगा।" लेकिन, उसके बाद लोगों को कहते सुना जा सकता है, कि 'राज्य को भी एक दिन इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।'
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चीन में हो रहा है दुर्लभ प्रदर्शन
चीन के दर्जनों शहरों से एक साथ विरोध प्रदर्शन की सामने आ रही इन तस्वीरों को दुर्लभ बताया जा रहा है, क्योंकि चीन में सरकार के खिलाफ एक शब्द बोलने की भी इजाजत नहीं है और ऐसे में हजारों लोगों का खुलकर सामने आना और प्रदर्शन में शामिल होना, काफी दुर्लभ माना जा रहा है। चीन में इससे पहले 1989 में ही तियानमेन चौक पर प्रदर्शन किया गया था, जिसमें हजारों लोगों को कम्युनिस्ट पार्टी ने मौत के घाट उतार दिया था। चीन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग के खिलाफ असहमत होने का अधिकार लोगों के पास नहीं है और लोगों को भारी सेंसरशिप में रहना पड़ता है। लेकिन, पहली बार ऐसा हुआ है, कि प्रदर्शन में शामिल हुए लोग शीधे तौर पर शी जिनपिंग से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। वहीं, रॉयटर्स के मुताबिक, चीनी सोशल मीडिया पर और पर्सनल चैट में शामिल होने के लिए जाने वाले लोग एक दूसरे को सफेद कागज अपने साथ ले जाने का सलाह दे रहे हैं। आपको बता दें कि, इससे पहले साल 2020 में हांगकांग में लोगतंत्र समर्थक आंदोलनकारियों ने भी सफेद कागज के साथ प्रदर्शन किया था, लेकिन लोगों के प्रदर्शन को शी जिनपिंग की सरकार ने बेरहमी से कुचल दिया था और प्रदर्शन में शामिल नेताओं को जेल की सजा दी जा रही है।
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लॉकडाउन में लोगों से बेरहमी
राजधानी बीजिंग के रहने वाले एक निवासी वांग, जिन्होंने अपना पूरा नाम नहीं बताया, उन्होंने कहा कि, लॉकडाउन के दौरान लोगों को बुरी तरह से परेशान किया जाता है। उन्होंने कहा कि, एक गर्भवती महिला को रास्ते पर बच्चे को जन्म देना पड़ा, क्योंकि उसे अस्पताल नहीं जाने दिया गया। वहीं, एक बस दुर्घटना के बाद घायलों को अस्पताल पहुंचाने के बाद अधिकारियों का ध्यान उन्हें क्वारंटाइन करने पर था। वहीं, लान्चो शहर में लॉकडाउन के दौरान एक लड़के की जहरीली गैस के कारण दम घुटने से हो गई, क्योंकि उसतक कोई मदद नहीं पहुंचा सकता था। उन्होंने रॉयटर्स को बताया कि, "मैं या मेरी पत्नी के साथ भी इनमें से कुछ भी हो सकता था।" वहीं, चीनी सोशल मीडिया पर लोग अब प्रदर्शनकारियों से एकजुटता दिखाने के लिए सफेद कागज के साथ तस्वीरें पोस्ट करने लगे हैं, जिसके बाद सरकारी अधिकारियों ने ऐसी तस्वीरों को सेंसर करना शुरू कर दिया है। वहीं, प्रदर्शनकारियों का समर्थन करने वाले एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा है कि, "अगर आप एक सफेद कागज से डर रहे हैं, तो फिर आप बेहद डरपोक और कमजोर हैं।"
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