क्या हम खुद को भारत रत्न देंगे, नहीं ऐसा हरगिज नहीं होगा-अटल बिहारी वाजपेयी
नई दिल्ली। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी अपनी स्वच्छ छवि और बेबाक अंदाज के लिए खुद की पार्टी सहित सभी विपक्षी दलों में काफी लोकप्रिय हैं। पक्ष और विपक्ष लगभग सभी अटल बिहारी वायपेयी को भारत रत्न दिए जाने के पक्षधर हैं। लेकिन इस संदर्भ में अटल बिहारी का बयान काफी मायने रखता है।
दरअसल जब अटल बिहारी देश के प्रधानमंत्री थे तब उन्हें भारत रत्न दिए जाने की मांग काफी जोर-शोर से उठी थी। कैबिनेट के सदस्य अटल जी को भारत रत्न दिए जाने का लगभग पूरा मन बना चुके थे। लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा था कि, 'क्या हम अपने आप को ही भारत रत्न देंग?
डायनिंग
टेबल
पर
तोड़ी
थी
चुप्पी
पूर्व
प्रधानमंत्री
अटल
बिहारी
वाजयपेयी
के
मीडिया
सलाहकार
अशोक
टंडन
अपनी
किताब
उस
समय
के
घटनाक्रम
को
बयान
करते
हुए
लिखते
हैं
कि
जब
अटल
जी
दुबारा
प्रधानमंत्री
चुने
गये
थे
तो
उनके
कुछ
विशेष
मंत्री
उन्हें
भारत
रत्न
दिये
जाने
के
पक्षधर
थे।
मौका
था
जब
अटल
जी
डायनिंग
टेबल
पर
अहम
कैबिनेट
मंत्रियों
के
साथ
खाना
खा
रहे
थे।
मंत्रियों इस बात पर चर्चा कर रहे थे कि पूर्व में भी जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी को उनके पीएम के कार्यकाल में ही भारत रत्न का सम्मान दिया गया था। ऐसे में अटलजी को भी भारत रत्न दिया जाना चाहिए। अटल जी इस पूरी चर्चा को चुपचाप सुन रहे थे। लेकिन तभी उन्होंने कहा कि क्या हम खुद को भारत रत्न देंगे। उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल उचित नहीं होगा कि प्रधानमंत्री खुद को भारत रत्न दें ऐसे में इस बहस को यहीं पर खत्म कर देना चाहिए।
कैबिनेट
ने
तय
कर
लिया
था
भारत
रत्न
हालांकि
अटल
जी
ने
खुद
को
भारत
रत्न
दिए
जाने
की
चर्चा
पर
विराम
लगा
दिया
था।
लेकिन
चर्चा
वहीं
खत्म
नहीं
हुई
थी।
प्रधानमंत्री
के
विदेश
दौरे
के
दौरान
केंद्रीय
कैबिनेट
ने
एक
पत्र
लिखकर
इस
बात
पर
लगभग
सहमति
बना
ली
थी
कि
अटलजी
को
भारत
रत्न
देने
की
घोषणा
कर
दी
जाएगी।
लेकिन
अटल
जी
को
इस
बात
की
खबर
हो
गयी
कि
कैबिनेट
इस
तरह
का
कोई
प्रस्ताव
लाने
जा
रहा
है।
उस
वक्त
अटल
जी
कैबिनट
से
कहा
था
कि
'नहीं
ऐसा
हरगिज
नहीं
होगा।'
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को मोदी सरकार उनके जन्मदिन के मौके भारत रत्न सम्मान देने की घोषणा कर सकती है। ऐसे में एक बार फिर से यह चर्चा हो रही है क्या मोदी सरकार पूर्व पीएम की बात को ध्यान में रखेगी। सूत्रों की माने तो अटल जी से मिलने के लिए लोग सुबह 11 से 1 बजे और शाम 5 से 7 बजे के बीच मिलने जाते हैं। यहीं नहीं पीएम मोदी, आड़वाणी सहित कई मंत्री भी अटल जी से मिलते रहते हैं।