TRS सांसदों ने किया शीतकालीन सत्र का बहिष्कार, केंद्र पर लगाया 'किसान विरोधी' होने का आरोप
नई दिल्ली, 07 दिसंबर। संसद के शीतकालीन सत्र में भी किसानों का मुद्दे को लेकर हंगामा देखने को मिल रहा है। कृषि कानूनों की वापसी के बाद अब किसानों की मौत को लेकर विपक्ष ने केंद्र सरकार को घेरा है। इसी क्रम में मंगलवार को टीआरएस (तेलंगाना राष्ट्र समिति) ने संसद के शीतकालीन सत्र का बहिष्कार किया। केंद्र सरकार पर 'किसान विरोधी' होने का आरोप लगाते हुए, टीआरएस ने मंगलवार को घोषणा की कि उसके सांसद शेष शीतकालीन सत्र के लिए संसद के दोनों सदनों का बहिष्कार करेंगे।
किसानों के मुद्दे पर केंद्र सरकार का विरोध करते हुए टीआरएस के सांसदों ने सरकार के खिलाफ और किसानों के समर्थन में नारेबाजी करते हुए लोकसभा और राज्यसभा से वाकआउट किया। सभी सांसद काले रंग के कपड़े पहने हुए नजर आए। लोकसभा में पार्टी के नेता नामा नागेश्वर राव ने कहा कि टीआरएस भारतीय खाद्य निगम द्वारा तेलंगाना से धान की खरीद का मुद्दा उठाती रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि वह राज्य से धान की खरीद करे और किसानों को उनका हक दिलाए। नामा नागेश्वर ने आगे कहा कि पार्टी न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए एक बिल लाने की मांग कर रही है।
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Delhi: TRS MPs boycott this entire session of the Parliament session from today. Issues for the boycott are paddy procurement, 12 suspended MPs of the Rajya Sabha, and other issues related to Telangana. pic.twitter.com/jzeCd5sK70
— ANI (@ANI) December 7, 2021
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राहुल
गांधी
ने
भी
उठाया
किसानों
का
मुद्दा
लोकसभा
में
कांग्रेस
के
पूर्व
अध्यक्ष
और
वर्तमान
सांसद
राहुल
गांधी
ने
भी
किसानों
के
मुद्दे
पर
केंद्र
सरकार
को
घेरा।
उन्होंने
आंदोलन
के
दौरान
मारे
गए
किसानों
के
नाम
दिखाते
हुए
केंद्र
सरकार
से
पूछा
कि
ये
आंकड़ा
उनके
पास
क्यों
नहीं
है।
क्या
सरकार
मृतक
किसानों
को
मुआवजा
देगी।
राहुल
गांधी
ने
कहा,
किसान
आंदोलन
में
लगभग
700
किसान
शहीद
हुए,
प्रधानमंत्री
ने
देश
और
किसानों
से
माफी
मांगी।
30
नवंबर
को
कृषि
मंत्री
से
सवाल
पूछा
गया
था
कि
किसान
आंदोलन
में
कितने
किसान
शहीद
हुए।
कृषि
मंत्री
ने
कहा
कि
उनके
पास
कोई
आंकड़ा
नहीं
है।