नुसरत जहां ने बताया- आखिर क्यों 'जय श्री राम' सुनते ही CM ममता बनर्जी खो देती हैं आपा? , Video
Why does CM Mamta Banerjee get angry on hearing 'Jai Shree Ram' Slogan, What says Nusrat Jahan: कोलकाता। 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में लगे 'जय श्री राम के नारे' पर सीएम ममता बनर्जी को गुस्सा आ गया था और क्रोध में आकर उन्होंने प्रोग्राम को संबोधित करने से मना कर दिया था। जिसके बाद सियासी गलियारों में ये चर्चा गर्म हो गई कि सीएम ममता को 'जय श्री राम के नारे' से परहेज है। जब उनके सामने भगवान राम का नाम लिया जाता है तो वो गुस्से से आग बबूला हो जाती हैं और उनका पारा सातवें आसमान पर पहुंच जाता है, उन्हें भगवान राम के नाम से ही दिक्कत है।
दिक्कत भगवान राम के नाम से नहीं हैं: नुसरत
इस मुद्दे पर अब टीएमसी सांसद और अभिनेत्री नुसरत जहां ने अहम बात कही है। Zee news के exclusive intertview में नुसरत जहां ने कहा कि दिक्कत भगवान राम के नाम से नहीं हैं। जिस इवेंट की बात की जा रही है, वो बंगाल के बेटे और देश के हीरो नेताजी सुभाष चंद्र बोस के 125वीं जयंती पर कल्चरल मिनिस्टर ऑफ इंडिया की ओर से आर्गनाइज किया गया था। ये कोई सियासी पार्टी का या कोई धार्मिक इंवेट नहीं था तो इसे बीजेपी ने अपना इवेंट कैसे बना लिया, वो कैसे कार्यक्रम के दौरान नारेबाजी पर उतर आई।
'CM ममता बनर्जी को की गई चिढ़ाने की कोशिश'
नुसरत जहां ने कहा कि बीजेपी ने कैसे इस पूरे प्रोग्राम को हाईजैक कर लिया। भगवान राम सबके हैं, अगर प्रभु का नाम लेना है तो गले लगाकर लो ना, गला दबाकर राम का नाम क्यों ले रहे हो?. अगर ये religious slogan नहीं है तो आप और भगवान के भी नाम लो ना,आप 'शिव जी' का नाम लो, 'बप्पा' का नाम लो और 'कान्हा' जी का नाम लो। आपने अपने ऑफिस से अपने लोगों को निमंत्रण भेजा, उसके बाद उन्हें कार्यक्रम में बिठाया एक प्लान के तहत और चिढ़ाने के लिए आप एक महिला सीएम के सामने 'जय श्री राम 'का नारा लगवा रहे हैं, तो ऐसे में किसी को भी गुस्सा आ जाएगा। वो ही सीएम ममता बनर्जी के भी साथ हुआ। (देखें Video)
'राम के नाम से किसी को परहेज नहीं, वो तो सबके'
नुसरत ने कहा कि राम के नाम से किसी को कोई परहेज नहीं है लेकिन आप किसी को ऐसे चिढ़ा नहीं सकते हो, आपके पास ये हक नहीं है। हमें परहेज इस बात से है कि आप राजनीति के बीच में धर्म को लेकर क्यों आ रहे हो?, भाजपा ने उस इवेंट को राजनीतिक इवेंट बना दिया, अगर 'जय श्री राम' बीजेपी का राजनीतिक स्लोगन नहीं है तो 'मां-माटी-मानुष' TMC का भी स्लोगन नहीं है। रही बात आपा खोने की तो आप किसी को भी बार-बार चिढ़ाएंगे तो वो आपा खो ही देगा। आप स्लोगन पर ना जाइए बल्कि स्लोगन के पीछे छिपे राजनीतिक मकसद पर ध्यान दीजिए।
'लव-जिहाद' पर कही बड़ी बात
इसके अलावा नुसरत जहां ने 'लव-जिहाद' और टीएमएसी नेताओं के भाजपा में जाने पर कई बड़ी बातें कही हैं। नुसरत ने कहा कि किसी को भी हक नहीं समझाने का, आप किसके साथ रहना चाहते हैं, किससे शादी करेंगे या कौन सा चैनल देखेंगे, हर नागरिक को स्वंतत्रता का अधिकार मिला है, वो खुद निश्चय करेगा कि वो किसके साथ रहे और क्या करे, आप कौन होते हैं किसी की निजता और स्वतंत्रता का अधिकार छीनने वाले, जिनकी सोच खुद ही गलत है वो भला 'लव-जिहाद' को कैसे रोकेंगे।
'पैसों के दम पर BJP कर रही है काम'
उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी गरीबों की पार्टी है, बीजेपी के पास बहुत पैसा है। हम लोगों से भावनाआों के कारण जुड़े हैं और बीजेपी लोगों से बिजनेस की वजह से जुड़ी है। हमारा ऑफिस देखिए गरीबों वाला है, उनका ऑफिस 5 स्टार वाला है। वो पैसों के दम पर लोगों को अपने पास बुला रहे हैं। आखिर कैसे रातों-रात उनकी नीति बदल गई । नुसरत जहां ने कहा कि जो लोग पार्टी छोड़कर जा रहे हैं उसके पीछे कारण है बेशूमार पैसा, जिनके दम पर टीएमएसी छोड़कर लोग भाजपा में शामिल हो रहे हैं।