उद्धव ठाकरे के शपथ पढ़ने के दौरान क्यों नाराज हो गए थे राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी
उद्धव ठाकरे के शपथ पढ़ने के दौरान राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी उनकी इस बात से नाराज हो गए और मंच से अपनी आपत्ति दर्ज कराई...
नई दिल्ली। शिवसेना के मुखिया उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन वाली सरकार के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। मुंबई के शिवाजी पार्क मैदान में शपथ ग्रहण कार्यक्रम रखा गया औऱ राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उद्धव ठाकरे को सीएम पद की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण कार्यक्रम में एनसीपी प्रमुख शरद पवार, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे, मुकेश अंबानी और नीता अंबानी समेत कई दिग्गज हस्तियां शामिल हुईं। इस दौरान एक मौका ऐसा भी आया, जब उद्धव ठाकरे के शपथ पढ़ने के दौरान राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी नाराज हो गए और उन्होंने मंच से ही उद्धव को अपनी आपत्ति दर्ज कराई।
इस बात पर नाराज हुए राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी
दरअसल, मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने के लिए राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उद्धव ठाकरे का नाम पुकारा। इसके बाद जब राज्यपाल ने शपथ के लिए 'आई' शब्द बोला तो उद्धव ठाकरे ने शपथ पढ़ने से ठीक पहले शिवाजी महाराज और अपने माता-पिता का नाम लिया। इस बात पर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी नाराज हो गए और उद्धव से आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि यह सब शपथ ग्रहण प्रोटोकॉल के खिलाफ है। इसके बाद जब एनसीपी के नेता मंत्री के तौर पर शपथ लेने के लिए मंच पर पहुंचे तो उन्होंने भी शपथ लेने से पहले एनसीपी प्रमुख शरद पवार का नाम लिया। राज्यपाल ने इसपर अपनी आपत्ति जताते हुए कहा कि भविष्य में होने वाले शपथ ग्रहण में ऐसा नहीं होना चाहिए, यह प्रोटोकॉल के खिलाफ है।
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शनिवार को बहुमत साबित करेंगे उद्धव ठाकरे
आपको बता दें कि महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बीच 'महा विकास अघाड़ी' नाम से गठबंधन बनाया गया है। इस गठबंधन के नेता के तौर पर शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को सीएम पद की शपथ ली। उद्धव ठाकरे के साथ-साथ तीनों पार्टियों के 2-2 विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली। हालांकि डिप्टी सीएम के पद को लेकर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। वहीं, एनसीपी के विधायक दिलीप वालसे पाटिल को नया प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया है। उद्धव ठाकरे शनिवार यानी कल सदन में अपनी सरकार का बहुमत साबित करेंगे। हालांकि राज्यपाल ने उन्हें बहुमत साबित करने के लिए 3 दिसंबर का समय दिया था। उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर कार्यभार संभाला।
'शिवसेना ने भाजपा को धोखा दिया'
इससे पहले बीते मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को सदन में बहुमत साबित करने का आदेश दिया था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कुछ घंटों बाद ही देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र में एनडीए को सरकार बनाने के लिए जनादेश मिला था, लेकिन शिवसेना ने भाजपा को धोखा दे दिया। इस्तीफे के बाद जब उनसे पूछा गया कि क्या अजित पवार से हाथ मिलाना उनकी गलती थी? इस सवाल के जवाब में देवेंद्र फडणवीस ने कहा, 'चिंता मत कीजिए, सही समय आने पर मैं सही बात बताऊंगा।'
महाराष्ट्र के बाद अब गोवा पर शिवसेना की निगाहें
वहीं, महाराष्ट्र में सरकार गठन के बाद शिवसेना सांसद संजय राउत ने अब एक और भाजपा शासित राज्य में बड़े उलटफेर के संकेत दिए हैं। दरअसल महाराष्ट्र के बाद अब भाजपा शासित गोवा पर शिवसेना की निगाहें हैं। शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए संजय राउत ने कहा, 'गोवा फॉरवर्ड पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व सीएम विजई सरदेसाई तीन विधायकों के साथ शिवसेना के साथ गठबंधन कर रहे हैं। ठीक वैसे ही जैसे महाराष्ट्र में हुआ था, गोवा में भी एक नया राजनीतिक मोर्चा जन्म ले रहा है। जल्दी ही गोवा में भी आपको एक चमत्कार दिखाई देगा। यह पूरे देश में होगा। महाराष्ट्र के बाद अब गोवा का नंबर है और इसके बाद हम बाकी राज्यों में जाएंगे। हम इस देश में एक गैर-भाजपा राजनीतिक मोर्चा बनाना चाहते हैं।'
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