बे 'राहत' हुए इंदौरी, बिजली कटौती से परेशान होकर सीएम कमलनाथ से मांगी मदद
नई दिल्ली। इस वक्त आसमान से आग बरस रही है, देश गर्मी से उबल रहा है, ऐसे में अगर बार-बार बिजली आंख मिचौली करे तो जाहिर है इंसान को गुस्सा आएगा ही और इसलिए अगर दहकती गर्मी में उर्दू-हिंदी के मशहूर शायर राहत इंदौरी को भी गुस्सा आ गया तो इसमें किसी को हैरान नहीं होना चाहिए, दरअसल राहत इंदौरी ने ने अपना गुस्सा एमपी सरकार पर निकाला है, उन्होंने इस विषय पर एक ट्वीट किया और जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ के ऑफिस को भी टैग किया है।
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बे 'राहत' हुए इंदौरी, बिजली कटौती से हुए परेशा
राहत इंदौरी ने ट्विटर पर लिखा है कि आजकल बिजली जाना आम हो गया है, आज भी पिछले तीन घंटों से बिजली नहीं है..... गर्मी है - रमज़ान भी हैं..... @mppkvvclindore में कोई फोन नहीं उठा रहा.... कुछ मदद करें....@iPriyavratSingh @OfficeOfKNath.
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इंदौरी का ट्वीट हुआ वायरल
इंदौरी के इस ट्वीट के बाद तो उनके चाहने वालों ने प्रतिक्रियाएं देना शुरू कर दिया और लगे हाथों वो भी कांग्रेस को घेरने लगे। बहुत सारे रिएक्शन काफी शायराना अंदाज में है जिन्हें पढ़कर आप पेट पकड़कर हंसने पर मजबूर हो जाएंगे, हालांकि इंदौरी का ट्वीट वायरल होने के बावजूद इस पर अभी कमलनाथ सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
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कौन हैं राहत इंदौरी
देश के मशहूर शायर डॉ. राहत इंदौरी को मां सरस्वती का साक्षात वरदान मिला है, डॉ. राहत इंदौरी लगातार 45 साल से कवि सम्मेलन में प्रस्तुति दे रहे हैं। उन्होंने भारत के लगभग सभी जिलों के कवि सम्मेलन में भाग लिया है और कई बार अमरीका, ब्रिटेन, कनाडा, सिंगापुर, मॉरीशस, केएसए, कुवैत, बहरीन, ओमान, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल आदि में भी अपनी प्रस्तुति दी है। राहत इंदौरी ने शायरी के अलावा लगभग दो दर्जन फिल्मों में गीत भी लिखे हैं।
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कुछ खास बातें
- राहत इंदौरी का जन्म मध्य प्रदेश स्थित इंदौर के एक कपड़ा मिल कर्मचारी के घर हुआ था।
- वर्ष 1972 में, उन्होंने 19 वर्ष की आयु में अपनी पहली कविता को सार्वजनिक रूप से पढ़ा था।
- स्कूल और कॉलेज के दौरान वह काफी प्रतिभाशाली विद्यार्थी थे, जहां वह हॉकी और फुटबॉल टीम के कप्तान थे।
- उर्दू साहित्य में स्नातकोत्तर की परीक्षा स्वर्ण पदक के साथ उत्तीर्ण की है।
- राहत ने उर्दू साहित्य में पीएच.डी. की और उर्दू साहित्य के प्रोफेसर के रूप में वहां अध्यापन किया है और16 वर्षों तक शिक्षण का काम किया है।