कमलनाथ सरकार के इस्तीफे के बाद जानिए क्या है मध्य प्रदेश का सियासी समीकरण
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में पिछले कई दिनों से चल रहे राजनीतिक ड्रामे के पहले अध्याय का आज पटाक्षेप हो गया। कमलनाथ ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने इस्तीफे का ऐलान किया और इसके बाद वह सीधे राज्यपाल लालजी टंडन के पास पहुंचे और अपना इस्तीफा उन्हें सौंप दिया। दरअसल गुरुवार को जिस तरह से सुप्रीम कोर्ट ने आज शाम पांच बजे से पहले फ्लोर टेस्ट कराने का निर्देश दिया था, उसके बाद कांग्रेस खेमे ने अपने हथियार डाल दिए और गुरुवार रात को ही कमलनाथ ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करने का ऐलान किया था। इनकी इस घोषणा के बाद से ही साफ हो गया था कि वह आज अपना इस्तीफा सौंप देंगे और हुआ भी ऐसा ही। कमलनाथ के इस्तीफे के बाद सवाल खड़ा होता है कि अब प्रदेश में किसकी सरकार होगी।
शिवराज सिंह एक्शन में
कमलनाथ के इस्तीफे के तुरंत बाद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने तमाम विधायकों को शाम को अपने घर पर रात्रिभोज के लिए निमंत्रित किया है। इसके साथ ही उन्होंने गुरुवार को अपने सत्यमेव जयते के ट्वीट को रीट्वीट किया। गुरुवार को चौहान ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सत्यमेव जयते ट्वीट किया था। इसके साथ ही उन्होंने एक ट्वीट के जरिए साफ इशारा कर दिया है कि वह प्रदेश की कमान संभालेंगे। चौहान ने ट्वीट करके लिखा हे प्रभु, मध्यप्रदेश पर अपनी अनंत कृपा बरसाओ, जगत का कल्याण करो। मध्यप्रदेश बढ़े, जनता का कल्याण हो, यही कामना!
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शिवराज हो सकते हैं अगले मुख्यमंत्री
कमलनाथ सरकार के गिरने के बाद भाजपा सरकार बनाने की अपनी कोशिशों में जुट गई है। माना जा रहा है कि शिवराज सिंह चौहान को पार्टी एक बार फिर से कमान सौंप सकती है। जिसका औपचारिक ऐलान कभी भी हो सकता है। दरअसल शिवराज सिंह चौहान के अलावा प्रदेश में भाजपा के पास कोई दूसरा चेहरा नजर नहीं आता है। शिवराज सिंह 15 साल प्रदेश की कमान संभाल चुके हैं और जिस तरह से पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें कुछ हद तक साइडनाइन किया उसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ा, लिहाजा पार्टी इस बार शिवराज को नजरअंदाज करने की भूल कतई नहीं करेगी।
क्या है नंबर गेम
प्रदेश की विधानसभा में नंबर गेम की बात करें तो यहां कुल 230 सीटें हैं, जिसमे से दो सीटें पहले से ही रिक्त हैं। ऐसे में 230 सीटों में से कांग्रेस के 22 विधायकों ने अपना इस्तीफा दे दिया है। जिसके बाद कांग्रेस के पास अब सिर्फ 92 सीटें हैं जबकि भाजपा के पास कुल 107 विधायक। लेकिन भाजपा के एक विधायक ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है, जिसे स्पीकर ने स्वीकार कर लिया, जिसके बाद भाजपा के पास कुल 106 विधायक ही बचे हैं। लिहाजा सदन में अब 205 विधायक ही बचे, ऐसे में सदन में बहुमत के लिए 103 सीटें चाहिए। भाजपा के पास 106 विधायक हैं और उसके पास पूर्ण बहुमत है। इन सबके बीच एक सवाल यह भी है कि जिन कांग्रेस के 22 विधायकों ने इस्तीफा दिया है उनका भविष्य क्या होगा।
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