ऊबर के 5.7 करोड़ यूजर्स की जानकारी लीक, कंपनी ने करोंड़ो की दी फिरौती
नई दिल्ली। अक्सर यात्रियों के साथ गलत व्यवहार को लेकर चर्चा में रहने वाली ऊबर कैब सर्विस इस बार नए विवाद में फंस गई है। कंपनी पर आरोप है कि उसने अपने 57 मिलियन 5.7 करोड़ लोगों की व्यक्तिगत जानकारी को लीक कर दिया है, कंपनी पर आरोप है कि उसने अपने ग्राहकों की व्यक्तिगत जानकारी को लीक कर दिया है। मंगलवार को उबर ने एक बयान जारी करके कहा कि हैकर ने कंपनी के नेटवर्क से 2016 अक्टूबर माह में लोगों के व्यक्तिगत डेटा को हैक कर लिया था, जिसमे ड्राइवर का नाम, लाइसेंस नंबर भी शामिल है। हैकर ने 60000 ड्राइवर की जानकारी को हैक कर लिया, यही नहीं उसने उबर इस्तेमाल करने वाले 57 मिलियन ग्राहकों के नाम, फोन नंबर, ईमेल एड्रेस को भी हैक कर लिया।
एक लाख यूएस डॉलर की फिरौती दी
जिस तरह से ऊबर का डेटा चोरी हुआ है, उसके चलते कंपनी की कैब इस्तेमाल करने वाले करोड़ो उपभोक्ताओं के बीच का रिश्ता खराब होता दिखाई दे रहा है, माना जा रहा है कि कंपनी को इसके लिए आपराधिक मुकदमे का भी सामना करना पडे़। जानकारी के अनुसार ऊबर ने इस डेटा को वापस हासिल करने के लिए एक लाख यूएस डॉलर की फिरौती दी है ताकि वह इस डेटा को वापस डीलीट कर दें और उसका इस्तेमाल नहीं करे।
कंपनी ने किया कानून का उल्लंघन
डेटा प्राइवेसी लॉ प्रोफेसर विलियम मैकगेवरन का कहना है कि अगर उबर को इस मामले की जानकारी थी और उसने इसे छिपानी की कोशिश की है और एफटीसी को इसकी जानकारी नहीं दी है तो उसे काफी मुश्किल का सामना करना पड़ा सकता है, उसपर आपराधिक मामला भी चल सकता है। आप जांच के दौरान झूठ नहीं बोल सकते हैं। मामले को दबाने के लिए पैसों का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। उबर हैक की खबर का ब्लूमबर्ग ने खुलासा किया था।
ड्राइवरों को किया जा रहा है संपर्क
ऊबर के डेटा के चोरी होने से उसके यूजर्स की तमाम जानकारी हैकर्स के पास पहुंच गई, बड़ी बात यह है कि पिछले वर्ष इसके यूजर्स की संख्या 40 मिलियन यानि चार करोड़ तक पहुंच गई थी। लेकिन कंपनी ने अपने यूजर्स को इस हैक के बारे में जानकारी नहीं दी। वहीं जिन ड्राइवरों की जानकारी हैक की गई उसपर उबर का कहना है कि उनसे संपर्क कर रही है और उन्हें फ्री क्रेडिट मॉनिटरिंग व आईडेंटिटी थेफ्ट प्रोटेक्शन की सुविधा मुहैया करा रही है।
यूं हो सकता है गलत इस्तेमाल
ऊबर में डेटा चोरी होने से क्या नुकसान हो सकता है, यह एक बड़ा सवाल है, आपको बता दें कि इस पूरे डेटा का इस्तेमाल करके एक दूसरी कंपनी अपने यूजर बेस को बढ़ाकर दिखा सकती है और लोगों के साथ धोखाधड़ी कर सकती है। यही नहीं ड्राइवरों की जानकारी का इस्तेमाल करके उनका गलत तरीके से उपयोग किया जा सकता है। ऊबर कंपनी ने अपने चीफ सेक्युरिटी ऑफिसर को पहले ही बर्खास्त कर दिया है। माना जा रहा है कि कंपनी पर बड़ा जुर्माना लग सकता है
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