Kalbaisakhi : जानिए क्या है 'कालबैसाखी'?
नई दिल्ली। भारतीय मौसम विभाग ने अगले दो दिनों के लिए ओडिशा के बालेश्वर, भद्रक, जाजपुर, केन्दुझर, मयूरभंज, केन्द्रापड़ा, जगतसिंहपुर, गंजाम में 'कालबैसाखी संभावना' जताई है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर 'कालबैसाखी है क्या, तो चलिए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
क्या होता है 'कालबैसाखी'?
जैसा की नाम से स्पष्ट है कि मौसम जब काल बन जाए तब उसे 'कालबैसाखी' कहते हैं। इससे सबसे ज्यादा ग्रसित भारत और बांग्लादेश होते हैं। भारत में जब मौसम अपना रौद्र रूप धारण करता है,तो उसे 'कालबैसाखी' नाम दिया जाता है। इस दौरान चलने वाली हवाएं उग्र रूप धारण कर लेती हैं और विनाश का कारण बनती है। इसकी वजह से बवंडर जन्म लेता है, जिससे आंधी-तूफान आता है।
क्या होता है 'बवंडर'?
हवा के बहुत तेजी से चक्रन करने की क्रिया को 'बवंडर' कहते हैं। ये अर्थ और बारिश को आपस में जोड़ता है, जिससे भयंकर बारिश का सैलाब जन्म लेता, जिसे की आमतौर पर चक्रवात कहा जाता है, जो कि काफी भयानक भी हो सकता है। आम तौर पर इस तरह की घटनाएं मानसून सीजन शुरू होने से पहले ही होती हैं।
इसी वजह से हो रही बारिश
देश के दूसरे राज्यों में भारी बारिश की आशंका है। विभाग ने असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। आईएमडी के मुताबिक इन जगहों पर बिजली कड़क सकती है और ओलावृष्टि भी हो सकती हैं। विभाग का कहना है कि मौसम में ये परिवर्तन बंगाल की खाड़ी से चलने वाली दक्षिण-पूर्वी हवाओं की वजह से हुआ है।
धूल भरी आंधी चल सकती है
भारतीय मौसम विभाग ने देश के कई राज्यों में धूल भरी आंधी भी आने की आशंका व्यक्त की है, विभाग का कहना है कि पाकिस्तान और जम्मू कश्मीर के आसपास विकसित हुए पश्चिमी विक्षोभ के कारण देश के मौसम में बदलाव हो रहा है। जिसके कारण अगले तीन-चार दिनों में दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान, गुजरात में धूल भरी आंधी आ सकती है और इस दौरान हवाओं की रफ्तार काफी तेज रहने वाली है इसलिए विभाग ने लोगों को सचेत रहने के लिए कहा है।
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