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रूस और यूक्रेन में जंग की आशंका पर क्या है चीन की राय?

यूक्रेन और रूस के बीच सैन्य तनाव अपने चरम पर है. रूसी सेना और यूक्रेन के हिमायती नेटो गठबंधन की सैन्य तैनाती ने हालात को और गंभीर बना दिया है. चीन इस घटनाक्रम को कैसे देखता है?

By BBC News हिन्दी
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सैन्य प्रशिक्षण में हिस्सा लेते एक यूक्रेनी सैनिक
YURIY DYACHYSHYN/AFP via Getty Images
सैन्य प्रशिक्षण में हिस्सा लेते एक यूक्रेनी सैनिक

चीन के सरकारी अख़बार ग्लोबल टाइम्स ने कुछ अज्ञात विशेषज्ञों के हवाले से 24 जनवरी को छपे एक आलेख में कहा है कि अमेरिका और उसके समर्थकों की तरफ से संघर्ष शुरू करने की अधिक आशंका है और रूस को जवाब देने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.

अख़बार के अंग्रेजी संस्करण में छपे इस आलेख के मुताबिक़, यह स्थिति वैसी ही है जैसा साल 2008 के बीजिंग ओलिंपिक के दौरान जॉर्जिया में हुआ था.

एक्सपर्ट के हवाले से लेख में कहा गया है, "अगर आने वाले दिनों में कुछ संघर्ष होता भी है, तो इसकी संभावना नहीं है कि रूस उकसावे वाली कार्रवाई करेगा. रूस ने बीजिंग विंटर ओलिंपिक खेलों के दौरान संयुक्त राष्ट्र द्वारा अपनाए गए शांति समझौते का समर्थन किया है, जबकि अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे कुछ देशों ने इस पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया."

अख़बार के हाई-प्रोफ़ाइल पूर्व प्रमुख संपादक, हू जिज़िन 8 ने ट्विटर पर इस बात का ज़िक्र किया है कि यूक्रेन पर हमला न करने का एलान करने वाले रूस का रुख "बदला नहीं है".

हू जिज़िन ने रूस की छवि को एक हमलावर के तौर पर पेश करने के लिए पश्चिमी देशों की कोशिश की आलोचना की है और कहा है कि सोवियत संघ के पतन के बाद से रूस एक "रक्षक" यानी डिफ़ेंडर रहा है.

हू ने 24 जनवरी को एक वीडियो में चेतावनी भरे अंदाज़ में कहा, "पश्चिमी देशों को रूस पर इतना दबाव नहीं डालना चाहिए कि इससे एक रक्षक हमला करने पर मजबूर हो जाए."

ग्लोबल टाइम्स ने चीन के विदेश मंत्रालय की ओर से 24 जनवरी को जारी किए गए उस बयान का भी उल्लेख किया है जिसमें ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट को खारिज किया गया था.

इस रिपोर्ट में कहा गया था कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन से यह कहा है कि वह बीजिंग विंटर ओलिंपिक के दौरान वो यूक्रेन पर हमला न करे.

अख़बार ने अज्ञात विश्लेषकों के हवाले से यह भी कहा कि पश्चिमी ताकतें चीन और रूस के बीच गलतफ़हमी पैदा करने के लिए यूक्रेन संकट के बारे में भ्रामक सूचना का इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं.

रूस और यूक्रेन की सेनाएं
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रूस और यूक्रेन की सेनाएं

यूक्रेन को लेकर अमेरिका और यूरोपीय संघ एकमत नहीं

चीन के सरकारी संस्थानों ने अपनी ख़बरों के ज़रिए अमेरिका और उसके यूरोपीय सहयोगियों के बीच और नेटो के सदस्य देशों के बीच मौजूद अलग-अलग राय को उजागर किया है.

ग्लोबल टाइम्स के चीनी भाषा वाले संस्करण में 24 जनवरी को छपे एक आलेख में कहा गया है कि साझा हितों के बावजूद अमेरिका और यूरोपीय संघ के बीच उनकी "रणनीतिक ज़रूरतों को लेकर मौलिक अंतर हैं".

इस लेख में विदेश मामलों और सुरक्षा नीति के लिए यूरोपीय संघ के उच्च प्रतिनिधि जोसेप बोरेल की उस चेतावनी का भी ज़िक्र किया गया जिसमें उन्होंने अमेरिका और रूस के नए याल्टा समझौते पर पहुंचने को लेकर चिंता ज़ाहिर की थी. बोरेल ने इस समझौते को लेकर यह चिंता जताई थी कि यूरोपीय संघ का भविष्य अकेले दो शक्तियों द्वारा तय किया जाएगा.

इस आलेख में यूरोप के लिए उसकी अपनी रणनीतिक आज़ादी विकसित करने की भी बात कही गई थी और साथ में ही यह आशंका भी ज़ाहिर की गई थी कि क्या अमेरिका उसे ऐसा करने देगा.

लेख में कहा गया है, "भले ही अमेरिका यूरोप को महत्वपूर्ण क्षणों में स्वायत्त होने की अनुमति दे लेकिन अमेरिकी वैश्विक रणनीति में यूरोप को हमेशा अमेरिका के हाथों का मोहरा ही माना जाएगा."

रूसी सैनिकों की तैनाती
BBC
रूसी सैनिकों की तैनाती

अंग्रेज़ी भाषा के प्रसारक चाइना ग्लोबल टेलीविज़न नेटवर्क (CGTN) ने भी अपनी रिपोर्ट में नेटो के अंदरूनी कलह को उजागर किया है. सीजीटीएन ने रूस के साथ यूरोपीय संघ की अलग वार्ता के लिए फ्रांस की अपील का मुद्दा उठाया, जो अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की ओर से की "संयुक्त प्रतिक्रिया" की अपील से उलट है.

सीजीटीएन ने जर्मनी और अमेरिका के प्रशासन के बीच मौजूद मतभेद को भी उजागर किया, जिसके कारण वॉल स्ट्रीट जर्नल के एक टिप्पणीकार नाइन ने यह तक पूछ लिया था कि क्या जर्मनी अमेरिका का भरोसेमंद सहयोगी है?

सीजीटीएन ने यह भी कहा कि पश्चिमी शक्तियों के बीच बीते कुछ समय से दरार बढ़ती जा रही है. उसने कहा, "पश्चिम के सहयोगी देशों के बीच यह दरार यूक्रेन संकट की वजह से नहीं आई है, बल्कि इस संकट ने सिर्फ पहले से बढ़ रही दरारों को उजागर कर दिया है."

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English summary
What is China's opinion on the possibility of war between Russia and Ukraine?
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