केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे बोले- किसान आंदोलन के पीछे चीन और पाकिस्तान का हाथ
नई दिल्ली। केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के राज्यमंत्री रावसाहेब दानवे पाटिल ने कहा है कि कृषि कानूनों के खिलाफ जो किसान आंदोलन कर रहे हैं, उनको चीन और पाकिस्तान से मदद मिल रही है। बुधवार को रावसाहेब दानवे ने ये बयान दिया है। उनका दावा है कि दिल्ली और हरियाणा को जोड़ने वाले सिंघु बॉर्डर जो हजारों किसान जमा हैं। उनके पीछे चीन और पाकिस्तान हैं। रावसाहेब दानवे पाटिल भारतीय जनता पार्टी के नेता और महाराष्ट्र की जलाना लोकसभा सीट से सांसद हैं।
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भाजपा के कई नेता कर चुके ऐसे दावे
महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष रह चुके दानवे पाटिल भाजपा के पहले नेता नहीं हैं, जिन्होंने इस तरह की बात किसान आंदोलन को लेकर कही हो। हरियाणा के कृषिमंत्री जेपी दलाल भी ऐसा ही दवा कर चुके हैं। दलाल ने कहा है कि किसानों की आड़ में चीन और पाकिस्तान हमारे देश में अस्थिरता लाना चाहते हैं। वहीं भाजपा के ज्यादातर नेता ही किसान आंदोलन को कांग्रेस और दूसरे विपक्षी नेताओं के बहकाए लोगों का धरना कह रहे हैं।
केंद्र सरकार लाई है खेती से जुड़े कानून
बता दें कि केंद्र सरकार हाल ही में तीन नए कृषि कानून लेकर आई है, जिनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडार सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं। इसको लेकर किसान जून के महीने से ही आंदोलनरत हैं और इन कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। किसानों को कहना है कि ये कानून मंडी सिस्टम और पूरी खेती को प्राइवेट हथों में सौंप देंगे, जिससे किसान को भारी नुकसान उठाना होगा। नए कानूनों के खिलाफ ये आंदोलन अभी तक मुख्य रूप से पंजाब में हो रहा था।
26 नवंबर से दिल्ली में धरने पर किसान
26 नवंबर को किसानों ने दिल्ली की और कूच किया है और बीते 13 दिन से किसान दिल्ली और हरियाणा को जोड़ने वाले सिंधु बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं। दिल्ली के कई दूसरी सीमाओं पर भी किसान जमा हैं और कानूनों को वापस लेने की मांग सरकार से कर रहे हैं। इसके बाद किसान नेताओं और सरकार के बीच कई दफा बातचीत भी हो चुकी है। हालांकि अभी तक बातचीत का कोई नतीजा निकलता नहीं दिख रहा है।