पश्चिम बंगाल में टीएमसी और सीपीएम के बीच चली गोली, फेंके बम, 3 की मौत, 15 घायल
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में टीएमसी और सीपीए के कार्यकर्ताओं के बीच पंचायत बोर्ड के गठन को लेकर हिंसक झड़प हो गई है, जिसमे तीन लोगों की जान चली गई है, जबकि 15 लोग इसमे घायल हो गए हैं। यह हिंसा नॉर्थ 24 परगना की है, जहां मंगलवार की रात दोनों गुटों के बीच हिंसा भड़क गई। पुलिस सूत्र के अनुसार दोनों ही तरफ के कार्यकर्ताओं ने एक दूसरे के उपर देसी बम से हमल किया और गोली चलाई।
कई जगह आगजनी, तोड़फोड़
दोनों ही गुटों की ओर से जमकर एक दूसरे पर गोलीबारी और बम फेंके गए, इसके अलावा पार्टी कार्यालय में भी आग लगा दी गई. तमाम वाहनों को फूंक दिया गया और घर में तोड़फोड़ की गई। हिंसा की यह घटना मुख्य रूप से तराबेरिया, मोरीचा, बोडाई ग्राम पंचायत के इलाकों में हुई है। यह हिंसा उस वक्त शुरू हुई जब इन तीनों ही इलाकों में पंचायत बोर्ड के गठन की प्रक्रिया को अस्थाई रूप से स्थगित कर दिया गया।
10 गिरफ्तार
पुलिस अधिकारी ने बताया कि हिंसा में एक दूसरे पर बम फेंके गए और गोलियां चलाई गई हैं, जिसमे तीन लोगों की मौत हो गई है। अभी तक इस हिंसा में 10 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है, साथ ही पुलिस लगातार अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। पुलिस को बड़ी संख्या में देसी बम भी मिले हैं। टीएमसी के जिला अध्यक्ष ज्योतिप्रियो मलिक ने कहा कि जिन दो लोगों की हत्या की गई है उसमे एक नासिर हलदार और दूसरा कुद्दूस घनी है, जोकि पार्टी कार्यकर्ता थे। वहीं पुलिस सूत्रों का कहना है कि मरने वाला तीसरा व्यक्ति सीपीएम का कार्यकर्ता मुजफ्फर अहमद है।
जानबूझकर की गई हिंसा
सूत्रों की मानें तो टीएमसी कार्यकर्ताओं की गोली लगने से मौत हुई है, जबकि सीपीएम कार्यकर्ता की बम धमाके में मौत हुई है। घटना के बाद ममता सरकार में मंत्री ज्योतिप्रियो मलिक ने मृतक के परिवार से मुलाकात की है और उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है। टीएमसी ने दावा किया है कि सीपीएम भाजपा की मदद से जानबूझकर हिंसा की घटनाओं को अंजाम दे रही है। सीपीएम नेताओं ने इस हिंसा की पहले से योजना बनाई थी, आखिर कहां से इतने सारे बम और हथियार आए।
बंगाल में सबसे बड़ा आपाताकाल
सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि सीपीएम ने टीएमसी के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि इसमे कोई संदेह नहीं है कि हमारा देश आपातकाल से गुजर रहा है, लेकिन मौजूदा समय में सबसे बड़ा आपातकाल बंगाल में है, यहां लोकतंत्र की खुलेआम हत्या हो रही है। अपनी कमजोरी को छिपाने के लिए टीएमसी हमपर फर्जी आरोप लगा रही है।
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