Telangana: KCR को बड़ा झटका, हाईकोर्ट ने CBI को सौंपी विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले की जांच
Telangana हाईकोर्ट ने विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में अपना फैसला सुना दिया है। इस केस की जांच अब सीबीआई करेगी।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव और उनकी पार्टी बीआरएस को तेलंगाना हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा, जहां सोमवार को विधायकों की खरीद-फरोख्त (पोचगेट केस) का मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को ट्रांसफर कर दिया गया। इस मामले की जांच अब तक राज्य सरकार द्वारा गठित एसआईटी कर रही थी, जिसका बीजेपी ने विरोध किया। हाईकोर्ट के फैसले से बीजेपी नेता काफी उत्साहित हैं। हालांकि एसआईटी इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कह रही है।
मामले में बीजेपी नेता और वकील एन रामचंदर राव ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि हमारा तर्क था कि एसआईटी निष्पक्ष जांच नहीं कर सकती है। मुख्यमंत्री ने खुद कहा था कि एक स्टिंग ऑपरेशन के हिस्से के रूप में दर्ज सभी टेपों तक उनकी पहुंच थी। इस वजह से हम कोर्ट गए। सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दे दिए। साथ ही एसआईटी जांच को रद्द कर दिया। राव ने आगे बताया कि सीबीआई जांच की मांग को लेकर कुल पांच याचिकाएं हाईकोर्ट में दायर की गई थीं। जिसमें तीन अभियुक्तों ने, एक बीजेपी और पांचवीं वकील ने दायर की थीं। इसमें तकनीकी आधार पर बीजेपी की याचिका खारिज हो गई। फिलहाल हाईकोर्ट ने बहुत महत्वपूर्ण आदेश दिया है। ऐसे में वो और उनकी पार्टी इसका स्वागत करती है।
वहीं दूसरी ओर तंदूर विधायक रोहित रेड्डी ने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों का उपयोग करके उन्हें डराने और धमकाने की कोशिश की जा रहा है। उन्होंने ही पार्टी बदलने के बदले पैसे मिलने का दावा किया था। इसके अलावा मुख्यमंत्री केसीआर ने ये भी आरोप लगाया कि बीजेपी उनकी सरकार को गिराने की कोशिश कर रही थी। उनके विधायक रोहित रेड्डी अदालत जा रहे थे, सिर्फ ये पूछने के लिए कि उन मामलों में प्रवर्तन निदेशालय का दखल क्यों है, जिसकी जांच वो नहीं कर रही।
तेलंगाना में जानबूझकर फंड की कमी पैदा कर रही है केंद्र सरकार- हरीश राव
ऐसे
समझें
पूरा
मामला
पिछले
कुछ
महीनों
से
तेलंगाना
की
राजनीति
गरमाई
हुई
है।
सत्ताधारी
बीआरएस
का
दावा
है
कि
बीजेपी
ने
उसकी
पार्टी
के
विधायकों
को
खरीदने
की
कोशिश
की।
इस
मामले
में
रामचंद्र
भारती
उर्फ
सतीश
शर्मा,
नंद
कुमार
और
सिंहयाजी
स्वामी
को
अक्टूबर
में
गिरफ्तार
किया
गया
था।
तेलंगाना
पुलिस
ने
मामले
में
बीजेपी
के
राष्ट्रीय
संगठन
सचिव
बीएल
संतोष
समेत
7
को
आरोपी
बनाया
है।
इसके
बाद
से
ही
बीजेपी
मामले
की
सीबीआई
जांच
की
मांग
कर
रही
थी।