MP : PUC प्रमाण पत्र नहीं होने पर वाहन चालकों को दिए जा रहे पुष्प गुच्छ, जानिए क्या है पूरा मामला
प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा के निर्देशों का अमल परिवहन विभाग द्वारा प्रारंभ कर दिया गया है। परिवहन विभाग के अमले ने वाहनों के प्रदूषण स्तर की जांच का अभियान शुरू किया। पहले दिन 90 से अधिक वाहनों के प्रदूषण स्तर की जांच की गई। ज्ञात रहे है कि, संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा ने सम्पन्न हुई एक बैठक में परिवहन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये थे कि, वाहनों के प्रदूषण स्तर की मुहिम शुरू की जाये, जिसके बाद शहर में एक बार फिर परिवहन विभाग की ओर से वाहनों के प्रदूषण स्तर की जांच शुरू कर दी गई है, जहां अब लगातार विभाग की ओर से वाहनों के प्रदूषण स्तर को जांचा जा रहा है।
लगातार जारी है कार्रवाई
क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी प्रदीप कुमार शर्मा ने बताया कि, संभागायुक्त द्वारा दिये गये निर्देशों के परिपालन में परिवहन विभाग एवं यातायात पुलिस विभाग की संयुक्त टीम द्वारा मुहिम शुरू की गई। इस मुहिम में अवैध रूप से बिना परमिट एवं बिना वैध पीयूसी प्रमाण पत्र के संचालित हो रहे ऑटो रिक्शा वाहनों के विरूद्ध विजय नगर चौराहा एवं सत्यसाई चौराहे पर विशेष चैकिंग की गई। अभियान में लगभग 90 ऑटो रिक्शा वाहनों को चैक किया गया, जिसमें से 45 ऑटो रिक्शा को वैध परमिट एवं वैध पीयूसी प्रमाण पत्र नहीं होने पर उन्हें जप्त किया गया। इसके अतिरिक्त प्रायवेट कार वाहनों को भी चैक किया गया, एवं उनमें पीयूसी प्रमाण पत्र नहीं होने पर उनके चालकों को पुष्प गुच्छ दिये गये जाकर समझाईश दी गई कि, वे बिना वैध प्रमाण पत्र के अपनी वाहन का संचालन नहीं करें।
अनेक कारगर कदम उठाये जा रहे हैं
वायु प्रदूषण की रोकथाम तथा वायु गुणवत्ता में सुधार के लिये अनेक कारगर कदम उठाये जा रहे हैं। संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा ने यहां वायु गुणवत्ता सुधार के लिए गठित कार्य योजना कार्यान्वयन समिति की बैठक लेकर अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये थे। उन्होंने कहा था कि, वायु प्रदूषण की रोकथाम और वायु गुणवत्ता का सुधार सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके लिये उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये थे कि, वे पराली जलाने पर प्रभावी रोक लगाये। इस संबंध में किसानों को जागरूक करें। वाहनों के प्रदूषण स्तर की नियमित रूप से जांच करें। धूल उड़ने वाले स्थानों को चिन्हित कर पानी के छिड़काओं की व्यवस्था करें। पीयूसी केन्द्रों को सक्रिय करें, जिससे की अधिक से अधिक वाहनों के प्रदूषण स्तर की जांच हो सकें।
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