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congress president election: मल्लिकार्जुन खड़गे के आने से दिग्विजय क्यों हटे पीछे?

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नई दिल्ली, 30 सितंबर: कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरने के आखिरी दिन तीन उम्मीदवारों ने पर्चा दाखिल किया है। जबसे पार्टी में यह चुनाव प्रक्रिया शुरू हुई है, कई नेताओं के नाम उछले या उछाले गए हैं। लेकिन, सबसे चर्चित नाम अशोक गहलोत का था, जो खुद इस रेस से बाहर हो गए। फिर अचानक दिग्विजय सिंह ने रिंग में उतरकर यह कयास लगाने को मजबूर किया कि शायद गहलोत नहीं तो आलाकमान उन्हीं में भरोसा जताना चाहता है। क्योंकि, वह चुनाव अध्यक्ष का लड़ने आए थे, लेकिन पार्टी से ज्यादा गांधी परिवार के कसीदे पढ़ रहे थे। लेकिन, जब आज गांधी परिवार के उनसे भी बड़े वफादार मल्लिकार्जुन खड़गे की एंट्री हुई तो वह रिंग से सरपट निकल लिए। एक नाम शशि थरूर का भी है, जो शुरू से मैदान में हैं, वैसे उनकी उम्मीदवारी के सामर्थ्य पर उनके प्रदेश की पार्टी यूनिट और एक प्रवक्ता शुरू में ही संदेह जता चुके हैं। ऐसे में यह बड़ा दिलचस्प हो गया है कि आखिर इस चुनावी सर्कस को संचालित कौन कर रहा है?

खड़गे के आने से दिग्विजय पीछे क्यों हटे ?

खड़गे के आने से दिग्विजय पीछे क्यों हटे ?

देश में कुछ लोग टीवी पर बिग बॉस आने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष के चुनावी 'सर्कस' में वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने जैसे वाइल्ड कार्ड एंट्री मारी है। शुरू से ऐसा लग रहा था कि हाई कमान ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए नई पोस्टिंग तय कर दी है, लेकिन दो दिनों में ही पूरे हालात बदल चुके हैं। कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में एमपी के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह की भूमिका गहलोत के बाद सबसे अधिक दिलचस्प रही है। कभी हां और कभी ना कहने के बाद दिग्विजय सिंह ने पार्टी से इस चुनाव के लिए नामांकन पत्र भी ले लिया। लेकिन, आखिरकार खड़गे के रेस में कूदने के बाद कह दिया कि, 'मैंने उनसे कहा है कि मैं उनके साथ खड़ा हूं और उनके खिलाफ लड़ने की सोच भी नहीं सकता हूं, मैं उनका प्रस्तावक बनूंगा।' सवाल है कि दिग्विजय सिंह तो पहले से मैदान में थे, फिर खड़गे के खिलाफ उतरने की बात कहां से आई ? मैदान में रिंग में तो खड़गे ने बाद में एंट्री मारी है!

अशोक गहलोत सबसे संभावित चेहरा थे

अशोक गहलोत सबसे संभावित चेहरा थे

कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए सबसे संभावित नाम शुरू से गहलोत का लग रहा था। लेकिन, राजस्थान के मुख्यमंत्री की कुर्सी के चक्कर में वहां पार्टी की सरकार पर ही संकट आ गया। राजस्थान में कांग्रेस के जादूगर कहे जाने वाले गहलोत के समर्थकों ने पहले तो आला कमान को रेड कार्ड दिखाया और फिर सीएम ने दिल्ली आकर पार्टी अध्यक्ष से माफी मांगी और कह दिया कि मुख्यमंत्री पद पर फैसला सोनिया गांधी ही करेंगी। लेकिन, उनके समर्थक विधायकों के तेवर सीएम की कुर्सी को लेकर बदले नजर नहीं आए। राजस्थान के घटनाक्रम ने सबसे ज्यादा सचिन पायलट के समर्थकों को मायूस किया है। सोनिया ने अभी मुख्यमंत्री पद को लेकर कुछ नहीं कहा है, लेकिन उनके समर्थकों ने सचिन पायलट को कांग्रेस अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी देने की मांग की है।

