'जय श्री राम' विवाद के बीच ममता का बड़ा फैसला, खुफिया विभाग को सौंपा ये काम
'जय श्री राम' के नारों को लेकर उठे विवाद के बाद अब सीएम ममता बनर्जी ने खुफिया विभाग को एक बड़ा काम सौंप दिया है।
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सामने 'जय श्री राम' के नारे लगाए जाने को लेकर खड़ा हुआ विवाद फिलहाल थमता नजर नहीं आ रहा है। इस मामले में कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के बाद ये विवाद और बढ़ गया है। सोमवार को पश्चिम बंगाल के दमदम इलाके में भाजपा और टीएमसी के कार्यकर्ताओं में झड़प की खबरें भी सामने आईं। हालांकि ममता बनर्जी ने एक फेसबुक पोस्ट लिखकर इस मामले पर कहा है कि उन्हें 'जय श्री राम' के नारे से कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन भाजपा धर्म और राजनीति को आपस में मिला रही है। अब इस मामले में एक और नया मोड़ आ गया है। दरअसल पश्चिम बंगाल में खुफिया एजेंसियों को निर्देश दिए गए हैं कि वो उन इलाकों की पहचान करें, जहां सीएम ममता बनर्जी के पहुंचने पर 'जय श्री राम' के नारे लगाए जा सकते हैं।
खुफिया एजेंसियों को दिया ये निर्देश
'द टेलीग्राफ' की खबर के मुताबिक, पश्चिम बंगाल की खुफिया एजेंसियों से कहा गया है कि वो उन इलाकों की पहचान करें, जहां सीएम ममता बनर्जी के पहुंचने पर उनके सामने जय श्री राम के नारे लगाए जा सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, राज्य गृह विभाग के अधिकारियों ने बताया, 'खुफिया एजेंसियों को मुख्यमंत्री के मुख्य और वैकल्पिक मार्गों के साथ-साथ उन इलाकों की भी पहचान करने के निर्देश दिए गए हैं, जहां उनके सामने जय श्री राम के नारे लगाए जा सकते हैं। यह थोड़ा असामान्य है लेकिन निर्देश यही है।' आपको बता दें कि पिछले दिनों अपने काफिले के सामने जय श्री राम के नारे लगाए जाने के बाद ममता बनर्जी काफी नाराज हो गईं थी और नारे लगाने वालों पर भड़क उठी थीं।
जानकारी के आधार पर उठाए जाएंगे ये कदम
हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि जमीन पर इस जानकारी का उपयोग कैसे किया जाएगा। लेकिन...सूत्रों का कहना है कि जानकारी मिलने के बाद उस मार्ग को किसी भी तरह की परेशानी और राजनीतिक कार्यकर्ताओं की उस भीड़ से मुक्त रखा जाएगा, जो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सामने 'गो बैक' के नारे या काले झंडे दिखा सकते हैं। हालांकि उन लोगों की पहचान करना काफी मुश्किल होगा, जो सीएम ममता के सामने जय श्री राम के नारे लगा सकते हैं, क्योंकि इस तरह के नारे लगाना कोई गैरकानूनी अपराध नहीं है। पुलिस विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि जेड प्लस की सुरक्षा प्राप्त लोगों के मामले में पुलिस सड़क के आस-पास खड़ी होने वाली भीड़ पर नजर रखती है। उन्होंने बताया कि हम झंडे, पोस्टर या बैनर ले जाने वाले लोगों पर नजर रखते हैं। वीआईपी लोगों के मार्ग में कोई बाधा ना आए, इसके लिए हम व्यवधान पैदा करने वाले लोगों से बात कर उन्हें समझाने की कोशिश करते हैं।
ममता ने लिखी फेसबुक पोस्ट
दरअसल ममता बनर्जी का मानना है कि भाजपा उन्हें उकसाने के लिए 'जय श्री राम' के नारे का इस्तेमाल कर रही है। वहीं, भाजपा का कहना है कि लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद ममता बनर्जी को विधानसभा चुनाव में भी हार का डर सता रहा है, इसलिए वो ऐसी दमनकारी नीतियां अपना रही हैं। ममता बनर्जी ने इस मामले में एक फेसबुक पोस्ट लिखकर भाजपा और मीडिया पर भी हमला बोला है। ममता बनर्जी ने रविवार को लिखी अपनी फेसबुक पोस्ट में कहा, 'मैं लोगों को यह बताना चाहती हूं कि कुछ भाजपा समर्थक मीडिया के एक धड़े के जरिए झूठ और नफरत की विचारधारा फैला रहे हैं। तथाकथित भाजपा मीडिया, फेक वीडियो के जरिए लोगों के बीच यह झूठ और गलत सूचनाएं फैला रहा है, ताकि सच को दबाया जा सके।'
ममता ने तोड़ा भाजपा दफ्तर का ताला
वहीं, सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल के नॉर्थ 24 परगना जिले में स्थित एक भाजपा दफ्तर पर पहुंची और उसका ताला तोड़ दिया। ममता बनर्जी ने कहा कि यह दफ्तर टीएमएसी का है जिस पर भाजपा ने कब्जा किया हुआ था। इसके बाद ममता बनर्जी ने दफ्तर की दीवारों पर बने कमल के निशान पर भी पेंट किया। इस दौरान मौके पर काफी भीड़ जमा हो गई। ममता बनर्जी ने मौके पर ही निर्देश दिया कि इस दफ्तर की दीवारों से भगवा रंग और कमल का निशान हटाया जाए। दूसरी तरफ भाजपा का कहना है कि वो ममता बनर्जी के इस दमनकारी रवैये के खिलाफ उन्हें 10 लाख 'जय श्री राम' लिखे पोस्ट कार्ड भेजेगी।