24 हफ्ते से प्रेग्नेंट 20 साल की पुणे की लड़की को अबॉर्शन की इजाजत
20 साल की इस लड़की की पुणे के हॉस्पिटल में जांच की गई थी। डॉक्टर्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि भ्रूण बिना सिर और दिमाग के डेवलप हो गया है
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने 24 हफ्ते से प्रेग्नेंट 20 साल की पुणे की लड़की को अबॉर्शन की इजाजत दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर फैसला सुनाया है। कोर्ट ने इस मामले की पिछली सुनवाई के दौरान मेडिकल बोर्ड बनाने का आदेश दिया था और रिपोर्ट सौंपने के लिए 31 अगस्त की तारीख मुकर्रर की थी।
20 साल की इस लड़की की पुणे के हॉस्पिटल में जांच की गई थी। डॉक्टर्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि भ्रूण बिना सिर और दिमाग के डेवलप हो गया है और इसके जिंदा बचने की गुंजाइश बेहद कम है। कानूनन 20 हफ्ते के बाद गर्भपात नहीं कराया जा सकता। इसके तहत सात साल की सजा का प्रावधान है। लेकिन गर्भ में पल रहे भ्रूण में कई तरह की विकृतियां होने और मां की जान के खतरे को देखते हुए कोर्ट की ओर से ऐसा फैसला लिया गया है।
पिटीशनर
का
कहना
था
कि
उसके
गर्भ
में
पल
रहे
भ्रूण
में
सिर
डेवलप
नहीं
हो
सका
है
और
अगर
बच्चा
पैदा
हो
भी
जाता
है
तो
जिंदा
नहीं
बच
पाएगा।
ऐसी
स्थिति
में
उसे
अबॉर्शन
की
इजाजत
दी
जानी
चाहिए।