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Surgical strikes 2: जानिए, आतंकवादी कैंपों पर भारतीय एयर स्ट्राइक (Air Strike) का क्या असर होने वाला है?

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दिल्ली- 14 फरवरी,2019 को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आत्मघाती हमले के बारवें दिन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी कैंपों पर भारतीय वायु सेना (IAF) का जवाबी हमला राजनीतिक और कूटनीतिक स्तर पर मील का पत्थर साबित हो सकता है। भारतीय वायुसेना जमीनी स्तर पर इस हमले को 100 फीसदी सफल मान रही है। पाकिस्तान से जो प्रतिक्रिया मिली है, उससे भी लगता है कि उसके पैरों के नीचे से जमीन खिसक चुकी है। लेकिन, ये कार्रवाई भारत और पाकिस्तान दोनों के लिए महज कुछ दिनों में भुला दिए जाने वाली कार्रवाई नहीं है। आने वाले दिनों में दोनों ओर इसके कई अलग-अलग परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

बौखलाहट में कुछ भी कर सकता है पाकिस्तान

बौखलाहट में कुछ भी कर सकता है पाकिस्तान

पुलवामा हमले के बाद भारत ने जो कहा था, वह कर दिखाया। लेकिन, पाकिस्तान को जरा भी अंदाजा नहीं था कि भारतीय लड़ाकू विमान पाकिस्तान में घुसकर बालाकोट के आतंकी कैंप तक पहुंच जाएंगे। यह आतंकवादी कैंप पुलवामा हमले के लिए जिम्मेदार जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े ठिकानों में से एक माना जाता है। जाहिर है कि इंडियन फाइटर जेट्स की अचूक कार्रवाई से पाकिस्तान की सरकार और सबसे बढ़कर पाकिस्तानी सेना,आईएसआई और उनके संरक्षण में पलने वाले आतंक के आका बिलबिला उठेंगे। इमरान खान की सरकार पर भारत के खिलाफ जवाबी कार्रवाई का दबाव बढ़ेगा। भारत के लिए सचेत रहना अब इसलिए और ज्यादा जरूरी है, क्योंकि पाकिस्तान एक गैर-जिम्मेदार राष्ट्र है, जो बौखलाहट में कुछ भी कर सकता है।

पाकिस्तानी न्यूक्लियर बम पर खतरा

पाकिस्तानी न्यूक्लियर बम पर खतरा

पाकिस्तानी सेना, आईएसआई और उनके संरक्षण में चलने वाले आतंकी संगठन का खतरनाक गठजोड़ भारत ही नहीं समूचे विश्व के लिए खतरा माने जाते रहे हैं। पाकिस्तान ने जिस तरह से चोरी की तकनीक से न्यूक्लियर बम बनाया, वह किसी से छिपा नहीं है। चिंता इस बात की है कि अगर इमरान खान की सरकार भारतीय पराक्रम और अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते भारत के खिलाफ कुछ भी करने की हिम्मत नहीं जुटा पाए, तो पाकिस्तानी न्यूक्लियर बम का कंट्रोल वहां की सेना और आईएसआई अपने हाथों में ले सकती है। वैसे भी आए दिन वहां से भारत के खिलाफ इसके इस्तेमाल की धमकी दी जाती रही है।

