क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

World No Tobacco Day 2021: कोरोना महामारी के दौरान कितना खतरनाक है स्मोकिंग

World No Tobacco Day: कोरोना महामारी के दौरान कितना खतरनाक है स्मोकिंग

Google Oneindia News

नई दिल्ली, 31 मई:

World No Tobacco Day
दुनियाभर में हर साल 31 मई को 'विश्व तंबाकू निषेध दिवस' यानी वर्ल्ड नो टोबैको डे मनाया जाता है। विश्व तंबाकू निषेध दिवस 1987 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के पहल के बाद से मनाया जा रहा है। तंबाकू का सेवन करने से रोकने और तंबाकू की वजह से स्वास्थ को होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से ये दिन मनाया जाता है। साल 2021 के लिए वर्ल्ड नो टोबैको डे का थीम है, ''छोड़ने के लिए प्रतिबद्ध'' (Commit to Quit)। धूम्रपान और तंबाकू के सेवन से सबसे ज्यादा फेफड़ों में कैंसर होता है। दुनियाभर में फेफड़ों के कैंसर के जितने भी मामले सामने आते हैं, उसमें से 19 फीसदी लोगों की मौत धूम्रपान और तंबाकू के सेवन से होती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार साल 2020 में फेफड़ों का कैंसर, कैंसर से होने वाली मौतों में सबसे आम कारण सिगरेट स्मोकिंग रहा है। अब कोरोना मरीजों में भी धूम्रपान और तंबाकू के सेवन से 50 फीसदी ज्यादा मौत के खतरों की रिपोर्ट सामने आई है।

Recommended Video

World No Tobacco Day: Sand Artist Sudarshan Patnaik ने अपनी कला से समझाया महत्व । वनइंडिया हिंदी

इस साल वर्ल्ड नो टोबैको डे थीम 'Commit to Quit'

विश्व स्वास्थ्य संगठन इस साल के वर्ल्ड नो टोबैको डे थीम 'Commit to Quit' के साथ एक अरब से अधिक तंबाकू का सेवन करने वालों को नशे को छोड़ने वाले टूलकिट उपलब्ध कराए हैं। जो पिछले 5 महीने से भी कम वक्त में किया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन इस अभियान में 29 देशों के साथ काम कर रहा है।

विश्व स्तर पर, लगभग 39% पुरुष और 9% महिलाएं तंबाकू और स्मोकिंग का उपयोग करती हैं। इसका सबसे अधिक प्रयोग यूरोप में 26 फीसदी किया जाता है। अगर धूम्रपान रोकने के लिए सरकारी कार्रवाई नहीं की जाती है तो अनुमानों में 2025 तक केवल 2 फीसदी की ही कमी दिखाई देगी। दुनियाभर में धूम्रपान करने वालों में लगभग 10 प्रतिशत लोग भारत में हैं।

कोरोना महामारी के दौरान कितना खतरनाक है स्मोकिंग और तंबाकू

-विश्व स्वास्थ्य संगठन के ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि धूम्रपान करने वालों में गंभीर बीमारी विकसित होने और कोरोना से मौत का 50 प्रतिशत तक अधिक जोखिम होता है। इसके अलावा कैंसर, हृदय रोग और श्वसन विकसित होने का जोखिम भरी बीमारियां भी धूम्रपान की वजह से होती हैं।

- एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट के सीनियर इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट, डॉ तिलक सुवर्णा के मुताबिक, कोविड-19 मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करता है और धूम्रपान भी फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है। दुनियाभर में शोध से पता चलता है कि धूम्रपान न करने वालों की तुलना में धूम्रपान करने वालों में कोरोना के बाद फेफड़ों की गंभीर जटिलताएं अधिक होती हैं।

- डॉ तिलक सुवर्णा ने कहा, ''तंबाकू के धुएं में जहरीले रसायन होते हैं जो श्वसन प्रक्रिया और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं। तंबाकू के धुएं में पाए जाने वाले प्रतिरक्षा कोशिकाओं की गतिविधि को दबा देते हैं, जिससे हमारी इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है और इस तरह कोविड संक्रमण से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जारी की रिपोर्ट

- विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस साल की शुरुआत में एक वैज्ञानिक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें दिखाया गया था कि धूम्रपान करने वालों को गंभीर बीमारी विकसित होने और कोविड-19 से मृत्यु का अधिक खतरा होता है। हालांकि हमें धूम्रपान के साइड इफेक्ट्स के इस फैक्ट्स को देखकर हैरान नहीं होना चाहिए क्योंकि धूम्रपान करने वालों को पारंपरिक रूप से संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील माना जाता है, विशेष रूप से फ्लू, निमोनिया और ट्यूबरक्लोसिस जैसे मामलों में।

क्या है एक्सपर्ट का कहना ?

- एक्सपर्ट का कहना है कि धूम्रपान करने वालों को हृदय रोग, स्ट्रोक, कैंसर, पुरानी फेफड़ों की बीमारी और डायबिटीज से पीड़ित होने की अधिक संभावना होती हैस, ऐसे में यह ध्यान रखना आवश्यक है कि ये सभी गंभीर बीमारी विकसित करने और कोरोना मरीजों में क्लिनिकल आउटकम को बूरी तरह से प्रभावित करता है।

ये भी पढ़ें- कोरोना काल में कितने स्वस्थ और मजबूत हैं आपके फेफड़े, घर पर बैठे ऐसे करें चेकये भी पढ़ें- कोरोना काल में कितने स्वस्थ और मजबूत हैं आपके फेफड़े, घर पर बैठे ऐसे करें चेक

- एक्सपर्ट का कहना है कि स्मोकिंग करने वालों की उंगलियां और संभवत दूषित सिगरेट होठों के संपर्क में आते हैं, जिसके दौरान हाथ से मुंह में वायरस के ट्रांसमिशन का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, चबाने वाले तंबाकू उत्पादों को आमतौर पर सार्वजनिक स्थानों पर थूकने के लोग आदि होते हैं, उससे लार की बूंदों के माध्यम से कोविड के संक्रमण के जोखिम को भी तेज हो जाते हैं। आप स्मोकिंग करके जो हवा धुएं में छोड़ते हैं, उससे आपके मुंह से निकला वायरस किसी और को भी संक्रमित कर सकता है।

-दिल्ली मधुमेह अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ. ए के झींगन का कहना है कि धूम्रपान करने वाले लोगों के लिए कोरोना वायरस ज्यादा घातक हो जाता है कि क्योंकि मरीज की इम्यूनिटी इतनी कमजोर होती है कि वह वायरस को झेल नहीं पाता है। वहीं फेफड़े कमजोर होने की वजह से स्मोकिंग और तंबाकू के सेवन करने वाले मरीजों को ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की ज्यादा जरूरत होती है।

- धर्मशिला नारायणा सुपरस्पेशेलिटी अस्पताल के डॉक्टर अंशुमन कुमार कहते हैं कि तंबाकू का असर कोरोना से ठीक होने यानी पोस्ट कोविड सिंड्रोम एक अतिरिक्त समस्या के रूप में सामने आया है। वायरस से ठीक होने के बाद भी धूम्रपान फेफड़ों की हीलिंग पॉवर को कम कर देता है।

Comments
English summary
World No Tobacco Day 2021: How smoking dangerous during coronavirus pandemic all you need to know
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X