'मुंहतोड़ जवाब' पर बोले उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू- प्लीज मुंह न तोड़ना, बस जवाब देना
नई दिल्ली। राज्यसभा में सांसदों को अक्सर एक दूसरे से बातचीत न करने की सलाह देने वाले उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को सांसदों को सही शब्दावली इस्तेमाल करने की सलाह दी। दरअसल, शुक्रवार को राज्यसभा में भाजपा सांसद श्वेत मलिक के समर्थन में एक सांसद ने विरोधियों को मुंहतोड़ जबाव देने की बात कही जिसपर वेंकैया नायडू ने तुरंत टोकते हुए कहा, 'यह कोई तरीका नहीं है। आप सही से जवाब दीजिए मुंह तोड़ने की जरूरत नहीं है। कृपया इस तरह की शब्दावली का न प्रयोग करें'
बेग शब्द के इस्तेमाल से भी रोका
उपराष्ट्रपति ने इसके अलावा सांसदों को पटल पर पेपर रखते हुए बेग (beg) शब्द का प्रयोग भी नहीं करने की सलाह दी। बता दें कि अभी तक यह परंपरा रही है कि सदन की कार्यवाही जब शुरू होती है तो सभी मंत्री पटल पर पेपर रखते हुए बेग शब्द का इस्तेमाल करते हैं। शुक्रवार को भी जब मंत्रियों ने पेपर सदन के पटल पर रखना शुरू किया तो नायडू ने उन्हें टोकते हुए कहा कि आप लोग बेग शब्द का इस्तेमाल न करें।
बेग का अर्थ होता है भीख
दरअसल, बेग शब्द अंग्रेजी का अर्थ है जिसका अर्थ भीख भी होता है। शुक्रवार को जब कानून राज्य मंत्री पीपी चौधरी ने पटल पर पेपर रखा तो उन्होंने बेग शब्द का इस्तेमाल किया जिसपर नायडू ने कहा कि आप लोग कृपया राजशाही वाले दौर से बाहर निकलिए और बिना बेग शब्द का सीधे इस्तेमाल किए कहिए कि मैं पेपर सदन के पटल पर रख रहा हूं।
जब धोखाधड़ी का शिकार हो गए नायडू
इसके साथ ही वेंकैया नायडू ने उपभोक्ता मामलों में चर्चा के दौरान सदन में अपने साथ हुए एक धोखाधड़ी का किस्सा भी सुनाया। नायडू ने बताया कि वो उपराष्ट्रपति बनने के बाद अपना वजन कुछ कम करना चाह रहे थे। नायडू ने बताया कि उन्होंने एक विज्ञापन देखा था जिसमें 28 दिनों में वजन कम करने का दावा किया गया था। लेकिन जब मैंने 1230 रुपये देकर दवा मंगाई तो मुझे एक पैकेट मिला जिसमें लिखा था कि असली दवा के लिए 1 हजार रुपये और दो। वेंकैया नायडू ने बताया कि उन्होंने उभोक्ता मामलों में इसकी शिकायत भी की लेकिन पता चला कि यह अमेरिका की कंपनी है और इसमें कुछ नहीं हो सकता है।
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