महारानी एलिजाबेथ के 'हैंडबैग' का क्या राज था? संकेत मिलते ही सतर्क हो जाते थे स्टाफ
जानकारी के अनुसार, एजिलाबेथ के पर्स में उनकी लिप स्टिक, मेकअप का सामान, चश्मा के साथ-साथ जरूरत का सामान हुआ करता था। खास बात यह थी कि महारानी रविवार को छोड़कर अपने पर्स में कभी कैश नहीं रखा करती थी।
लंदन, 13 सितंबर : महारानी एलिजाबेथ के निधन के साथ ही टेलीविजन, इंटरनेट पर उनके जीवन से जुड़े प्रसंग शेयर किए जा रहे हैं। इन्हीं में से एक है उनके हैंडबैग से जुड़ा गहरा राज। दरअसल, महारानी अपने बैग के जरिए अपने स्टाफ,अधिकारियों को खास सिग्नल (संकेत) दिया करती थीं। आइए जानते हैं क्या थे वो सिग्नल और कैसे स्टाफ महारानी के बैग को देखकर ही उनके मन की बात जान लिया करते थे।
महारानी के पर्स में खास संदेश
महारानी ने अपने 70 साल के शासनकाल में दुनिया के बड़ी-बड़ी हस्तियों के साथ बातचीत करने में अपना वक्त बिताया है। उन्होंने इस दौरान सोचा कि, क्यों ना वे किसी से मिलने से पहले तैयार होते वक्त चतुर साधनों का प्रयोग किया जाए। उन्हें ऐसा करना काफी रास आया। इसके अतिरिक्त, उनके स्टाफ महारानी के हैंडबैग के रखने के तरीकों से समझ जाते थे कि उन्हें सुरक्षा संबंधी क्या सावधानियां बरतनी चाहिए थी। महारानी के गुप्त संदेश न केवल विनम्र होते थे, बल्कि काफी व्यावहारिक भी माने जाते थे।
पर्स में क्या रखती थीं महारानी?
जानकारी के अनुसार, एजिलाबेथ के पर्स में उनकी लिप स्टिक, मेकअप का सामान, चश्मा के साथ-साथ जरूरत का सामान हुआ करता था। खास बात यह थी कि महारानी रविवार को छोड़कर अपने पर्स में कभी कैश नहीं रखा करती थी। रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार के दिन वे चर्च जाती थीं और वहां दान करने के लिए अपने पास 5 या 10 पौंड के नोट रख लेती थीय़ इसके अलावा हफ्ते के किसी भी दिन वे अपने बैग में कैश नहीं रखा करती थी।
पर्स पर स्टाफ की होती थी नजर
महारानी एलिजाबेथ अपने पर्स के जरिए खास संदेश दिया करती थीं। न्यूजवीक के द रॉयल रिपोर्ट पॉडकास्ट पर बात करने वाले रॉयल समीक्षक क्रिस्टन मेन्जर के अनुसार जब क्वीन लोगों के बीच होती थीं और उन्हें किसी डिस्कशन को खत्म करना होता था तो वे अपना पर्स एक हाथ से दूरे हाथ में शिफ्ट कर लिया करती थीं। यह देख स्टाफ तुरंत समझ जाता था कि क्वीन अब बात खत्म करना चाहती हैं।
स्टाफ हो जाते थे सावधान
दूसरा गुप्त संकेत हुआ करता था हैंडबैग टेबल पर रखना। कहा जाता है कि अगर क्वीन खाना खाते समय या किसी कांफ्रेस के दौरान अपना पर्स टेबल पर रख दिया करती थीं तो इसका मतलब होता था कि वो 5 मिनट के अंदर उस मीटिंग को खत्म करना चाहती हैं। वहीं, अगर क्वीन अपना पर्स नीचे जमीन पर रखती थीं तो स्टाफ तुरंत सावधान हो जाता था और क्वीन को तुरंत वहां से निकालने का इंतजाम किया जाता था।
बिना इजाजत के महारानी को छूना मना था
महारानी को कस्टम मेड लंबे हैंडल वाला हैंडबैग पसंद था। वह इसलिए क्योंकि महारानी जब किसी से मिलती थीं या हाथ मिला रही होती थीं, उस समय लंबे हैंडल वाले बैग कपड़ों से नहीं उलझेंगे। साथ ही किसी को भी उनके बैग को हाथ लगाने की इजाजत नहीं थी। साथ ही लोगों को यह भी हिदायत दी गई थी कि, महारानी को देखते ही उन्हें कोई गले ना लगाए और जब तक वे अपना हाथ मिलाने के लिए अपना हाथ नहीं बढ़ातीं, कोई उन्हें छू भी नहीं सकता है। बता दें कि, जब अमेरिका की पूर्व प्रथम महिला मिशेल ओबामा 2011 में पहली बार बकिंघम पैलेस गई थीं, तो उन्होंने रानी को चारों ओर अपना हाथ रखते हुए देखा गया था। इसके लिए मिशेल पर शाही परंपरा को तोड़ने का आरोप भी लगा था। इस खबर ने मीडिया जगत में काफी सुर्खियां बटोरीं। हालांकि, महारानी ने मौके की नजाकत को समझते हुए मिशेल के भी अपनी बांहों में घेर लिया।
(photo credit: PTI & Social Media)