वंदे भारत ट्रेन तो महंगी है, फिर गरीब-मजदूर ज्यादा क्यों चलते हैं ? पीएम मोदी ने सुनाया काशी का दिलचस्प किस्सा
गांधीनगर, 5 जुलाई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को गुजरात में डिजिटल इंडिया वीक के उद्घाटन के मौके पर अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी रेलवे स्टेशन का एक दिलचस्प किस्सा सुनाया है। पीएम मोदी ने इसके जरिए यह बताने की कोशिश की है कि किस तरह से देश के गरीब और मजदूर समय की कीमत को ज्यादा अच्छी तरह से समझते हैं। इसके लिए उन्होंने वंदे भारत ट्रेन की सफलता का जिक्र किया है। उन्होंने बताया कि यह ट्रेन प्रीमियम ट्रेन है, किराया भी ज्यादा है। फिर भी सिर्फ समय बचाने के लिए गरीब और मजदूर ही इससे ज्यादा सफर करते हैं। पीएम मोदी ने अपने खास अंदाज में यह किस्सा सुनाया।
ऑनलाइन ने देश में ज्यादातर कतारें खत्म कर दीं- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत में डिजिटल टेक्नोलॉजी की वजह से लोगों का जीवन बदल रहा है। कई तरह की सेवाएं डिजिटल होने की वजह से कतारें खत्म हो गई हैं। सोमवार को गांधीनगर में 'डिजिटल इंडिया वीक 2022' के उद्घाटन के मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने बताया कि 'आठ से दस साल पहले तक हमें हर चीज के लिए लाइन में खड़े रहना होता था। जन्म प्रमाण पत्र के लिए, बिल भुगतान के लिए, राशन के लिए, एडमिशन के लिए, रिजल्ट के लिए, सर्टिफिकेट के लिए, बैंकों में हमें लाइन में खड़े रहना होता था। कई तरह की कतारें होती थी, जहां हमको खड़े रहना पड़ता था। ऑनलाइन होकर भारत ने इन सभी तरह की कतारों को खत्म कर दिया है। अब इनमें ज्यादातर सर्विस डिजिटल हैं।'
'टाइम इज मनी का अनुभव दिल को छू जाता है'
डिजिटल इंडिया अभियान की वजह से कैसे लोगों के समय की बचत हो रही है, इसके बारे में बताते हुए उन्होंने अपने लोकसभा क्षेत्र वाराणसी का एक बेहद दिलचस्प किस्सा सुनाया। पीएम मोदी ने बताया कि उन्हें काशी में पता चला कि मजदूर और गरीब लोग वंदे भारत हाई-स्पीड ट्रेन में ज्यादा सफर करना चाहते हैं, जबकि ये प्रीमियम ट्रेन रेग्युलर ट्रेनों के मुकाबले महंगी हैं। पीएम मोदी बोले- "कभी-कभी हम सुनते हैं- टाइम इज मनी। सुनने और कहने में तो अच्छा लगता है, लेकिन जब उनका अनुभव सुनते हैं तो दिल को छू जाता है।"
'रात में एक-डेढ़ बजे रेलवे प्लेटफॉर्म पर चला गया....'
फिर पीएम मोदी ने पिछले साल दिसंबर में वाराणसी दौरे के समय का वह दिलचस्प किस्सा सुनाया। उन्होंने कहा-"काशी में रात को....दिन में इधर-उधर जाना हो तो ट्रैफिक....लोगों को परेशानी...तो रात में एक-डेढ़ बजे रेलवे प्लेटफॉर्म पर चला गया....देखने के लिए कि कहां क्या हाल है। वहां का एमपी हूं तो काम तो करना है....। तो मैं वहां पैसेंजरों से बात कर रहा था....स्टेशन मास्टर से बात कर रहा था। ये तो मेरा सरप्राइज विजिट था...बताकर तो गया नहीं था। मैंने कहा कि ये जो वंदे भारत ट्रेन चल रही है क्या अनुभव है ? और ऑक्यूपेंसी कैसी रहती ? बोले अरे साहब इतनी उसकी मांग है हमें कम पड़ रहे हैं..."
'टिकट की कीमत से ज्यादा कर लेते हैं कमाई'
पीएम मोदी जवाब सुनकर हैरान रह गए और उसके बाद उन्होंने बताया कि कैसे गरीब समय की कीमत को पहचानते हैं। वो बोले-"मैंने कहा ये तो ट्रेन थोड़ी महंगी है....इसकी टिकट ज्यादा लगती है....इसमें लोग क्यों जाते हैं? बोले साहब इसमें मजदूर लोग सबसे ज्यादा जाते हैं। गरीब लोग सबसे ज्यादा जाते हैं। मैंने कहा कैसे भाई....मेरे लिए सरप्राइज था...बोले वो दो कारण बताते हैं....एक कि वंदे भारत ट्रेन में स्पेस इतनी है कि सामान उठाकर जाते हैं तो रखने की जगह मिल जाती है....गरीब का अपना एक हिसाब है। और दूसरा समय जाने में 6-8 घंटे बढ़ जाता है, तो वहां तुरंत काम पर लग जाता हूं....तो 6-8 घंटे में जो कमाई होती है टिकट तो उससे भी कम में लग जाती है...टाइम इज मनी...कैसे गरीब हिसाब लगाता है...बहुत पढ़े-लिखे लोगों को इसकी समझ कम होगी"
पिछले साल दिसंबर में किया था स्टेशन का सरप्राइज दौरा
गौरतलब है कि पिछले साल दिसंबर में वाराणसी दौरे के मौके पर पीएम मोदी देर रात सरप्राइज विजट पर बनारस रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर चहलकदमी करते दिखे थे। तब उनके साथ यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे। पीएम मोदी ने टाइम इज मनी को लेकर जो पूरा किस्सा सुनाया है, वह सुनने के लिए 50 मिनट से आगे सुनिए।