Yaas Cyclone:यास का अर्थ क्या है ? चक्रवात कहलाने के लिए तूफानी हवा की स्पीड क्या होनी चाहिए ?
भुवनेश्वर, 25 मई: पश्चिम और दक्षिण भारत अरब सागर में उठे तौकते चक्रवात के कहर से अभी उबरा भी नहीं है कि पूर्वी और दक्षिण भारत पर यास चक्रवात का खतरा मंडरा रहा है। ताजा सूचना के मुताबिक यास चक्रवात बुधवार को दोपहर या उसके बाद ओडिशा के बालासोर के पास धरती से टकराएगा। शुरुआत में इस चक्रवात की रफ्तार को लेकर थोड़ी अच्छी खबरें थीं, लेकिन अब इसकी रफ्तार 155 से लेकर 165 किलोमीटर प्रति घंटा के बीच रहने का अनुमान जताया जा रहा है। इस तटवर्ती राज्य के जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा,भद्रक, मयूरभंज, क्योंझर और बालासोर जिलों में इसकी वजह से भारी तबाही की आशंका जताई जा रही है। वहीं पश्चिम बंगाल के भी तटवर्ती जिलों उत्तर और दक्षिण 24 परगनाओं में 90 से 100 किलोमीटर की रफ्तार से तूफानी हवाएं चलने का अनुमान है, जो कि 120 किलोमीटर तक की रफ्तार पर भी पहुंच सकता है। पश्चिम बंगाल के पुर्वी और पश्चिमी मिदनापुर, उत्तर और दक्षिण 24 परगनाओं के अलावा हावड़ा और हुगली जिलों में सोमवार से ही कई जगहों पर हल्की से लेकर मध्यम बारिश हो रही है। ओडिशा में भी तटीय इलाकों में बारिश हो रही है। ऐसे में सवाल है कि 'यास' का मतलब क्या है और चक्रवात कहलाने के लिए तूफानी हवाओं की रफ्तार कम से कम कितनी होनी चाहिए?
क्या है चक्रवात और इसकी रफ्तार कितनी होती है ?
चक्रवात या 'साइक्लोन' ग्रीक शब्द 'साइक्लोज' से बना है, जिसका मतलब है वैसा सांप जिसने कुंडली मार रखी हो और हमले के लिए तैयार बैठा हो। इसमें कम दबाव के क्षेत्र में हवा अंदर की ओर चक्कर काटती रहती है। यह वायुमंडलीय उलटफेर (विक्षोभ) की वजह से पैदा होता। चक्रवात आमतौर पर खराब मौसम जैसे कि तेज तूफान और भारी बारिश के साथ आता है। कोई भी तूफानी हवा तभी चक्रवात कहलाती है, जब वह कम से कम 74 मील प्रति घंटे (119.091 किमी प्रति घंटे) की रफ्तार पकड़ ले। जब तूफान चक्रवात का शक्ल अख्तियार कर लेता तब उसका एक नाम दिए जाने की परंपरा है। चक्रवात का नाम वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गेनाइजेशन/यूनाइटेड नेशन का इकोनॉमिक एंड सोशल कमीशन फॉर एशिया एंड पेसिफिक और पैनल ऑन ट्रॉपिकल साइक्लोन जैसे संगठनों की ओर से तय किया जाता है।
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इस क्षेत्र में 13 देश मिलकर तय करते हैं नाम
पैनल ऑन ट्रॉपिकल साइक्लोन (पीटीसी) में इस क्षेत्र में चक्रवात का नाम तय करने के लिए भारत समेत 13 देश शामिल हैं। ये हैं- बांग्लादेश, म्यांमार, पाकिस्तान, मालदीव, ओमान, श्रीलंका, थाईलैंड, ईरान, कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और यमन। 2020 में चक्रवातों के 169 नामों की नई लिस्ट जारी की गई थी, इसमें इन सभी 13 देशों की ओर से सुझाए गए 13 नाम भी शामिल थे। आमतौर पर ट्रॉपिकल साइक्लोन (उष्णकटिबंधीय चक्रवात) का नाम क्षेत्रीय नियमों के आधार पर तय होता है। उदाहरण के लिए अटलांटिक और दक्षिणी गोलार्ध में जिसमें कि हिंद महासागर और दक्षिण प्रशांत भी शामिल है, ये नाम वर्णमाला के क्रम में या पुरुष और महिला के आधार पर बारी-बारी से रखे जाते हैं।
चक्रवातों का नाम क्यों रखा जाता है ?
चक्रवातों का नाम तय करने की परंपरा तूफानों को लेकर चेतावनी संदेश देने के मकसद से शुरू हुई थी। आम लोगों के लिए चक्रवातों की तकनीकी संख्या या शर्तों को याद रखना नामुमकिन है। इसलिए, ऐसे नाम रखे जाते हैं, जिसके जरिए आपात स्थिति को लेकर लोगों को फौरन तैयार करना आसान हो और समचार माध्यमों के जरिए उसके बारे में जानकारी लोगों तक तत्काल पहुंचाई जा सके। हर बार यह ऐसा नया नाम होता है, जिसे कि लोग बहुत जल्दी ही समझना शुरू कर देते हैं।
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यास का अर्थ क्या है ?
इसबार 'यास' चक्रवात का नामकरण ओमान ने किया है। 'यास' का अर्थ होता है-पेड़। 'तौकते' नाम का पिछला चक्रवात जो अरब सागर में आया था, वह म्यांमार का दिया हुआ नाम था- जिसका अर्थ होता है- गेको या छिपकली। चक्रवात का नाम तय करने के लिए कुछ नियम भी बने हुए हैं। जैसे कि इसका ऐसा नाम नहीं रखा जा सकता, जिससे दुनिया के किसी समुदाय या समाज की भावनाएं आहत हों। यह बहुत अशिष्ट और निर्दयी भी नहीं हो सकता। यह ऐसा भी होना चाहिए, जिसका उच्चारण करना आसान हो। इसके नाम में अधिकतम 8 अक्षर होने चाहिए। यह नाम कभी दोहराया भी नहीं जाना चाहिए।