यूपी में मोदी-शाह की जोड़ी पर भारी पड़ गए योगी आदित्यनाथ!
लखनऊ, 2 जून: उत्तर प्रदेश की राजनीति में बीते कुछ दिनों से लगातार हलचल है। 2017 में भाजपा की सरकार बनने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ही सरकार का अकेला प्रमुख चेहरा बने हुए हैं। यूपी में हलचल तब शुरू हुई जब गुजरात में सीएम रहते और फिर पीएम बनने के बाद भी नरेंद्र मोदी के खास अफसर अरविंद शर्मा को इस्तीफा दिलवाकर लखनऊ भेजा गया। उनके एमएलसी बनने के बाद ही ये चर्चा शुरू हो गया कि उनको बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी। जाहिर है कि प्रधानमंत्री का खास अफसर एमएलसी बनने को तो नौकरी से इस्तीफा नहीं देगा।
अरविंद शर्मा के लखनऊ आते ही शुरू हुई हलचल
अरविंद शर्मा जैसे ही लखनऊ आए ये चर्चा शुरू हो गया कि यूपी में सत्ता का नया केंद्र बनने जा रहा है। अरविंद शर्मा के प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के करीबी होने के बावजूद योगी ने भी दम दिखाया। उनको डिप्टी सीएम या मंत्री बनाना तो दूर कई महीने तक लखनऊ में बंगला भी अलॉट नहीं किया। गेस्ट हाउस में ही अरविंद शर्मा रहते रहे।
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कई सीनियर नेताओं ने लखनऊ में डाला डेरा
हाल के दिनों में कोरोना की दूसरी लहर कमजोर पड़ने के साथ ही यूपी की राजनीति फिर गर्माई। इसकी वजह है कि भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष, बीजेपी यूपी प्रभारी राधा मोहन सिंह और संघ के सीनियर पदाधिकारियों ने लखनऊ में ताबड़तोड़ बैठकें कीं हैं। योगी आदित्यनाथ, केशव मौर्या, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह सभी से कई दिनों तक ये लोग लगातार मुलाकाते करते रहे। इस सबके पीछे यही कहा गया कि यूपी में भाजपा आलाकमान कुछ बदलाव चाहता है।
उत्तर प्रदेश में 10 दिन से एक और नौकरशाह से एमएलसी बने अरविंद शर्मा को डिप्टी सीएम बनाए जाने की चर्चा है तो वहीं डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को दोबारा संगठन में भेजे जाने की बात कही जा रही है। केशव प्रसाद मौर्य को फिर यूपी बीजेपी अध्यक्ष बनाकर 2022 लड़ने की बात कही जा रही है। इस कवायद का मकसद यही लगता है कि योगी आदित्यनाथ के साथ-साथ यूपी में संगठन भी ताकतवर हो और सरकार में भी एक और मजबूत धड़ा हो लेकिन योगी आलाकमान पर भारी पड़ते दिखे हैं।
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योगी के सामने झुक गया पार्टी आलाकमान!
इस पूरी कशमकश के बीच कुछ ऐसे बयान आए हैं, जिनसे लगता है कि यूपी में योगी की ही चली है और आलाकमान को झुकना पड़ा है। लखनऊ में लगातार बैठकों के बाद दिल्ली लौटे भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष ने ट्वीट कर लिखा, पांच हफ्तों में उत्तर प्रदेश ने नए दैनिक मामलों की संख्या में 93 फीसदी की कमी की हैं। योगीजी ने प्रभावी ढंग से महामारी को संभाला है। इस ट्वीट को ये इशारा माना जा रहा है कि योगी आदित्यनाथ के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। वहीं उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य ने भी पार्टी के सीनयर नेताओं के साथ बैठक के बाद कहा कि बैठक सकारात्मक थी। 2022 के विधानसभा चुनावों में भाजपा 300 सीटें जीतेगी।