क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

26 जून 1975 को इंदिरा गांधी ने लागू की थी 'इमरजेंसी'

Google Oneindia News

नई दिल्‍ली। भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आज ही के दिन 26 जून वर्ष 1975 को आजादी के बाद पहली बार 'इमरजेंसी' लागू कर अपने विरोध में उठने वाली सभी आवाज जबरदस्‍ती दबा दिया था। 40 साल बाद भी लोग इमरजेंसी की पुरानी दास्‍तान को भूल नहीं सके हैं। लोगों को आज भी याद है कि किस तरह उन्‍हें जेल में जबरदस्‍ती भर दिया गया था।

वर्ष 1971 में जब इंदिरा गांधी ने बांग्‍लादेश का गठन किया तो उनके खिलाफ पूरे देश भर में विरोधी आवाजें उठने लगी थीं। एक तरफ तो बांग्‍लादेश का गठन करने के बाद इंदिरा अपने राजनीतिक सफर के शिखर पर थीं तो दूसरी ओर विरोधियों की आवाज। विरोधियों की उठती आवाज को दबाने के लिए इंदिरा ने संविधान के तहत पूरे भारत में इमरजेंसी लागू कर दिया था और सभी को जेल में भर दिया।

देश में व्‍याप्‍त भ्रष्‍टाचार और महंगाई से त्रस्‍त जनता ने सरकार का विरोध करना शुरू कर दिया। इस मुद्दे को लेकर देशव्‍यापी आंदोलन होने लगे। गुजरात कर्फ्यू इसका प्रबल उदाहरण था। इस मामले को लेकर गुजरात के चिमनभाई को इस्‍तीफा भी देना पड़ा। देश में छा रही अशांति को लेकर विपक्ष ने इंदिरा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।

इधर 12 जून 1975 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रायबरेली से इंदिरा का चुनाव अवैध घोषित कर दिया। विपक्ष उनसे इस्‍तीफा देने की मांग करने लगी लेकिन सत्ता के मद में चूर इंदिरा ने 25 जून को इमरजेंसी की घोषणा कर दी। विपक्ष के तमाम नेता को गिरफ्तार कर लिया गया। देश में उनके खिलाफ कोई आवाज नहीं उठा सकता था, आवाज बुलंद करने वालों को जेल की हवा खानी पड़ी।

26 जून 1975 को देश में पहली बार आपातकाल लगा था

26 जून 1975 को देश में पहली बार आपातकाल लगा था

भारतीय लोकतंत्र को इमरजेंसी के कठोर कानून को युवाकाल में झेलना पड़ा। आज के ही दिन यानी 26 जून 1975 को देश में पहली बार आपातकाल लगा था।

विरोधियों को जेल की हवा

विरोधियों को जेल की हवा

1971 में बांग्लादेश बनवाकर शोहरत के शिखर पर पहुंचीं इंदिरा को अब अपने खिलाफ उठी हर आवाज एक साजिश लग रही थी।

विपक्ष के तमाम नेता को गिरफ्तार कर लिया गया

विपक्ष के तमाम नेता को गिरफ्तार कर लिया गया

12 जून 1975 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रायबरेली से इंदिरा का चुनाव अवैध घोषित कर दिया। विपक्ष उनसे इस्‍तीफा देने की मांग करने लगी। लेकिन सत्ता के मद में चूर इंदिरा ने 25 जून को इमरजेंसी की घोषणा कर दी। विपक्ष के तमाम नेता को गिरफ्तार कर लिया गया।

1977 के आम चुनाव में कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी

1977 के आम चुनाव में कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी

इंदिरा ने मार्च 1977 को अचानक आपातकाल हटाने की घोषणा कर दी। अब बारी जनता की थी। 1977 के आम चुनाव में कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी।

जनता ने इंदिरा की नहीं सुनी

जनता ने इंदिरा की नहीं सुनी

आपातकाल के बाद इंदिरा गांधी को जनता ने एक सिरे से नकार दिया था।

आज भी याद है काला दिन

आज भी याद है काला दिन

भारत के इतिहास में आपातकाल को सबसे काले दिन के रूप में याद किया जाता है। यह वो समय था जब आजाद भारत सच मुच में एक बार फिर से गुलाम बन गया था।

Comments
English summary
After the Independence first time Emergency put in India by former Prime Minister Indira Gandhi. This Emergency chocked each and every people's voice in India for few days.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X