भारत आने की जिद कर रहे थे सैंकड़ों अफगानी छात्र, तालिबानी लड़ाकों ने गोली मारकर भगाया
अफगानिस्तान में छात्रों ने शनिवार को वीजा को लेकर भारतीय दूतावास के बाहर प्रदर्शन किया। ये छात्र भारतीय शिक्षण संस्थानों में नामांकित हैं। कोरोना के कारण शिक्षण संस्थान बंद होने के कारण ये अपने देश चले गए थे।
काबुल, 13 अगस्तः अफगानिस्तान में छात्रों ने शनिवार को वीजा को लेकर भारतीय दूतावास के बाहर प्रदर्शन किया। ये छात्र भारतीय शिक्षण संस्थानों में नामांकित हैं। कोरोना के कारण शिक्षण संस्थान बंद होने के कारण ये अपने देश चले गए थे। कोविड प्रतिबंध हटने के बाद ये छात्र अपने पाठ्यक्रमों को फिर से शुरू करने के लिए वापस लौट नहीं पाए हैं।
तस्वीर- प्रतीकात्मक
अफगानिस्ती छात्रों का अधर में भविष्य
इन छात्रों को भारत सरकार द्वारा छात्रवृत्रि की पेशकश की गई थी लेकिन वे भारत आने के लिए वीजा की प्रतीक्षा कर रहे हैं। अफगान दूतावास के मुताबिक 13,000 से अधिक अफगानिस्तानी छात्र भारतीय संस्थानों में नामांकित हैं। हालांकि, इनका प्रदर्शन लंबे समय तक जारी नहीं रह सका क्योंकि तालिबानी लड़ाकों ने प्रदर्शनकारी छात्रों को धरनास्थल पर हवा में फायरिंग कर दूर खदेड़ दिया।
भारत ने तालिबान को नहीं दी है मान्यता
बता दें कि भारत ने तालिबान सरकार को आधिकारिक राजनयिक मान्यता नहीं दी है। तालिबान के सत्ता में आने के बाद अफगानिस्तानी छात्रों के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं। तालिबान के वापस सत्ता में आने से पहले के दो दशकों में भारत अफगान युवाओं का एक पसंदीदा ठिकाना बन गया था। 21 साल पहले 2001 में जब अमेरिका ने तालिबान को सत्ता से हटाया था तबसे भारत, अफगानिस्तान में सबसे बड़े क्षेत्रीय दानदाता के रूप में उभरा था।
भारत ने अफगानिस्तान में किया निवेश
अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण में भारत ने करीब 3 अरब डॉलर का निवेश किया था। हालांकि इसके पीछे यह तर्क दिया जाता है कि भारत, अफगानिस्तान में पाकिस्तान के मुकाबले अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। इसके तहत भारत ने अफगानिस्तान में सड़कों का जाल बिछाया, स्कूल, बांध और अस्पताल बनवाए।
शिक्षा के मामले में भी भारत ने की मदद
इतना ही नहीं भारत ने अफगानिस्तान में शिक्षा और वोकेशनल ट्रेनिंग के मामले में भी कई अहम कदम उठाए। नई दिल्ली में अफगान दूतावास के मुताबिक साल 2005 से 2011 के बीच, हर साल अफगान छात्रों को 500 छात्रवृत्तियां दी गईं। 2011 से 2021 के बीच तो यह संख्या 1,000 तक पहुंच गईं। इसके अलावा भी ऐसे बहुत से अफगान छात्र भारत में पढ़ने आए जो अपनी पढ़ाई का खर्चा खुद ही उठाते हैं।
60 हजार अफगान छात्रों ने भारत में की पढ़ाई
एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 16 सालों में 60,000 से ज्यादा अफगानों ने अपनी पढ़ाई भारत में पूरी की। लेकिन अफगानिस्तान में सत्ता में हुए बदलाव के बाद से छात्रों पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है। फिलहाल अफगानिस्तान के ऐसे लोग जो गंभीर रूप से बीमार हैं और भारत आकर अपना इलाज करना चाहते हैं, ऐसे लोगों को ही भारत आने अनुमति है, उन्हें ही वीजा मिल सकता है।
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