अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के मुसलमान बैन पर क्या बोले आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मुसलमान बैन पर बोले श्रीश्री रविशंकर। कहा कोई भी देश अल्पसंख्यक समुदाय की उपेक्षा करके महान नहीं सकता है। अमेरिका को महान बनाने के लिए सबको साथ लेकर चलना होगा।
नई दिल्ली। देश और दुनिया के मशहूर आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मुसलमान बैन पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। श्रीश्री ने बैन की आलोचना तो की लेकिन यह भी कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है राष्ट्रपति ट्रंप सभी वर्गों और समुदाय के लोगों को साथ लेकर चलेंगे।
कैसे बनेगा अमेरिका फिर से ग्रेट
श्रीश्री ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में कहा कि किसी भी देश में अगर अल्संख्यक समुदाय उपेक्षित महसूस करता है तो फिर वह देश कभी महान नहीं बन पाएगा। श्रीश्री रविशंकर के मुताबिक भारत की ही तरह अमेरिका भी काफी समुदाय हैं। यह देश भी भारत की ही तरह विविधिताओं से भरा हुआ है। अगर राष्ट्रपति ट्रंप अमेरिका को महान बनाना चाहते हैं तो फिर उन्हें सबको साथ लेकर चलना होगा। आपको बता दें कि शपथ ग्रहण समारोह और चुनाव प्रचार के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप ने 'मेक अमेरिका ग्रेट अगेन' का स्लोगन दिया था। श्रीश्री ने उम्मीद जताई कि राष्ट्रपति ट्रंप सभी को साथ लेकर चलेंगे। अगर वह ऐसा करते हैं तो फिर अमेरिका काफी अच्छा करेगा। ऐसा करके वह सबका भरोसा जीत सकते हैं। ट्रंप के बैन और उनकी विदेश नीतियों की वजह से जो डर लोगों में उपजा है, श्रीश्री ने उस पर अपनी राय दी। उनका कहना है कि ऐसे डर बिना किसी आधार के हैं। किसी भी देश का शासक जनता का ध्यान रखता है और सबके बारे में सोचता है। श्रीश्री ने ट्रंप को कहा कि ट्रंप को गुरु गोरखनाथ की बात याद रखनी चाहिए जिन्होंने कहा था कि किसी भी व्यक्ति को जल्दबाजी में नहीं बोलना चाहिए। हर कदम संभलकर उठाना चाहिए और कभी भी घमंड नहीं करना चाहिए।
ट्रंप को नहीं उड़ाना चाहिए मीडिया का मजाक
श्रीश्री ने कहा कि मीडिया और राष्ट्राध्यक्ष को एक-दूसरे का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए। श्रीश्री के मुताबिक अक्सर क्रांतिकारी विचारों वाले लोगों को और ऐसे विचारों को आलोचना का सामना करना पड़ता है। श्रीश्री ने माना कि राजनीति में ट्रंप नए हैं और ऐसे में उनका काम काफी मुश्किल है। श्रीश्री से पूछा गया कि भारत के साथ अमेरिका रिश्ते पर ट्रंप का क्या रवैया होगा सा होना चाहिए इस पर श्री श्री ने कहा कि भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र है और अमेरिका सबसे पुराना जनतंत्र। ऐसे में भारत और अमेरिका स्वाभाविक तौर पर अच्छे सहयोगी हो सकते हैं। दोनों देशों के बीच की व्यवस्थाओं और नियमों को आसान बनाकर उनके आपसी रिश्ते को मजबूत किया जा सकता है।