World Zoonoses Day: जानिए क्या होता है जूनोसिस, इस संक्रामक बीमारी के बारे में जानें सबकुछ
World Zoonoses Day: जानिए क्या होता है जूनोसिस, इस संक्रामक बीमारी के बारे में जानें सबकुछ
नई दिल्ली, 06 जुलाई: विश्व जूनोसिस दिवस, ऐसी बीमारियों के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए मनाया जाता है, जो संक्रामक बीमारी है। साफ शब्दों में कहा जाए तो जूनोटिक ऐसी बीमारी है जो जानवरों से मनुष्यों में और फिर मनुष्यों से जानवरों में फैलती है। जब ये बीमारी मनुष्यों से जानवरों में फैलती है तो इसे रिवर्स जूनोसिस कहा जाता है। ऐसी ही बीमारियां इबोला, एवियन इन्फ्लूएंजा और वेस्ट नाइल वायरस जैसे जूनोटिक बीमारियों के खिलाफ पहले टीकाकरण की याद में हर साल 6 जुलाई को विश्व जूनोसिस दिवस मनाया जाता है।
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जानें क्या होता है जूनोसिस?
जूनोसिस एक संक्रामक बीमारी है, जो जानवरों से मनुष्यों में फैलती है। जूनोटिक के रोगजनक बैक्टीरिया, वायरल या परजीवी हो सकते हैं। जो या तो सीधे संपर्क से, या भोजना, पानी या फिर पर्यावरण के माध्यम से से मनुष्यों में फैल सकते हैं। इसका सबसे बेहतरीन उदाहरण है, कोरोना वायरस महामारी। कई रिपोर्ट में ये कहा गया है कि कोरोना वायरस चमगादड़ से मनुष्यों में फैला है। जूनोसिस में एचआईवी, इबोला वायरस और साल्मोनेलोसिस जैसे बीमारियां शामिल हैं। ये पहले तो एक जूनोसिस के रूप में शुरू हुए थे, लेकिन बाद खतरनाक रूप बन गए।
जूनोटिक बीमारी के खिलाफ पहला टीकाकरण 6 जुलाई, 1885 को फ्रांसीसी जीवविज्ञानी लुई पाश्चर द्वारा किया गया था। विश्व जूनोसिस दिवस जूनोटिक रोगों के जोखिम और उनकी रोकथाम के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए भी मनाया जाता है।
150 से भी ज्यादा हैं जूनोटिक बीमारियां हैं वर्तमान में
बर्ड फ्लू, स्वाइन फ्लू, इबोला, निपाह, रेबीज, ब्रूसेलोसिस,लेप्टोस्पाइरोसिस, हुकवार्म, साल्मोनेलोसिस, ग्लैंडर्स, एवियन इन्फ्लूएंजा, वेस्ट नाइल वायरस जैसी बीमारियां जूनोटिक रोग होते हैं। डॉक्टरों की मानें तो दुनियाभर में वर्तमान में 150 से भी ज्यादा जूनोटिक बीमारियां हैं।
जूनोसिस बीमारी कैसे फैलता है?
जानवर जूनोटिक बीमारियों को फैलाने में अहम भूमिका निभाते हैं। 75 फीसदी नई या उभरती हुई बीमारियां जानवरों से ही होती हैं। रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के मुताबिक, जूनोटिक रोग का संक्रमण जानवरों के संपर्क में आने से होता है और फैलता है। उदाहरण के लिए जैसे आदमी का मांस खाना और पशु उत्पादों का उपयोग करना। ये बीमारी पालतू जानवरों, मवेशियों या फिर मांस बेचने वाले कसाईयों से भी फैल सकता है। जानवरों में एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल करना से भी ये रोग फैलता है।