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पाकिस्तान और तालिबान में चरम पर पहुंचा तनाव, बिलावल ने अफगानिस्तान को दी अंजाम भुगतने की धमकी

1947 में पाकिस्तान के निर्माण के साथ ही देश के शासकों ने भविष्य में भारत को भी मुस्लिम राष्ट्र बनाने के लिए हर हथकंडे अपनाए और 'गजवा-ए-हिंद' के लिए दर्जनों आतंकवादी संगठनों को जन्म दिया।

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Pakistna Taliban News: पाकिस्तान और अफगानिस्तान पर शासन करने वाले तालिबान के बीच झगड़ा बढ़ता जा रहा है और पाकिस्तान ने तालिबान को धमकी देते हुए उससे तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगाने के लिए कहा है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने गुरुवार को कहा कि, पाकिस्तान ने अफगान तालिबान को बताया है, प्रतिबंधित टीटीपी पाकिस्तान की रेडलाइन है और अगर आतंकवादी संगठन को नियंत्रित नहीं किया गया तो काबुल के साथ इस्लामाबाद के संबंध प्रभावित होंगे।

पाकिस्तान ने क्या धमकी दी?

पाकिस्तान ने क्या धमकी दी?

वाशिंगटन में पाकिस्तान दूतावास में मीडिया से बात करते हुए बिलावल भुट्टो ने कहा कि,'अगर हमें पता चला कि तालिबान टीटीपी को नहीं रोक रहा है, तो हम इसे नजरअंदाज नहीं करेंगे।' आतंकवादी घटनाओं की बढ़ती संख्या ने पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया है और जिस तालिबान की अफगानिस्तान में वापसी को लेकर जश्न मनाया जा रहा था, उसे अब समझ नहीं आ रहा है, कि वो तालिबान को कैसे नियंत्रित करे। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बन्नू सैन्य छावनी में टीटीपी आतंकियों के कब्जे के बाद पाकिस्तान तालिबान पर बौखलाया हुआ है और बिलावल भुट्टो की धमकी के बाद अब पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव बढ़ने के पूरे आसार हैं।

पाकिस्तान में टीटीपी के कितने हमले?

पाकिस्तान में टीटीपी के कितने हमले?

जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, सिर्फ इस साल खैबर पख्तूनख्वा में पुलिस बल पर विभिन्न प्रकार के हमलों में 120 से ज्यादा पुलिसकर्मी मारे गये हैं और 125 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। बिलावल भुट्टो इस वक्त अमेरिका में हैं, जहां उन्होंने संयुक्त राष्ट्र प्रमुख के साथ मुलाकात की है। जिस वक्त बिलावल भुट्टो अमेरिका में थे, उस वक्त बन्नू सैन्य छावनी को आतंकियों के कब्जे से आजाद करवाने के लिए पाकिस्तान की सेना संघर्ष कर रही थी और इसमें 33 आतंकी मारे गये हैं, जबकि 6 पाकिस्तानी सेना के जवान भी मारे गये हैं। बिलावल भुट्टो ने अफगानिस्तान की धरती से टीटीपी के बढ़ते हमलों के कारण देश में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि, अगर तालिबान चरमपंथियों के खिलाफ अभियान चलाता है, तो पाकिस्तान जरूरत पड़ने पर मदद करेगा। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका के साथ सहयोग को लेकर कोई नया समझौता नहीं हुआ है।

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फिर मांगा अफगानिस्तान के लिए पैसा

फिर मांगा अफगानिस्तान के लिए पैसा

तालिबान से बुरी तरह पिटने के बाद भी पाकिस्तान का अफगानिस्तान से मोह भंग नहीं हुआ है और बिलावल भुट्टो ने एक बार फिर से अमेरिका से अपील की है, कि वो अफगानिस्तान का फ्रीज किया हुआ फंड जारी कर दे। बिलावल भुट्टो ने कहा कि, "हम अफ़ग़ान लोगों के लिए फ्रीज फंड को जारी करने की बात कर रहे हैं, ना कि हम तालिबान के लिए जारी करने का कर रहे हैं, बल्कि उन्होंने (तालिबान) चरमपंथी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अमेरिका और दुनिया के साथ वादा किया है।"

पाकिस्तान के लिए भस्मासुर बना टीटीपी

पाकिस्तान के लिए भस्मासुर बना टीटीपी

अफगानिस्तान से निकलते वक्त अमेरिकी सेना ने करोड़ों रुपये के हथियार अफगानिस्तान में ही छोड़ दिए और अब अमेरिका के विशाल हथियार भंडार पर अफगान तालिबान और पाकिस्तान तालिबान का नियंत्रण है। लिहाजा, पाकिस्तानी सेना के लिए अब पाकिस्तान तालिबान से मुकाबला करना आसान नहीं है। अगस्त 2021 में जब से काबुल पर अफगान तालिबान का कब्जा हुआ है, उसके बाद से पाकिस्तान तालिबान ने पाकिस्तानी आर्मी के खिलाफ 250 से ज्यादा हमले किए हैं। इमरान खान की सरकार ने बातचीत के जरिए टीटीपी के साथ युद्धविराम का समझौता किया था, लेकिन पाकिस्तान में नये आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर ने जिस दिन (29 नवंबर) कार्यभार संभाला, उसी दिन टीटीपी ने युद्धविराम खत्म करने की घोषणा कर दी। यानि, अब पाकिस्तान अपने ही बनाए दलदल में धंस चुका है।

अपने ही खोदे कुएं में गिरा पाकिस्तान

अपने ही खोदे कुएं में गिरा पाकिस्तान

पाकिस्तान अपने सात दशकों के छोटे से इतिहास के शायद सबसे बड़े आर्थिक संकट में फंस चुका है, वहीं, पिछले दिनों देश के एक तिहाई हिस्से में आई विनाशकारी बाढ़ ने स्थिति को जटिल बना दिया है। वहीं, पाकिस्तान अब गुरिल्ला समूहों के साथ खूनी संघर्ष के एक और दौर में फंसने और लड़ने के लिए तैयार नहीं है। खैबर पख्तूनख्वा के दुर्जेय पहाड़ और जनजातीय क्षेत्र, जिसे FATA कहा जाता है, वो पाकिस्तानी सेना के लिए काल बन चुका है। हर दिन हमले हो रहे हैं। पिछले दिनों रावलपिंडी में भी सेना मुख्यालय के ठीक सामने एक आत्मघाती विस्फोट हुआ था, जिसमें पाकिस्तानी सेना के एक जनरल की मौत हो गई। ऐसे में सवाल ये उठ रहे हैं, कि क्या पाकिस्तान आने वाले तूफान से बच पाएगा? या फिर पाकिस्तान 1971 में तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान के टूटने के समान एक और विघटन का शिकार होगा?

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English summary
Pakistan's Foreign Minister Bilawal Bhutto has warned the Taliban and threatened of dire consequences for not banning TTP.
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