राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष शोभा ओझा का इस्तीफा, शिवराज सरकार को दिया अल्टीमेटम!
इंदौर, 24 जून: राजधानी भोपाल से लेकर दिल्ली तक सियासत में अपनी बेबाकी के लिए अलग पहचान रखने वाली शोभा ओझा ने राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया । साथ ही शोभा ओझा ने शिवराज सरकार पर निशाना साधते हुए कई गंभीर आरोप भी लगाए हैं। शोभा ओझा को तत्कालीन कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया था। शोभा ओझा की नियुक्ति के कुछ दिनों बाद ही कांग्रेस की सरकार गिर गई थी, जिसके बाद से ही शोभा ओझा लगातार शिवराज सरकार पर निशाना साधते नजर आ रही थी, और आखिरकार अब उन्होंने राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है।
अपने इस्तीफे में ओझा ने लिखी ये बातें
राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाली शोभा ओझा के पत्र पर यदि नजर डालें तो उन्होंने लिखा की, उपरोक्त विषयांतर्गत मैं यह स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि राज्य महिला आयोग की संवैधानिक रूप से गठित कार्यकारिणी को भंग करने का प्रयास कर, उसे न्यायालयीन प्रक्रियाओं में उलझा कर, आपकी सरकार ने हजारों महिलाओं को न्याय से वंचित करने का अन्यायपूर्ण व अक्षम्य कार्य किया है।
राजनीतिक स्वार्थों की खातिर महिला सुरक्षा और उनके अधिकारों की बलि चढ़ाने का जो पाप आपकी सरकार ने किया है, वह पूरी तरह से अस्वीकार्य है।
अधिनियम-1995 की धारा-3 के तहत मध्यप्रदेश राज्य महिला आयोग जो महिलाओं के शुभचिंतक, परामर्शदाता, मित्र, शिक्षक तथा श्रोता के रूप में कार्य करने के लिए एक संवैधानिक निकाय के रूप में गठित किया गया था, उसे अधिकार विहीन, शक्तिहीन और पंगु बनाने की आपकी सरकार की कोशिशें "बेटी बचाओ" और "नारी सुरक्षा" जैसे आपके ही नारों के खोखलेपन और वास्तविक मंशा को उजागर कर रहे हैं।
इन परिस्थितियों में, मैं महिला आयोग के एक ऐसे अशक्त मुखिया की भूमिका में हूं, जिसके सारे अधिकार छीन लिए गए हैं। मैं चाह कर भी महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और अधिकारों के लिए कुछ नहीं कर पा रही हूँ।
लिहाजा मैं आयोग के अध्यक्ष पद की संवैधानिक बाध्यताओं को त्याग कर उन्मुक्त और खुले मन से पीड़ित, शोषित और दमित महिलाओं की व्यथा और वेदना को स्वर देने के अपने संघर्ष को अन्य मंचों से जारी रखने का संकल्प और पवित्र उद्देश्य लिए अपने पद से इस्तीफा देना चाहती हूं।
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