आतंकवादी संगठन बदल सकते हैं रणनीति

आतंकवादी संगठन बदल सकते हैं रणनीति

पाकिस्तान के बालाकोट के आतंकी कैंपों को तबाह किया जाना, वहां मौजूद आतंकवादी संगठनों और पाकिस्तानी सेना के लिए बहुत बड़ा सबक है। अब तक वह मानकर चल रहे थे कि कुछ भी हो जाए, भारत पाकिस्तान के इलाके में कार्रवाई की हिम्मत नहीं करेगा। इसलिए भले ही बालाकोट, एबटाबाद से महज 60 किलोमीटर दूर है, लेकिन इसे जैश-ए-मोहम्मद के कैंप के तौर पर अब तक सुरक्षित माना जाता था। ये कैंप अभी जिस जगह पर था, वह रिहायशी इलाके से दूर-दराज में था। अब हो सकता है कि पाकिस्तानी सेना इन आतंकी संगठनों को ऐसे सुरक्षित ठिकानों की ओर जाने को कहे, जहां एयर स्ट्राइक का खतरा कम हो। जैसे- रिहायशी इलाके या सेना के ठिकाने। पाकिस्तान जैसे देश में यह नामुमकिन भी नहीं है। जैश का सरगना मौलाना मसूद अजहर को भी कभी रावलपिंडी के सेना के अस्पताल में महफूज रखा जाता है, तो कभी सेना की देखरेख में बहावलपुर के कोटघानी भेज दिया जाता है। इसी तरह मुंबई हमलों का जिम्मेदार हाफिज सईद और मुंबई धमाकों का गुनहगार दाऊद इब्राहिम भी पाकिस्तानी हुक्कमरानों के संरक्षण में भारत विरोधी कार्रवाई में शामिल रहते हैं।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की स्थिति और मजबूत हो सकती है

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की स्थिति और मजबूत हो सकती है

पठानकोट, उरी और फिर पुलवामा के बाद भारत को दुनिया में पाकिस्तान के खिलाफ माहौल बनाने में काफी कामयाबी मिली है। भारत विश्व समुदाय खासकर अमेरिका को यह समझाने में सफल रहा है कि वह उसे जो आर्थिक मदद देता है, उसका उपयोग पाकिस्तान भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने में करता है। पुलवामा हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के बयान से साफ है कि वो भारत के किसी भी जवाबी कार्रवाई में टांग नहीं अड़ाएगा। फ्रांस, जापान और इजरायल जैसे देश तो पहले से ही सक्रिय योगदान दे ही रहे हैं। सबसे बड़ी बात ये कि पुलवामा में हमले के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जो निंदा प्रस्ताव आम सहमति से पास हुआ, उसने पाकिस्तान को पूरी दुनिया में अलग-थलक कर दिया। यहां तक कि चीन ने भी उस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं। उसके बाद भारत सरकार लगातार कूटनीतिक स्तर पर दुनियाभर के देशों को अपने साथ जोड़े रहने में कामयाब रही है। ऐसे में अब पाकिस्तान अगर भारत के खिलाफ कोई भी बचकानी हरकत करेगा, तो उसे और भी बुरे दिन देखने को मजबूर होना पड़ सकता है। क्योंकि, आतंकवाद एक ऐसा मुद्दा है, जिसपर चीन जैसा देश भी खुलकर उसके साथ खड़ा नहीं हो सकता। शायद यही वजह है कि पहले भारत को धमकाने के बाद इमरान खान ने प्रधानमंत्री मोदी से शांति की अपील की थी।

मोदी है तो मुमकिन है: चुनाव में बीजेपी को लाभ मिल सकता है

मोदी है तो मुमकिन है: चुनाव में बीजेपी को लाभ मिल सकता है

पुलवामा हमले का कई गुना बड़ा जवाब देकर मोदी ने देश को बता दिया है कि वो अगर कहते हैं, तो उसे कर दिखाने का माद्दा भी रखते हैं। पुलवामा के बाद देश में जो माहौल बना था, उसे लोग भुलाते उससे पहले ही पाकिस्तान परस्त जैश-ए-मोहम्मद पर कार्रवाई करके सरकार ने अपनी बात ऊपर रख दी है। खास बात ये है कि इस मामले में शुरू से लेकर आखिरी तक मोदी ने विपक्ष को भी भरोसे में रखने की पहल की है। निश्चित रूप से भारतीय वायुसेना की ओर से पाकिस्तान में घुसकर की गई जवाबी कार्रवाई यानि Surgical strikes 2 का बीजेपी आने वाले चुनावों में फायदा उठाने की भी कोशिश करेगी। हो सकता है कि विपक्ष आने वाले दिनों में इसको लेकर सरकार की कुछ खामियों को ढूंढ निकालने का प्रयास करे, लेकिन आम भारतीय में ये मैसेज तो गया ही है कि मोदी है तो मुमकिन है (#ModiHaiTohMumkinHai).

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English summary
Surgical strikes 2 Know what will be the impact of Indian Air Strike on terrorist camps
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