ये लोग हिंदू धर्म की बदनामी ही कर रहे हैं: स्वरा भास्कर
महिला प्रधान फ़िल्मों में कई मुद्दे उठाए जाते हैं. स्वरा का कहना है की महिलाओं को फ़िल्मों में बिना मुद्दे के अपनी कहानी बोलने की भी आज़ादी होनी चाहिए.
स्वरा पहली बार अमीर बाप की बिगड़ी हुई बेटी का किरदार निभा रही हैं. उनका मानना है कि ये उनकी ज़िंदगी का सबसे मुश्किल किरदार था.
वो कहती हैं, "ग़रीबी, भुखमरी, लाचारी, बीमारी, बेरोज़गारी ये सब मेरे कम्फर्टज़ोन हैं.
'निल बट्टे सन्नाटा', 'अनारकली ऑफ आरा' जैसी सार्थक फ़िल्मों का हिस्सा रहीं अभिनेत्री स्वरा भास्कर अक्सर सोशल मीडिया पर सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर खुलकर बोलती हैं.
कई बार दो टूक बयानों से स्वरा विवादों में भी फंसी भी हैं. हाल ही में कठुआ और उन्नाव बलात्कार कांड में स्वरा भास्कर ने अपना ग़ुस्सा ज़ाहिर करते हुए इंसाफ़ के पक्ष में आवाज़ उठाई थी.
उन्होंने लिखा था, ''मैं हिंदुस्तान हूँ, मुझे शर्मिंदगी है. आठ साल की लड़की के साथ मंदिर में गैंगरेप और हत्या.''
https://twitter.com/ReallySwara/status/984665000328523776
स्वरा के इस ट्वीट पर उन्हें ट्रोल किया गया और उन्हें हिंदू विरोधी भी क़रार दिया गया.
बीबीसी से ख़ास बातचीत में स्वरा भास्कर ने इस विवाद पर कहा, "मैं 100 प्रतिशत अपने शब्दों के साथ खड़ी हूँ पर जिस किस्म का उसे रंग दिया गया वो बहुत ही घटिया तरीक़ा था."
स्वरा कहती हैं, "किस चीज़ से आप हिंदू विरोधी होते हो? हिंदू विरोधी हरक़त क्या है? जो इंसान 8 साल की बच्ची को अगवा करके उसके साथ सामूहिक बलात्कार करवाया, ऐसे घिनौने अपराध का प्लान किया, ये चीज़े हिंदू विरोधी हैं न कि वो लोग जो ऐसे अपराध के विरोध में बोल रहे हैं?''
स्वरा आगे कहती हैं, "अगर आप हिंदू होने की वजह से मुसलमानों पर हमले कर रहे हैं तो इससे देश का नाम नहीं बल्कि बदनामी हो रही है.''
स्वरा कहती हैं कि इससे हिंदू धर्म की बदनामी हो रही है. वो कहती हैं, ''आप बहुत घटिया काम कर रहे हैं, जिसका जवाब आपको देना पड़ेगा. अगर आप बलात्कार को जस्टिफाई करने की कोशिश कर रहे हैं तो आप गिरे हुए इंसान हैं"
वहीं, विवाद के दौरान ये सवाल भी उठे कि स्वरा ने कठुआ और उन्नाव बलात्कार पर ही आवाज़ क्यों उठाई.
इसका ज़वाब देते हुए स्वरा ने कहा, "पहली बार भारत में ऐसा हुआ की सत्ता में मौजूद लोगों ने अपराधियों की वक़ालत की. जिन लोगों का काम है कि देश को संविधान के मुताबिक चलाना वही, सबसे ज़्यादा गैर-क़ानूनी और घटिया हरकत वो कर रहे हैं".
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"मैं बोलूंगी मैं हिंदुस्तान हूं और मुझे शर्मिंदगी है, क्योंकि आप लोगों ने हिंदू धर्म और हिंदू होने के नाते ऐसी घटिया हरकत की है, मैंने नहीं."
स्वरा कहती हैं कि उन्हें देश की चिंता है और उन्हें देश से बेपनाह प्यार है. अगर देश में कुछ भी ग़लत होगा तो वो आवाज़ उठाएंगी.
स्वरा अपनी आगामी फ़िल्म 'वीरे दी वेडिंग' में करीना कपूर, सोनम कपूर और शिखा तलसानिया के साथ नज़र आएंगी.
स्वरा का कहना है कि हिंदी सिनेमा को करीब 105 साल लग गए ऐसी फ़िल्म लाने के लिए जिसमे चार लड़कियों को एक लड़के से प्यार नहीं है.
उन्होंने ये भी माना कि अक्सर हिंदी फ़िल्मों में लड़कों के किरदार को मोहलत मिलती है कि वो अपनी कमज़ोरी बड़े पर्दे पर दिखाए पर अब ऐसे किरदार लड़कियों के भी आ रहे है.
अगर फ़िल्म में हीरो से पहले हो हीरोइन का नाम!
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महिला प्रधान फ़िल्मों में कई मुद्दे उठाए जाते हैं. स्वरा का कहना है की महिलाओं को फ़िल्मों में बिना मुद्दे के अपनी कहानी बोलने की भी आज़ादी होनी चाहिए.
स्वरा पहली बार अमीर बाप की बिगड़ी हुई बेटी का किरदार निभा रही हैं. उनका मानना है कि ये उनकी ज़िंदगी का सबसे मुश्किल किरदार था.
वो कहती हैं, "ग़रीबी, भुखमरी, लाचारी, बीमारी, बेरोज़गारी ये सब मेरे कम्फर्टज़ोन हैं. मैंने मध्यम वर्ग या मज़दूर वर्ग के किरदार निभाए हैं.''
''वो दुनिया मुझे समझ आती है पर अमीर बाप की बेटी का किरदार कभी नहीं निभाया. मुझे डर था कि ऐसा ना लगे कि कोई ग़रीब मांगे हुए कपड़े में एक्टिंग कर रहा है. ग्लैमरस दिखना, ग्लैमरस कपड़े पहनना, डाइटिंग करना. बाप रे, मैं तो पागल ही हो गई थी."
इस कमर्शियल फ़िल्म में काम करते हुए स्वरा की कमर्शियल हीरोइन के प्रति एक मिथ्या भी टूटी. उनका कहना है कि बतौर आर्ट हाउस सिनेमा अभिनेत्री एक गर्व होता है.
वो आगे कहती हैं कि बड़े परदे पर ख़ूबसूरत दिखने के पीछे बहुत मेहनत लगती है. करीना बहुत ही अनुशासित है. वो खाने-पीने से लेकर वर्क आउट का बहुत ध्यान रखती है. कमर्शियल फ़िल्मों की अभिनेत्रियां भी बहुत मेहनत करती हैं.
चार दोस्तों की कहानी और शशांक घोष द्वारा निर्देशित फ़िल्म 'वीरे दी वेडिंग' एक जून को रिलीज़ होगी.