QUAD मीटिंग में बोले PM मोदी- हिंद-प्रशांत क्षेत्र में हम मिलकर करेंगे काम
नई दिल्ली, 24 सितंबर: अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी में स्थित व्हाइट हाउस में क्वाड समूह की बैठक हुई। जिसमें भारत की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, जापानी पीएम योशिहिदे सुगा और ऑस्ट्रेलियाई पीएम स्कॉट मॉरिसन ने हिस्सा लिया। कोरोना महामारी, अफगान संकट और चीन की चालबाजी के बीच ये बैठक काफी अहम मानी जा रही है। बैठक की शुरुआत पीएम मोदी के संबोधन से हुई। जिसमें उन्होंने पहली फिजिकल क्वाड समिट की ऐतिहासिक पहल के लिए बाइडेन को धन्यवाद दिया।
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अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि हम 2004 की सुनामी के बाद इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की मदद के लिए एक साथ आए थे। आज जब विश्व कोविड महामारी का सामना कर रहा है तो हम एक बार फिर क्वाड के रूप में एक साथ मिलकर मानवता के हित में जुटे हैं। हमारा क्वाड वैक्सीन इनिशिएटिव इंडो-पैसिफिक देशों की बड़ी मदद करेगा। उन्होंने कहा कि अपने सांझा लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर क्वाड ने पॉजिटिव सोच, पॉजिटिव अप्रोच के साथ आगे बढ़ने का निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सप्लाई चेन हो या वैश्विक सुरक्षा, क्लाइमेट एक्शन हो या कोविड रिस्पांस या टेक्नोलॉजी में सहयोग, इन सभी विषयों पर मुझे अपने साथियों के साथ चर्चा करने में खुशी होगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि क्वाड एक तरह से फोर्स फॉर ग्लोबल गुड की भूमिका में काम करेगा।
बाइडेन
ने
कही
ये
बात
वहीं
पीएम
मोदी
के
संबोधन
के
बाद
जो
बाइडेन
ने
कहा
कि
वैश्विक
आपूर्ति
को
बढ़ावा
देने
के
लिए
भारत
में
वैक्सीन
की
अतिरिक्त
1
बिलियन
डोज
के
उत्पादन
की
हमारी
पहल
ट्रैक
पर
है।
इसके
अलावा
आज,
हम
अपने
प्रत्येक
क्वाड
देशों
के
छात्रों
के
लिए
संयुक्त
राज्य
अमेरिका
में
अग्रणी
स्टेम
कार्यक्रमों
में
उन्नत
डिग्री
हासिल
करने
के
लिए
एक
नई
क्वाड
फेलोशिप
शुरू
कर
रहे
हैं।
उन्होंने
कहा
कि
जब
हम
6
महीने
पहले
मिले
थे,
तो
हमने
स्वतंत्र
और
खुले
इंडो-पैसिफिक
के
हमारे
एजेंडे
को
आगे
बढ़ाने
के
लिए
प्रतिबद्धता
जताई
थी।
आज
मुझे
यह
कहते
हुए
गर्व
हो
रहा
है
कि
हम
इस
दिशा
में
उत्कृष्ट
प्रगति
कर
रहे
हैं।
क्या
बोले
जापानी
पीएम?
जापान
के
प्रधानमंत्री
योशीहिदे
सुगा
ने
कहा
कि
क्वाड
4
देशों
द्वारा
एक
बहुत
ही
महत्वपूर्ण
पहल
है
जो
मौलिक
अधिकारों
में
विश्वास
करते
हैं
और
जिनका
विचार
है
कि
इंडो-पैसिफिक
को
स्वतंत्र
और
खुला
होना
चाहिए।
वहीं
ऑस्ट्रेलिया
के
प्रधानमंत्री
स्कॉट
मॉरिसन
ने
कहा
कि
हम
एक
स्वतंत्र
और
खुले
हिंद-प्रशांत
क्षेत्र
में
विश्वास
करते
हैं
क्योंकि
हम
जानते
हैं
कि
इससे
एक
मजबूत
और
समृद्ध
क्षेत्र
का
निर्माण
होगा।
भारतीय महिला से करना चाहता था शादी...पीएम मोदी से मुलाकात के दौरान बाइडेन ने जताई ख्वाहिश
कैसे
हुई
शुरुआत?
2007
में
जापान
के
पूर्व
प्रधानमंत्री
शिंजो
आबे
ने
क्वाड
की
अवधारणा
प्रस्तुक
की
थी,
लेकिन
ऑस्ट्रेलिया
चीन
के
दबाव
में
आ
गया
और
इसका
गठन
टाल
दिया
गया।
फिर
2012
में
जापान
के
प्रधानमंत्री
शिंजो
आबे
की
पहल
पर
हिंद
महासागर
से
प्रशांत
महासागर
तक
समुद्री
सुरक्षा
को
सुनिश्चित
करने
के
लिए
ऑस्ट्रेलिया,
भारत
और
अमेरिका
के
साथ
मिलकर
एक
'डेमोक्रेटिक
सिक्योरिटी
डायमंड'
स्थापित
करने
के
लिए
विचार
प्रस्तुत
किया
गया।
इसके
बाद
नवंबर
2017
में
हिंद-प्रशांत
क्षेत्र
में
किसी
भी
बाहरी
शक्ति
के
प्रभाव
को
खत्म
करने
के
लिए
क्वाड
समूह
की
स्थापना
हुई।
जिसमें
अभी
भारत,
अमेरिका,
जापान
और
ऑस्ट्रेलिया
शामिल
हैं।