यूरोप में छिड़ेगा महायुद्ध! रूस की मदद करने जंग में कूदा बेलारूस, नाटो ने कहा- सबको देख लेंगे
बेलारूस के राष्ट्रपति लुकाशेंको के इस बयान के बाद नाटो NATO भड़का गया है। नाटो ने कहा है कि वे इसके लिए तैयार हैं। नाटो महासचिव स्टॉल्टेनबर्ग ने कहा कि यूक्रेन की मदद से पीछे नहीं हटेंगे।
यूक्रेन (Ukraine) के मोर्चे पर लगातार पिछड़ रहे रूस (Russia) ने अब बेलारूस (Belarus) संग गठजोड़ कर लिया है। बेलारूसी के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको (Alexander Lukashenko) ने कहा कि बेलारूस और रूस देश की पश्चिमी सीमाओं पर तनाव के बढ़ने के जवाब में एक संयुक्त सैन्य कार्य बल तैनात करेंगे। लुकाशेंको ने कहा कि बेलारूस, रूस को बैरक बनाने तथा अभियान छेड़ने के लिए अपनी जमीन का इस्तेमाल करने देगा। हालांकि फिलहाल अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि बेलारूस में कितनी रूसी सैनाएं रहेंगी।
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बेलारूस के कदम से नाटो हुआ नाराज
बेलारूस के राष्ट्रपति लुकाशेंको के इस बयान के बाद नाटो NATO भड़क गया है। नाटो ने कहा है कि वे इसके लिए तैयार हैं। नाटो महासचिव स्टॉल्टेनबर्ग ने कहा कि यूक्रेन की मदद से पीछे नहीं हटेंगे। दरअसल बेलारूस की सीमा नाटो से जुड़े तीन सदस्य देशों लातविया, लिथुआनिया और पोलैंड की सीमा से लगती है। अब जबकि बेलारूस, रूस का खुलकर समर्थन करने लगा है, नाटो को डर है कि अब इस युद्ध की आंच संगठन के सदस्य देशों तक पहुंचेगी। इसके अलावा बेलारूस, यूक्रेन के साथ हजार किमी से अधिक की सीमा साझा करता है। अगर रूसी सेना ने बेलारूस में सैन्य अड्डा या बैरक बनाया तो वह यूक्रेन के लिए खतरनाक साबित होगा।
पोलैंड ने नागरिकों से बेलारूस छोड़ने को कहा
इस बीच पोलैंड ने अपने नागरिकों को बेलारूस छोड़ देने का आदेश दिया है। पोलैंड ने कहा कि पोलिश नागरिकों को फौरन बेलारूस छोड़ देना चाहिए क्योंकि यूक्रेन में युद्ध के कारण दोनों देशों के बीच संबंध तेजी से तनावपूर्ण हो गए हैं। सरकार ने एडवाइजरी जारी करते हुए वेबसाइट पर लिखा है बेलारूस में रहने वाले पोलिश नागरिक वाणिज्यिक और निजी साधनों के साथ अपना क्षेत्र छोड़ दें। पोलैंड और बेलारूस के बीच संबंध 2021 से ही बिगड़े हुए हैं। पोलैंड ने बेलारूस पर प्रवासी संकट को रोकने का आरोप लगाया था। यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद से यह संबंध और भी तनावपूर्ण हो गया है।
पुतिन के बेहद करीबी हैं लुकाशेंको
बेलारूस में 1994 से ही राष्ट्रपति की पद संभाल रहे अलेक्जेंडर लुकाशेंको को पुतिन का बेहद करीबी माना जाता है। रूस और बेलारूस के बीच मजबूत आर्थिक संबंध रहे हैं। पुतिन ने बेलारूस को समर्थन के तौर पर 2020 में 1.5 बिलियन डॉलर का कर्ज दिया है। साल 2020 के चुनाव में लुकाशेंको के द्वारा की गई कथित धांधली के विरोध में जब देश में विरोध प्रदर्शन चल रहे थे तो इस दौरान रूसी पुलिस से स्वेच्छा से सहायता की। दरअसल लुकाशेंको को 2020 के चुनाव में मजबूत विरोध का सामना करना पड़ा था।
2020 में बेलारूस में भड़क उठा था दंगा
लुकाशेंको को इस बात का डर था कि उन्हें हटाया जा सकता है। ऐसे में लुकाशेंको ने घोषणा कर दी कि उन्हें 80 फीसदी वोट मिले हैं और उस तरह उन्होंने खुद को छठे कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति घोषित कर दिया। राष्ट्रपति के इस कदम का पूरे देश में विरोध हुआ। देश में दंगे शुरू हो गए। एक अनुमान के मुताबिक इस विद्रोह के दौरान 35,000 से अधिक नागरिकों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें से हजारों को पुलिस हिरासत में दुर्व्यवहार और यातना का सामना करना पड़ा। देश में प्रतिरोध को शांत करने में पुतिन ने लुकाशेंको की खूब मदद की थी।
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