Article 370: जम्मू-कश्मीर में आसान नहीं होगी प्रॉपर्टी की खरीदारी!
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने जम्मू और कश्मीर में प्रॉपर्टी खरीदने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि अनुच्छेद 370 और 35ए हटने के बाद भी बाहरी लोगों के लिए वहां प्रॉपर्टी खरीदना आसान नहीं होगा। उन्होने कहा कि जम्मू-कश्मीर में प्रॉपर्टी की खरीदारी और बिक्री कड़े डोमिसाइल कानून के तहत की जाएगी।
निर्मल सिंह ने कश्मीर के विकास में प्रॉपर्टी की खरीदारी के योगदान को गिनाते हुए कहा कि बाहरी लोगों के लिए अभी तक जम्मू-कश्मीर में प्रॉपर्टी खरीदना आसान नहीं था, लेकिन विशेष राज्य का तमगा हटने के बाद से अब बाहरी लोग भी आने शुरू हो जाएंगे, जिससे राज्य में उद्योग-धंधों की वृद्धि होगी, जो जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए मददगार साबित होगा।
जम्मू-कश्मीर के पुनर्निमाण की तैयारियों पर चर्चा करते हुए निर्मल सिंह ने आगाह किया कि जम्मू-कश्मीर में प्रॉपर्टी की बिक्री के लिए कड़े डोमिसाइल कानून बनाई जाएंगे और उसके तहत ही लोगों को प्रॉपर्टी खरीदने और बिक्री की अनुमति दी जाएगी। उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों को प्रॉपर्टी खरीदने में प्राथमिकता दी जाएगी।
गौरतलब है जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का स्टेट्स हटने के बाद वहां के स्थानीय लोग डरे हुए है कि अब बाहरी लोग वहां आकर ताबड़तोड़ प्रॉपर्टी खरीदने लगेंगे और बड़ी संख्या में वहां बसने लगेंगे. एक डर यह भी है कि बाहरी लोगों के आने प्रॉपर्टी के रेट में तेजी से इजाफा होगा. स्थानीय कश्मीरियों को आशंका है कि ऐसा होने से कश्मीर में बाहरी लोगों की संख्या बढ़ जाएगी, जो कश्मीरीयत के लिए खतरा है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि जूम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटने के बाद अब उद्योगपति और निवेशक न केवल यहां निवेश करने के लिए आगे आएंगे, जिससे उद्योग-धंधों तो बढ़ेंगे ही, इससे स्थानीय लोगों को भारी मात्रा में रोजगार भी हासिल होंंगे।
पूरे मामले पर जम्मू चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष राकेश गुप्ता ने बताया कि विशेष राज्य का दर्जा छिनने के बाद अब निवेशकों और प्रॉपर्टी खरीदने के इच्छुकों के लिए यहां जमीन खरीदना आसान हो गया है। उन्होंने अनुच्छेद 370 और 35 ए के खत्म होने के बाद भारत के अन्य राज्यों की तरह कोई भी भारतीय नागरिक यहां पर प्रॉपर्टी आसानी से खरीद पाएगा जबकि इससे पहले यह संभव नहीं था।
ग्लोबल टैक्सपेयर ट्र्स्ट के चेयरमैन मनीष खेमका का कहना है कि विशेष राज्य का दर्जा छिनने से जम्मू-कश्मीर में आम शहरी बैठे-बैठे करोड़पति हो गए हैं, क्योंकि अब उनकी प्रॉपर्टी के रेट दोगुने और तिगुने हो गए हैं। उन्होंने कहा कि कानूनी पहलू जो भी हो, लेकिन अब देश का कोई भी नागरिक अथवा उद्योगपति वहां प्रॉपर्टी बेहिचक और आसानी से खरीद सकेगा.उन्होंने आगे कहा कि राज्य में तेजी से उद्योग-धंधे बढ़ेंगे और जम्मू-कश्मीर की इकोनॉमी में तेजी आएगी, जो ठप हो चुके राज्य का विकास के लिए हितकारी होगा।
उल्लेखनीय है कठुआ में स्थापित बिरला टेक्सटाइल मिल जम्मू-कश्मीर के 10000 लोगों को रोजगार प्रदान करती है, जिसे तत्कालीन मुख्यमंत्री शेख अब्दुला ने विशेष छूट देकर जम्मू-कश्मीर में फैक्टरी के लिए जमीन देकर बसाया था. माना जा रहा है कि विशेष स्टेट्स हटने के बाद अब ज्यादा संख्या में निजी कंपनिया जम्मू-कश्मीर में प्रॉपर्टी खरीदने आएंगी और बेरोजगारों को रोजगार हासिल हो सकेगा।
उधर, अनुच्छेद 370 और 35 ए हटने के बाद से सोशल नेटवर्किंग साइट्स जम्मू-कश्मीर में प्रॉपर्टी खरीद-बिक्री के मीम्स और विज्ञापनों से पट गए हैं, जिसमे सस्ते दरों पर जम्मू और कश्मीर में प्रॉपर्टी दिलाने का दावा किया जा रहा है. शाह डेवलपर्स नाम से वायरल हो रहे एक विज्ञापन में तो बकायदा प्रॉपर्टी के रेट भी दर्शाए गए हैं. विज्ञापने के मुताबिक महज 11000 रुपए देकर प्लॉट बुक कराया जा सकता है. हालांकि जब वायरल हो रहे विज्ञापन की पड़ताल की गई तो विज्ञापन झूठा निकला.
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