'किसान आंदोलन में मारे गए लोगों को मुआवजा क्यों नहीं'?, केंद्र के रुख पर राहुल गांधी ने उठाए सवाल
नई दिल्ली, 3 दिसंबर: मोदी सरकार ने तीनों नए कृषि कानूनों को वापस ले लिया है, लेकिन अभी किसानों का आंदोलन खत्म नहीं हुआ। शुक्रवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी भी फिर से उनके समर्थन में उतरे और मारे गए किसानों के लिए मुआवजे की मांग की। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि संसद में एक प्रश्न पूछा गया था कि क्या सरकार किसान आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों को मुआवजा देगी। इस पर मंत्रालय ने जवाब दिया कि उनके पास इससे संबंधित कोई रिकॉर्ड ही नहीं है, इसलिए मुआवजे का सवाल ही नहीं उठता है।
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कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि हमारे पास 403 लोग हैं, जिन्हें पंजाब सरकार ने 5-5 लाख रुपये का मुआवजा दिया है। इसके अलावा 152 को नौकरी दी गई। हमारे पास अन्य राज्यों के 100 नामों की एक सूची है। उसमें शामिल नामों को आसानी से सत्यापित किया जा सकता है लेकिन सरकार कहती है कि ऐसी कोई सूची है ही नहीं। राहुल गांधी के मुताबिक पीएम ने खुद कहा है कि उनसे गलती हुई है, उन्होंने देश से माफी मांगी है। उस गलती की वजह से अब तक 700 लोगों की मौत हो चुकी है। अब आप उनके नाम के बारे में झूठ बोल रहे हैं। आपके पास उन्हें वो देने की शालीनता क्यों नहीं है, जो उनका हक है?
राहुल ने आरोप लगाते हुए कहा कि पीएम मोदी अपने 3-4 उद्योगपति दोस्तों के लिए कुछ भी कर सकते हैं, लेकिन वो किसानों के लिए कुछ नहीं करेंगे। कांग्रेस पार्टी किसानों के लिए करोड़ों रुपये नहीं मांग रही, वो बस चाहती है कि जो किसान मारे गए हैं, उनके परिजनों को सही मुआवजा मिल जाए।
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केंद्र
ने
अब
तक
उठाए
हैं
ये
कदम
आपको
बता
दें
कि
कुछ
दिनों
पहले
पीएम
मोदी
ने
देश
को
संबोधित
करते
हुए
कृषि
कानून
को
वापस
लेने
का
ऐलान
किया
था।
इसके
बाद
शीतकालीन
सत्र
के
पहले
दिन
उसे
वापस
ले
लिया
गया।
साथ
ही
एमएसपी
की
गारंटी
के
लिए
एक
समिति
भी
बनी,
जिसमें
किसान
नेता
भी
शामिल
होंगे।
वहीं
पराली
जलाना
अब
गैर
कानूनी
अपराध
नहीं
है।
गृह
मंत्रालय
ने
सभी
राज्यों
को
निर्देश
दिए
हैं
कि
वो
किसानों
पर
दर्ज
केस
को
रद्द
करने
पर
विचार
करें।