थरूर भी गांधी परिवार के कसीदे पढ़कर मैदान में उतरे

थरूर भी गांधी परिवार के कसीदे पढ़कर मैदान में उतरे

कांग्रेस अध्यक्ष की दावेदारी को लेकर एक बड़ा नाम शुरू से लगातार रेस में बना रहा है। यह है तिरुवनंतपुरम से पार्टी सांसद शशि थरूर का। थरूर कांग्रेस के असंतुष्ट माने जाने वाले ग्रुप 23 में भी शामिल रह चुके हैं। जिस अंदाज में कभी नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली थी, आज थरूर के नामांकन में भी उससे कहीं कम जोश नहीं था। लेकिन, गाने-बजाने के साथ पर्चा भरने से पहले उन्होंने साफ किया कि वे जी-23 की ओर से पर्चा नहीं भर रहे हैं और ना ही उनका समर्थन मांग रहे हैं। पहले दिग्विजय सिंह कांग्रेस के लिए गांधी परिवार की अहमियत बताते नहीं थक रहे थे और बाद में थरूर ने भी वही सुर अपना लिया। सबसे बड़ी बात ये है कि इंदिरा गांधी के समय से गांधी परिवार के सबसे वफादार रहे एमपी के पूर्व सीएम कमलनाथ का भी नाम कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए उछला गया था, लेकिन उन्होंने इससे दूर ही रहने में भलाई समझी।

कांग्रेस अध्यक्ष पद के तीसरे उम्मीदवार हैं केएन त्रिपाठी

कांग्रेस अध्यक्ष पद के तीसरे उम्मीदवार हैं केएन त्रिपाठी

शुक्रवार को शशि थरूर और मल्लिकार्जुन खड़गे की ओर से नामांकन दाखिल होने के अलावा एक और नाम भी इस रेस में शामिल हुआ है। ये हैं झारखंड के कांग्रेस नेता केएन त्रिपाठी। सोनिया गांधी की जगह अध्यक्ष बनने के लिए इन्होंने भी पर्चा दाखिल किया है। उन्होंने नामांकन दाखिल करने से पहले बताया कि 'मैं किसान परिवार से आता हूं। देश देख रहा है कि एक किसान का बेटा, जिसे भारतीय वायु सेना में सेवा का अनुभव है, प्रदेश सरकार में मंत्री है और झारखंड विधानसभा में उपनेता चुना गया है, वह भी एआईसीसी अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ सकता है।'

खड़गे लग रहे हैं पार्टी अध्यक्ष पद के सबसे मजबूत दावेदार

खड़गे लग रहे हैं पार्टी अध्यक्ष पद के सबसे मजबूत दावेदार

कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अब जो तीन उम्मीदवार असल में मैदान में हैं, उनमें मल्लिकार्जुन खड़गे सबसे बड़े दावेदार लग रहे हैं। खड़गे को कांग्रेस आलाकमान ने पार्टी में तबसे आगे बढ़ाना शुरू किया है, जब 2014 में मोदी लहर में भी वह लोकसभा चुनाव जीत कर आए थे और पार्टी ने उन्हें सदन का नेता बनाया था। उनकी गांधी परिवार के प्रति वफादारी अबतक बेदाग रही है। गुलाम नबी आजाद की राज्यसभा सदस्यता खत्म होने का इंतजार पूरा हुआ और पार्टी ने उन्हें उच्च सदन में विपक्ष का नेता बनने का मौका दिया। शायद खड़गे का परिवार में पहुंच का ही असर है कि दिग्विजय बिना लड़े रिंग से बाहर निकल गए। खड़गे के नामांकन के दौरान पार्टी नेताओं की जो जमात पहुंची थी, उससे भी अंदाजा लग सकता है कि उन्हें कहां का आशीर्वाद प्राप्त है। उनके प्रस्तावकों में अशोक गहलोत, दिग्विजय सिंह, प्रमोद तिवारी, पीएल पूनिया, एके एंटनी, पवन कुमार बंसल,भूपेंद्र सिंह हुड्डा और मुकुल वासनिक शामिल हैं।

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खड़गे को जी-23 नेताओं का भी समर्थन

खड़गे को जी-23 नेताओं का भी समर्थन

यही नहीं जी-23 में शामिल रहे मनीष तिवारी और आनंद शर्मा ने भी अध्यक्ष पद के लिए खड़गे के नाम का समर्थन किया है। उनकी उम्मीदवारी को लेकर गहलोत ने तो यहां तक बयान दिया कि 'हमारे वरिष्ठ नेताओं ने मिलकर खड़गे जी के नामांकन को लेकर फैसला किया है, मैं उनका प्रस्तावक बनूंगा।' तो गहलोत नहीं तो खड़गे सही, लगभग इसी ओर बढ़ चुका है कांग्रेस के अध्यक्ष पद का चुनाव। वैसे आधिकारिक ऐलान तो 19 अक्टूबर को होने वाला है।

English summary
Kharge is the strongest contender in the election of Congress President. Blessings of Gandhi family on him. High command loyalty can be rewarded
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