पुलवामा हमला: चीन ने एक बार फिर जैश सरगना मसूद अजहर को आतंकी मानने से किया इनकार
बीजिंग। जम्मू कश्मीर के पुलवामा में 40 से अधिक सीआरपीएफ जवानों की मौत के बाद चीन अभी भी अपने मित्र देश पाकिस्तान के साथ खड़ा है। चीन ने शुक्रवार को सेना पर हुए आतंकी हमले को लेकर गहरा दुख व्यक्त किया, लेकिन पाकिस्तान संचालित जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर को यूनाइटेड नेशंस की ग्लोबल टेररिस्ट लिस्ट के रूप में घोषित करने के लिए कोई आश्वासन दिया है। पठानकोट हमले के बाद से ही अजहर को ग्लोबल टेरिरस्ट के रूप घोषित करने के शुरू से ही भारत के लिए चीन अड़ंगा बनता रहा है।
जम्मू-कश्मीर
में
हाल
ही
दशकों
में
हुए
सबसे
घातक
आतंकी
हमलों
में
गुरुवार
को
40
से
भी
अधिक
केंद्रीय
रिजर्व
पुलिस
बल
के
जवान
मारे
गए
और
कई
घायल
हो
गए।
पुलवामा
के
अवंतिपोरा
से
होकर
सेना
का
काफिला
लौट
रहा
था,
तभी
जैश-ए-मोहम्मद
के
आत्मघाती
हमलावर
ने
350
किलोग्राम
से
अधिक
विस्फोटक
के
साथ
सेना
के
वाहन
को
टक्कर
मार
दी
और
धमाका
कर
दिया।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने बीजिंग में एक मीडिया रिपोर्टिंग के हवाले से कहा, 'चीन ने आत्मघाती आतंकवादी हमले की रिपोर्टों को नोट किया है। हम इस हमले से गहरे सदमे में हैं। हम घायलों और हमले में जान गंवाने वाले जवानों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना और सहानुभूति व्यक्त करते हैं। हम हर प्रकार के आतंकवाद की कड़ी निंदा करते हैं। हम आशा करते हैं सहयोगी क्षेत्रीय देश आगे आकर आंतकवादी खतरों के खिलाफ लड़ेंगे और क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बनाये रखने के लिए मदद करेंगे।'
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के ग्लोबल टेररिस्ट की लिस्ट में अजहर को शामिल करने को लेकर चीन के रुख के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'लिस्ट जारी करने का सवाल है, मैं आपको बता सकता हूं कि आतंकवाद और उनके संगठनों की बारे में लिस्ट को लेकर सुरक्षा परिषद की 1267 समिति की एक स्पष्ट शर्त है।' इससे साबित होता है कि भारत में आतंकी हमले कर जैश जिम्मेदारी भी ले रहा है और चीन इसके बाद भी भारत की मांग के खिलाफ खड़ा है।