UGC ने 2020-21 शैक्षणिक सत्र शुरु होने की बताई ये तारीख, जानिए कब
शैक्षणिक सत्र2020-21 पुराने छात्रों के लिए 01.8.2020 से और नए छात्रों के लिए 01.09.2020 से शुरू हो सकता है: विश्वविद्यालय अनुदान आयोगThe Academic Session 2020-21 may commence from 01.8.2020 for old students and from 01.09.2020 for fresh students: University Grants Commission
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के संक्रमण के भारत में दस्तक देने के बाद ही देश भर के विश्वविद्यालयों और स्कूलों को 16 मार्च से बंद कर दिया गया था। मोदी सरकार के देशव्यापी लॉकडाउन के फैसले के साथ ही सभी स्कूल, कालेज, विश्वविद्यालयों में पढ़ाई नहीं हो रही है। कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन के कारण पहले ही वर्ष 2020-21 के शैक्षणिक सत्र शुरु होने में देरी हो चुकी हैं, इसी बीच विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी कि यूजीसी ने देश भर के विश्विविद्यालयों से सबद्ध कालेजों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों के 2020-21 शैक्षणिक सत्र की कब से शुरुआत की जाएगी। इसकी घोषणा कर दी हैं।
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नए और पुराने छात्रों दोनों के लिए बताई ये तारीख
यूजीसी द्वारा ट्व्वीटर पर साक्षा की सूचना के आधार पर 2020-21 पुराने छात्रों के लिए 1 अगस्त से कक्षाएं शुरु होगी वहीं नए छात्रों के लिए एक सिंतबर से शुरू सत्र शुरु किया जाएगा। यूजीसी ने बताया कि कोरोनावारस के संक्रमण के चलते शैक्षणिक सत्र को आगे बढ़ाया गया हैं।
यूजीसी पैनल ने इस माह में सत्र शुरु करने की सिफारिश की थी
बता दें विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा परीक्षा से जुड़े मुद्दों और कक्षा बंद के मद्देनजर अकादमिक कैलेंडर पर विचार-विमर्श के लिए गठित सात सदस्यीय समिति ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट पेश की थी जिसमें उच्च शिक्षा के लिए जुलाई के मध्य से शुरू होने वाले पारंपरिक सत्र को सितंबर में शुरु करने की सिफारिश की की गई । गाौरतलब हैं कि इस पैनल ने नए शैक्षणिक सत्र के शुरू होने में दो महीने की देरी करने के अलावा ये भी सिफारिश की कि वर्ष के अंत या सेमेस्टर-अंत की परीक्षाएं जो अनुसूची पर आयोजित नहीं की जा सकती हैं, उन्हें जुलाई में आयोजित किया जाना चाहिए।
सत्र आगे जाने से विवि कर सकती हैं कोर्ट का रुख
सत्र को आगे किए जाने से राज्यों के विवि जैसे चिकित्सा कार्यक्रमों (31 अगस्त) और इंजीनियरिंग (15 अगस्त) जैसे टेक्निकल कोर्स में प्रवेश को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार को अंतिम तिथि बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख करना होगा। बता दें इन समयसीमाओं को शीर्ष अदालत ने अनिवार्य कर दिया है और इसीलिए इसके साथ छेड़छाड़ किए जाने से पहले इसकी शीर्ष अदालत की अनुमति की आवश्यकता होगी।