त्रिपुरा चुनाव: माणिक सरकार को हराने के लिए बीजेपी-कांग्रेस ने उतारी महिलाएं
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस की दो महिला उम्मीदवारों का दावा है कि विधानसभा चुनावों में 18 फरवरी को त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार को हराने का उचित मौका है। उनका दावा है कि वे इस चुनाव में माणिक सरकार को हरा सकती हैं। त्रिपुरा विधानसभा सीट संख्या-23 धनपुर पर माणिक सरकार समेत चार लोग चुनावी मैदान में हैं। त्रिपुरा में पिछले 25 सालों से एक छत्र राज कर रही मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और 20 साल से लगातार शासन कर रहे मुख्यमंत्री माणिक सरकार के लिए 2018 का चुनाव इतिहास रचने वाला है।
बीजेपी ने प्रतिमा भौमिक को माणिक सरकार के खिलाफ मैदान में उतारा
बीजेपी ने त्रिपुरा राज्य इकाई की महासचिव प्रतिमा भौमिक को माणिक सरकार के खिलाफ मैदान में उतारा है। भौमिक इससे पहले 1998 और 2003 में सरकार के खिलाफ चुनाव लड़ चुकी हैं और उन्हें दोनों बार तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा था। बीजेपी ने भौमिक पर दांव आजमाकर इस चुनाव को महिला बनाम पुरुष कर दिया है। तो वहीं कांग्रेस ने इस सीट से लक्ष्मी नाग (बर्मन) को चुनाव मैदान में उतारा है। लक्ष्मी पूर्व कांग्रेस सरकार में मंत्री रह चुकी है और राज्य इकाई पर अपनी पकड़ रखती हैं।
माणिक सरकार के पास ज्योति बसु की बराबरी करने का मौका
बतौर मुख्यमंत्री का सबसे लंबा कार्यकाल बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री व माकपा के ही दिग्गज नेता ज्योति बसु के नाम पर है। त्रिपुरा में पिछले 25 सालों से एक छत्र राज कर रही मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और 20 साल से लगातार शासन कर रहे मुख्यमंत्री माणिक सरकार के लिए 2018 का चुनाव इतिहास रचने वाला होगा। सीपीएम के कद्दावर नेताओं में से एक माणिक सरकार को उनकी साफ सुथरी छवि और देश के सबसे गरीब मुख्यमंत्री के रूप में जाना जाता है। माणिक सरकार त्रिपुरा के मुख्यमंत्री होने के साथ ही सीपीएम पोलित ब्यूरो के सदस्य भी हैं।
क्यों खास है धनपुर विधानसभा सीट
धनपुर त्रिपुरा का एक छोटा सा अर्ध-शहरी केंद्र, जो राजधानी अगरतला से 65 किलोमीटर पश्चिम में स्थित है। बांग्लादेश के सिपाझला जिले की सीमा से सटे धनपुर निर्वाचन क्षेत्र में इस दफा कुल 43,728 मतदाता अपने मत का प्रयोग करेंगे। माणिक सरकार 1998 से लगातार इस सीट से चुनाव जीतते आ रहे हैं। 1998 में इसी सीट से चुनाव जीतने के बाद माणिक सरकार पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। धानपुर सीट शुरु से वामपंथियों का गढ़ रही है। 1972 से लेकर अब तक(2013) हर बार यहां से सीपीएम उम्मीदवार ही चुनाव जीतते आ रहे हैं। बीजेपी ने 51 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं तो वहीं कांग्रेस ने सभी 60 सीटों पर अपने उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए मतदान 18 फरवरी को होगा और 3 मार्च को मतगणना होगी।