Delhi-Ncr में पटाखों की बिक्री से Supreme Court ने हटाया बैन
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में पटाखे की बिक्री और खुदरा बिक्री के लिए स्थायी लाइसेंस निलंबित करने का अपना आदेश को वापस ले लिया है। इसके बाद Delhi-Ncr में पटाखों की बिक्री से बैन हट गया है। हालांकि सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि स्थायी लाइसेंस के निलंबन को हटाने के आदेश की समीक्षा दिवाली के त्यौहार के बाद वायुमंडल की गुणवत्ता के आधार पर की जा सकती है। शीर्ष अदालत ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अध्यक्ष द्वारा एक समिति नियुक्त की जो दशहरे और दिवाली के त्यौहार के बाद यह जांच करेगा कि पटाखे फोड़ने से लोगों के स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ेगा।
अदालत ने दिल्ली पुलिस को अस्थाई लाइसेंस की संख्या को कम करने के लिए भी पिछले साल दिए गए लाइसेंस में से 50 प्रतिशत से कम करने और उसे 500 पर रोकने करने का निर्देश दिया। पीठ ने कहा कि 11 नवंबर, 2016 के आदेश के निर्देश के अनुसार स्थायी लाइसेंस के निलंबन को कुछ समय के लिए हटा लिया गया है। दीपावली के बाद वायु गुणवत्ता की जांच के बाद इसकी समीक्षा की आवश्यकता हो सकती है। हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि स्थायी लाइसेंसधारियों द्वारा पटाखों की बिक्री दिए निर्देशों के अनुरूप होनी चाहिए और विस्फोटक नियमों के अनुपालन पूरी तरह से होना चाहिए।
पीठ की ओर से कहा गया कि 'वायु प्रदूषण के प्रतिकूल प्रभावों को ध्यान में रखते हुए, स्वच्छ हवा में साँस लेने के मानव अधिकार और स्वास्थ्य के लिए मानव अधिकार को ध्यान में रख कर केंद्र सरकार और अन्य अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से पटाखे फोड़ने के बजाय आतिशबाजी के सामूहिक प्रदर्शन को प्रोत्साहित करना चाहिए।'
शीर्ष अदालत ने कहा कि इसके द्वारा नियुक्त की गई समिति 31 दिसंबर या उसके पहले के एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। दिल्ली पुलिस को 2016 में दिए गए लाइसेंसों के लगभग 50 प्रतिशत अस्थायी लाइसेंस देने को कम करने का निर्देश दिया गया है। इसी तरह, एनसीआर में राज्यों को 2016 में दी गई अस्थायी लाइसेंसों की संख्या में 50 प्रतिशत से अधिक देने से रोक दिया गया है। अस्थायी लाइसेंसों का वितरण क्षेत्र अधिकारी तय करेंगे।
अदालत ने कहा कि चूंकि दिल्ली और एनसीआर में बिक्री के लिए पर्याप्त पटाखे उपलब्ध हैं, संबंधित प्राधिकरण यह सुनिश्चित करेगा कि अगले आदेश तक दिल्ली और एनसीआर में पटाखे नहीं आएंगे।। कोर्ट ने कहा कि हमारी राय में दशहरा और दीवाली के लिए 50,00,000 किलोग्राम पटाखे जरूरत से कहीं ज्यादा हैं।'